अदालत ने डायनामाइट न्यूज के खिलाफ कॉपीराइट मामले में एएनआई के आचरण की आलोचना की
प्रशांत
- 29 Oct 2025, 07:44 PM
- Updated: 07:44 PM
(पांचवें पैरा में वकील के नाम में सुधार के साथ)
नयी दिल्ली, 29 अक्टूबर (भाषा) दिल्ली उच्च न्यायालय ने समाचार एजेंसी एशियन न्यूज इंटरनेशनल (एएनआई) की इस बात के लिए बुधवार को कड़ी आलोचना की कि उसने कथित कॉपीराइट उल्लंघन को लेकर अदालत में मामला लंबित होने के बावजूद डाइनामाइट न्यूज नेटवर्क के चैनल को ‘ब्लॉक’ (रोक लगाने) करने के लिए सीधे यूट्यूब से संपर्क किया।
उच्च न्यायालय ने समाचार एजेंसी की आलोचना करते हुए उसकी अपील खारिज कर दी, जिसमें यूट्यूब को डायनामाइट न्यूज चैनल को ‘अनब्लॉक’ (फिर से शुरू करने) करने का निर्देश देने वाले आदेश को चुनौती दी गई थी।
न्यायमूर्ति सी. हरिशंकर और न्यायमूर्ति ओम प्रकाश शुक्ला की खंडपीठ को सूचित किया गया कि एएनआई ने इस मामले में आदेश पारित करने वाले एकल न्यायाधीश को सूचित किए बिना ही कुछ नये यूआरएल के साथ यूट्यूब से संपर्क किया और आरोप लगाया कि उसके कॉपीराइट का उल्लंघन किया गया है।
खंडपीठ ने कहा, ‘‘अपीलकर्ता (एएनआई) ने जिस तरह से इस मामले में कदम उठाया है उस पर हम अपनी अप्रसन्नता जताते हैं। एएनआई के कॉपीराइट वाद में एकल न्यायाधीश द्वारा 21 मार्च को पारित आदेश के बाद प्रतिवादी (डायनामाइट न्यूज) के यूट्यूब चैनल को ‘अनब्लॉक’ किया गया था।’’
अदालत में डायनामाइट न्यूज की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता कुनाल वजानी पैरवी कर रहे थे।
अदालत ने कहा कि एएनआई ने 21 मार्च के आदेश को लेकर जिस तरह से कदम उठाया और 21 मार्च के आदेश पारित होने से पहले के यूआरएल को लेकर सीधे यूट्यूब से संपर्क करके प्रतिवादी के यूट्यूब चैनल को एक बार फिर से ‘ब्लॉक’ करवा दिया, वह "निंदनीय" है।
गत 21 मार्च को, डायनामाइट न्यूज ने एकल न्यायाधीश को बताया था कि वह एएनआई द्वारा दावा किए गए नौ कथित उल्लंघनकारी वीडियो को अपने यूट्यूब चैनल से हटा देगा और दावा किया था कि उक्त वीडियो किसी कर्मी द्वारा गलती से पुन: प्रस्तुत किये गए थे।
यह भी कहा गया कि डायनामाइट न्यूज भविष्य में एएनआई के वीडियो का इस्तेमाल या उन्हें पुन: प्रस्तुत नहीं करेगा।
यह मामला 14 अक्टूबर को एकल न्यायाधीश के समक्ष फिर से उल्लेखित किया गया, जिसमें डायनामाइट न्यूज ने कहा कि एएनआई ने नए यूआरएल के साथ यूट्यूब से संपर्क किया जो 21 मार्च के आदेश से पहले अपलोड किए गए थे और कॉपीराइट के उल्लंघन का आरोप लगाया। इसके कारण यूट्यूब ने डायनामाइट के चैनल को ‘ब्लॉक’ कर दिया।
डायनामाइट न्यूज के वकील ने एकल न्यायाधीश से कहा था कि एएनआई ने आदेश की तारीख से पहले अपलोड किए गए यूआरएल को हटाने के लिए अदालत से संपर्क किए बिना यूट्यूब से संपर्क करके आदेश का उल्लंघन करने की कोशिश की।
आदेश के अनुपालन में, डायनामाइट न्यूज ने अपने चैनल को ‘अनब्लॉक’ कराने के लिए यूट्यूब से संपर्क किया था।
उसने कहा था कि वह समाचार एजेंसी द्वारा उसके संज्ञान में लाए गए नए यूआरएल को ‘ब्लॉक’ करने के लिए तैयार है।
इसके बाद एकल न्यायाधीश ने यूट्यूब को निर्देश दिया था कि एएनआई से यूआरएल की सूची प्राप्त होने के बाद, समाचार मंच द्वारा यूट्यूब से संपर्क करने के दो दिनों के भीतर, वह डायनामाइट न्यूज के चैनल को ‘अनब्लॉक’ करे।
बुधवार की सुनवायी के दौरान पीठ ने कहा कि यूट्यूब से सीधे संपर्क करने से पहले, एएनआई ने एकल न्यायाधीश का रुख करना उचित नहीं समझा, जबकि मामला अदालत में था।
पीठ ने अपील को यह कहते हुए खारिज कर दिया कि इसमें कोई दम नहीं है और यह पूरी तरह से अनुचित है।
एएनआई का प्रतिनिधित्व करने वाले वकील ने अदालत से आग्रह किया कि वह अपनी टिप्पणियों को वर्तमान मामले तक ही सीमित रखे ताकि कॉपीराइट उल्लंघन के अन्य मुकदमों में समाचार एजेंसी के खिलाफ उनका हवाला न दिया जाए।
अदालत ने हालांकि यह कहते हुए इस अनुरोध को स्वीकार करने से इनकार कर दिया कि वह अन्य अदालतों के हाथ नहीं बांध सकती।
भाषा
अमित नरेश