संतुलित, पारस्परिक रूप से लाभकारी एफटीए भारत और यूरोपीय संघ दोनों के लिए अच्छा साबित होगा
नेत्रपाल पवनेश
- 29 Oct 2025, 08:01 PM
- Updated: 08:01 PM
नयी दिल्ली, 29 अक्टूबर (भाषा) राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश ने बुधवार को विश्वास जताया कि भारत-यूरोपीय संघ मुक्त व्यापार समझौता (एफटीए) जल्द ही पूरा हो जाएगा और एक संतुलित एवं पारस्परिक रूप से लाभकारी समझौता दोनों पक्षों के लिए बेहतर साबित होगा।
हरिवंश ने यह बात यूरोपीय संसद की अंतरराष्ट्रीय व्यापार मामलों की समिति (आईएनटीए) के संसदीय प्रतिनिधिमंडल के साथ बैठक के दौरान कही, जिसका नेतृत्व भारत के लिए आईएनटीए की स्थायी प्रतिवेदक क्रिस्टीना मैस्ट्रे ने किया।
बैठक में हरिवंश ने कहा कि भारत और यूरोपीय संघ (ईयू) दो सबसे बड़े और सबसे जीवंत लोकतंत्र, खुले बाजार वाली अर्थव्यवस्थाएं और बहुलवादी समाज हैं।
उन्होंने कहा कि भारत-यूरोपीय संघ संबंधों की गति निरंतर बढ़ रही है। दोनों पक्षों ने विश्वास व्यक्त किया कि भारत-यूरोपीय संघ मुक्त व्यापार समझौता (एफटीए) शीघ्र ही पूरा हो जाएगा।
इस संबंध में जारी एक बयान के अनुसार, हरिवंश ने विश्वास व्यक्त किया कि दोनों पक्ष एक सफल एफटीए को साकार करने के दृष्टिकोण को साझा करते हैं जो आज की अनिश्चित भू-राजनीतिक वास्तविकताओं के बीच उनके मध्य विश्वसनीय साझेदारी को और मजबूत करेगा।
व्यापार समझौतों के समर्थन में यूरोपीय संसद, विशेष रूप से आईएनटीए समिति की भूमिका को स्वीकार करते हुए उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि एक संतुलित, पारस्परिक रूप से लाभकारी एफटीए का निष्कर्ष भारत और यूरोपीय संघ दोनों के लिए बेहतर रहेगा।
मजबूत आर्थिक संबंधों पर प्रकाश डालते हुए हरिवंश ने कहा कि यूरोपीय संघ भारत का अग्रणी व्यापार और निवेश साझेदार होने के साथ-साथ प्रौद्योगिकी का एक प्रमुख स्रोत भी है।
उन्होंने रेखांकित किया कि यूरोपीय संघ, एक समूह के रूप में, पिछले वित्त वर्ष में वस्तुओं के मामले में भारत का सबसे बड़ा द्विपक्षीय व्यापारिक साझेदार था।
उनके कार्यालय द्वारा जारी बयान के अनुसार, राज्यसभा के उपसभापति ने कहा कि नए रणनीतिक यूरोपीय संघ-भारत एजेंडे में उल्लिखित कई कदम पहले से ही चर्चा में हैं, जिनमें वर्ष के अंत तक भारत-यूरोपीय संघ एफटीए को अंतिम रूप देना और सुरक्षा एवं रक्षा साझेदारी को निष्कर्ष तक ले जाना शामिल है, जिनके अगले भारत-यूरोपीय संघ शिखर सम्मेलन के लिए महत्वपूर्ण साबित होने की उम्मीद है।
सितंबर में यूरोपीय संघ द्वारा घोषित संयुक्त संदेश का उल्लेख करते हुए उन्होंने इसे एक बहुत ही सकारात्मक विकास बताया। संदेश में साझेदारी को बढ़ाने के लिए ‘‘नए भारत-यूरोपीय संघ रणनीतिक एजेंडे’’ की रूपरेखा दी गई थी।
हरिवंश ने यूरोपीय संघ के संयुक्त संदेश में प्रतिबिंबित महत्वाकांक्षा की सराहना की और साझेदारी को आगे बढ़ाने में इसके महत्व को स्वीकार किया, विशेष रूप से व्यापार, प्रौद्योगिकी, सुरक्षा, रक्षा, नवाचार, जलवायु, कनेक्टिविटी, गतिशीलता और वैश्विक शासन के क्षेत्रों में।
यह बैठक ऐसे महत्वपूर्ण समय हुई, जब केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल अपने यूरोपीय समकक्षों के साथ वार्ता के लिए ब्रसेल्स में हैं। इस दौरान उन्होंने भारत-यूरोपीय संघ साझेदारी को आगे बढ़ाने के लिए दोनों पक्षों की साझा प्रतिबद्धता को रेखांकित किया।
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