छोटे स्तर पर मत्स्य पालन में लगभग आधी हिस्सेदारी महिलाओं की: अध्ययन
राजेश राजेश रमण
- 19 Sep 2025, 07:35 PM
- Updated: 07:35 PM
कोच्चि/चेन्नई, 19 सितंबर (भाषा) देश में लघु-स्तरीय मत्स्य पालन कार्यबल में लगभग आधी हिस्सेदारी महिलाओं की है। ये महिलाएं लाखों लोगों का पेट भरने के साथ तटीय तथा अंतर्देशीय समुदायों की आजीविका को बनाए हुई हैं। एक अध्ययन में यह कहा गया है।
संयुक्त राष्ट्र के खाद्य एवं कृषि संगठन (एफएओ) के ग्लोबल इल्यूमिनेटिंग हिडन हार्वेस्ट्स (आईएचएच) द्वारा किए गए इस अध्ययन के अनुसार, देश में कुल 48 लाख महिलाएं लघु-स्तरीय मत्स्य पालन में संलग्न हैं, जो इस क्षेत्र से जुड़े हर 10 लोगों में से चार (40 प्रतिशत) हैं।
अध्ययन के मुताबिक, उनका योगदान पूरी मूल्य श्रृंखला में है। इसमें जाल बनाने और नाव चलाने जैसी मछली पकड़ने से पहले की गतिविधियों में 27 प्रतिशत, मछली पकड़ने में 18 प्रतिशत और मछली पकड़ने के बाद की देखभाल, प्रसंस्करण और व्यापार में 55 प्रतिशत का महत्वपूर्ण योगदान शामिल है।
शुक्रवार को जारी एक बयान के अनुसार, चेन्नई में एफएओ और बंगाल की खाड़ी कार्यक्रम अंतर-सरकारी संगठन (बीओबीपी-आईजीओ) द्वारा संयुक्त रूप से आयोजित बंगाल की खाड़ी तटीय देशों की तीन दिवसीय क्षेत्रीय बैठक में इस अध्ययन पर चर्चा की गई।
बीओबीपी ने अध्ययन का हवाला देते हुए कहा कि महिलाओं का कार्य यह सुनिश्चित करता है कि यह क्षेत्र न केवल पोषण प्रदान करे, बल्कि पारिवारिक आय और स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी सहारा दे।
बीओबीपी-आईजीओ बंगाल की खाड़ी से लगे देशों - बांग्लादेश, भारत, मालदीव और श्रीलंका - के लिए एक क्षेत्रीय मत्स्य सलाहकार निकाय (आरएफएबी) है। यह अपने सदस्य देशों के लिए मत्स्य प्रबंधन से संबंधित सीमा पार और समकालीन राष्ट्रीय मुद्दों पर एक शोध संस्थान के रूप में कार्य करता है।
अध्ययन में अनुमान लगाया गया है कि लघु-स्तरीय मत्स्य पालन, पकड़ी गई मछली की पहली बिक्री से सालाना 2.3 अरब डॉलर उत्पन्न करता है। इसमें उपभोक्ताओं तक पहुंचने वाली मछली के प्रसंस्करण और विपणन में महिलाएं केंद्रीय भूमिका निभाती हैं।
आजीविका के अलावा, पोषण सुरक्षा के लिए भी महिलाओं की भागीदारी महत्वपूर्ण है। रिपोर्ट के अनुसार, भारत में लगभग 7.9 करोड़ लोगों के लिए मत्स्यपालन छह प्रमुख पोषक तत्वों के अनुशंसित आहार सेवन का 20 प्रतिशत पूरा कर सकती है। इनमें ओमेगा-3 फैटी एसिड, विटामिन ए, आयरन और जिंक शामिल हैं।
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