भाजपा ने लोगों से जाति जनगणना के दौरान धर्म कॉलम में 'हिंदू' लिखने की अपील की
पवनेश पारुल
- 20 Sep 2025, 12:40 AM
- Updated: 12:40 AM
बेंगलुरु, 19 सितंबर (भाषा) भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की कर्नाटक इकाई के अध्यक्ष बीवाई विजयेंद्र ने शुक्रवार को आरोप लगाया कि कांग्रेस सरकार अपने सामाजिक और शैक्षणिक सर्वेक्षण (जातिगत जनगणना) के माध्यम से हिंदू धर्म को बांटने का प्रयास कर रही है। उन्होंने लोगों से अपील की कि वे जातिगत जनगणना के दौरान धर्म कॉलम में खुद को 'हिंदू' के रूप में दर्ज करें।
हाल ही में वीरशैव-लिंगायत महासभा ने अपने समुदाय के लोगों से अपील की थी कि वे धर्म कॉलम में खुद के लिए 'वीरशैव-लिंगायत' लिखें।
यह सर्वेक्षण 22 सितंबर से सात अक्टूबर के बीच प्रस्तावित है, जिसकी अनुमानित लागत 420 करोड़ रुपये है।
शिकारीपुरा से विधायक विजयेंद्र ने पत्रकार वार्ता में कहा, “भाजपा के राजनीतिक चिंतन शिविर में हमने संकल्प लिया है कि जातिगत जनगणना के दौरान किसी भी जाति या समुदाय के लोग धर्म कॉलम में केवल 'हिंदू' ही लिखें।”
उन्होंने आरोप लगाया, “कांग्रेस सरकार ने इस सर्वेक्षण को हिंदू समाज को बांटने का माध्यम बना दिया है।”
भाजपा नेता ने स्पष्ट किया कि जाति और उपजाति की पहचान संबंधित समुदायों पर छोड़ दी गई है, लेकिन उन्होंने आग्रह किया कि “राष्ट्र और राज्य के हित में सभी लोग धर्म कॉलम में 'हिंदू' ही लिखें।”
विजयेंद्र ने यह भी आरोप लगाया कि कर्नाटक में कांग्रेस सरकार जातिगत जनगणना को आगे बढ़ा रही है, जबकि राज्यों के पास इसे कराने का अधिकार नहीं है।
उन्होंने कहा, “उन्होंने (राज्य सरकार) 47 नयी जातियों का निर्माण कर दिया है—जैसे कि क्रिश्चियन लिंगायत, क्रिश्चियन वोक्कालिगा, क्रिश्चियन बुनकर, क्रिश्चियन अनुसूचित जाति, जनजाति आदि—जिससे समाज में भ्रम की स्थिति उत्पन्न हो रही है।”
भाजपा नेता ने कहा कि सिद्धरमैया सरकार के सत्ता में आने के बाद से कांताराजु रिपोर्ट को लेकर कई चर्चाएं हुई हैं।
उन्होंने कहा, “हमने इस रिपोर्ट का यह कहते हुए विरोध किया था कि यह वैज्ञानिक नहीं है। सिद्धरमैया सरकार ने यह रिपोर्ट केवल इसलिए कूड़ेदान में डाल दी, क्योंकि राहुल गांधी ने ऐसा करने को कहा था।”
यह रिपोर्ट पिछड़ा वर्ग आयोग के तत्कालीन अध्यक्ष एच कांताराजु के नेतृत्व में तैयार की गई थी। सर्वेक्षण का कार्य 2018 में सिद्धरमैया के पहले कार्यकाल के अंत में पूरा हुआ था, और रिपोर्ट को फरवरी 2024 में कांताराजु के उत्तराधिकारी के जयप्रकाश हेगड़े ने अंतिम रूप दिया था।
विजयेंद्र ने आगे कहा कि पहले की सिद्धरमैया सरकार ने भी वीरशैव-लिंगायत को अलग धर्म कहकर समाज में भ्रम की स्थिति पैदा की थी और “समाज में आग लगाने का काम किया था।”
विजयेंद्र ने बताया कि भाजपा के चिंतन शिविर में दो प्रमुख प्रस्ताव पारित हुए।
उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में राजग सरकार ने जीएसटी को सरल बनाया है। राज्य और देश के लोग इस फैसले से खुश हैं।”
विजयेंद्र ने बताया कि शिविर में सर्वसम्मति से मोदी और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को बधाई दी गई।
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