दुनिया को संघर्ष शुरू और खत्म करने के बारे में भारत से सबक लेना चाहिए: वायुसेना प्रमुख
प्रशांत पारुल
- 19 Sep 2025, 09:36 PM
- Updated: 09:36 PM
नयी दिल्ली, 19 सितंबर (भाषा) वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल एपी सिंह ने शुक्रवार को कहा कि दुनिया को भारत से यह सबक सीखना चाहिए कि किसी संघर्ष को कैसे शुरू किया जाए और उसे यथाशीघ्र कैसे समाप्त किया जाए। उन्होंने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के दौरान भारत की ओर से स्पष्ट लक्ष्य निर्धारित किए जाने की बात को रेखांकित किया।
एक कार्यक्रम में अपने संबोधन में वायु सेना प्रमुख ने कहा कि सेना को ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के लिए पूरी स्वतंत्रता दी गई थी और राजनीतिक नेतृत्व ने उस पर कोई पाबंदी नहीं लगाई गई थी।
एयर चीफ मार्शल ने कहा कि 7-10 मई को पाकिस्तान के साथ हुए संघर्ष के दौरान वायु शक्ति की उत्कृष्टता प्रदर्शित हुई थी। उन्होंने कहा कि एस-400 मिसाइल प्रणाली बाजी पलटने वाली साबित हुई, क्योंकि इस हथियार का दायरा और ताकत को देखते हुए दुश्मन घबरा गया था।
एयर चीफ मार्शल ने कहा कि पाकिस्तान के कई सैन्य ठिकानों को नुकसान पहुंचा।
उन्होंने कहा, “उसकी (पाकिस्तान) कई सैन्य सुविधाएं, रडार, नियंत्रण एवं समन्वय केंद्र, हैंगर, विमान, सभी को भारी नुकसान हुआ।”
वायु सेना प्रमुख ने 2019 के बालाकोट हवाई हमलों की प्रभावशीलता का सबूत मांगने वालों पर निशाना साधते हुए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के दौरान पाकिस्तान को हुए नुकसान का कुछ ग्राफिक विवरण दिखाया।
एयर चीफ मार्शल सिंह ने कहा कि दुनियाभर में लंबे समय से चल रहे अनेक युद्धों की पृष्ठभूमि में संघर्ष समाप्ति इस अभियान का एक महत्वपूर्ण पहलू था।
उन्होंने इस विचार को भी खारिज कर दिया कि भारत को पाकिस्तान के खिलाफ सैन्य अभियान जारी रखना चाहिए था।
वायु सेना प्रमुख ने कहा, “हमने लोगों को यह कहते हुए सुना कि हमें थोड़ा और प्रयास करना चाहिए था। हमने युद्ध बहुत जल्दी रोक दिया। हां, वे (पाकिस्तान) पीछे हट गए थे, इसमें कोई संदेह नहीं है, लेकिन हमारा उद्देश्य क्या था? हमारा उद्देश्य आतंकवाद विरोधी था।”
उन्होंने कहा, “हमें उन पर हमला करना ही था। हमने ऐसा किया भी। इसलिए अगर हमारे उद्देश्य पूरे हो गए, तो फिर हमें संघर्ष क्यों नहीं समाप्त करना चाहिए? हमें संघर्ष क्यों जारी रखना चाहिए? क्योंकि किसी भी संघर्ष की बहुत बड़ी कीमत चुकानी पड़ती है।”
एयर चीफ मार्शल सिंह ने कहा कि इस अभियान के जारी रहने से “अगले अभियान के लिए हमारी तैयारियों” पर असर पड़ सकता था। उन्होंने कहा, “इससे हमारी अर्थव्यवस्था प्रभावित होती। इसका असर देश की सामान्य प्रगति पर भी पड़ता।”
रूस-यूक्रेन युद्ध सहित विभिन्न मौजूदा संघर्षों का हवाला देते हुए वायु सेना प्रमुख ने कहा कि जब युद्ध शुरू होता है, तो दुनिया अपने उद्देश्यों को भूल जाती है।
उन्होंने कहा, “अब उनका उद्देश्य बदल रहा है। अहंकार बीच में आ रहा है। और यहीं पर मुझे लगता है कि दुनिया को भारत से यह सबक सीखना चाहिए कि किसी संघर्ष को कैसे शुरू किया जाए और उसे यथाशीघ्र कैसे समाप्त किया जाए।”
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