नीरज घेवाण की ‘होमबाउंड’ ऑस्कर के लिए भारत की आधिकारिक प्रविष्टि बनी
प्रशांत पवनेश
- 19 Sep 2025, 09:27 PM
- Updated: 09:27 PM
कोलकाता, 19 सितंबर (भाषा) फिल्मकार नीरज घेवाण की हिंदी फिल्म ‘होमबाउंड’ को 2026 अकादमी पुरस्कारों के लिए सर्वश्रेष्ठ अंतरराष्ट्रीय फीचर श्रेणी में भारत की आधिकारिक प्रविष्टि के रूप में चुना गया है।
फिल्म को कान फिल्म महोत्सव में अन सर्टेन रिगार्ड श्रेणी में चुना गया था और हाल ही में टोरंटो अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव में भी यह प्रदर्शित की गई थी। ‘होमबाउंड’ को चयन समिति के अध्यक्ष एन. चंद्रा द्वारा ऑस्कर में भारत का प्रतिनिधित्व करने के लिए चुना गया।
कोलकाता में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए चंद्रा ने कहा कि विभिन्न भाषाओं की कुल 24 फिल्में ऑस्कर में देश का प्रतिनिधित्व करने की दौड़ में थीं।
उन्होंने कहा, “यह बहुत मुश्किल चुनाव था। ये ऐसी फिल्में थीं जिन्होंने लोगों के जीवन को छुआ। हम जज नहीं, बल्कि कोच थे। हम ऐसे खिलाड़ियों की तलाश कर रहे थे जिन्होंने अपनी छाप छोड़ी हो।”
उन्होंने कहा, “ ‘होमबाउंड’ को देश का प्रतिनिधित्व करने के लिए जूरी द्वारा सर्वसम्मति से चुना गया।”
घेवाण ने इंस्टाग्राम पर यह खबर साझा की और प्रतिक्रिया व्यक्त की, “हे भगवान!!! यह सच है!!”
यह पूछे जाने पर कि क्या “द बंगाल फाइल्स” जैसी विवादास्पद फिल्में इस सूची में जगह नहीं बना पाईं, चंद्रा ने कहा कि सूची में शामिल प्रत्येक फिल्म एक मजबूत दावेदार है।
उन्होंने कहा, “लेकिन हमें भारत से एक ऐसी फिल्म का चयन करना था जो ऑस्कर में देश का प्रतिनिधित्व करेगी और ‘होमबाउंड’ को चुना गया।”
“द बंगाल फाइल्स” के अलावा, “पुष्पा 2”, “द पायर”, “केसरी”, “सुपरबॉयज ऑफ मालेगांव”, “वीरा चंद्रहास” उन फिल्मों में शामिल थीं, जिन्हें निर्माताओं, निर्देशकों, लेखकों, संपादकों और पत्रकारों की 14 सदस्यीय चयन समिति द्वारा चुना जाना था।
करण जौहर और अदार पूनावाला द्वारा निर्मित 'होमबाउंड' में ईशान खट्टर, विशाल जेठवा और जान्हवी कपूर मुख्य भूमिकाओं में हैं।
यह फिल्म पत्रकार बशारत पीर के ‘द न्यूयॉर्क टाइम्स’ के लेख “टेकिंग अमृत होम” से प्रेरित है, जिसका शीर्षक भी (ए फ्रेंडशिप, ए पैनडेमिक एंड ए डेथ बिसाइड द हाईवे) है।
यह उत्तर भारत के एक छोटे से गांव के दो बचपन के दोस्तों की कहानी है, जिनमें से एक मुसलमान और दूसरा दलित है, जो पुलिस की नौकरी पाने के लिए प्रयासरत हैं, जो उन्हें वह सम्मान दिलाने का वादा करती है, जिससे वे लंबे समय से वंचित हैं।
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