चौकस प्रशासन ने राजुरा विधानसभा क्षेत्र में फर्जी मतदाता पंजीकरण को किया विफल : अधिकारी
राजकुमार दिलीप
- 19 Sep 2025, 10:42 PM
- Updated: 10:42 PM
चंद्रपुर (महाराष्ट्र), 18 सितंबर (भाषा) चुनाव अधिकारियों की त्वरित कार्रवाई से महाराष्ट्र के राजुरा निर्वाचन क्षेत्र में 2024 के विधानसभा चुनाव से पहले पुनरीक्षण प्रक्रिया के दौरान 6,861 आवेदन खारिज कर दिये जाने के साथ ही बड़े पैमाने पर फर्जी मतदाता पंजीकरण के प्रयास को विफल कर दिया। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।
पूर्वी महाराष्ट्र के चंद्रपुर जिले का राजुरा तब सुर्खियों में आया, जब कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने बृहस्पतिवार को नयी दिल्ली में प्रेसवार्ता में आरोप लगाया कि स्वचालित सॉफ्टवेयर की मदद से ‘धोखाधड़ी’ से निर्वाचन क्षेत्र में 6,850 मतदाताओं को मतदाता सूची में जोड़ा गया।
राजुरा विधानसभा क्षेत्र के निर्वाचक पंजीयन अधिकारी (ईआरओ) रवींद्र माने के अनुसार, पुनरीक्षण प्रक्रिया के दौरान बहुत कम समय में असामान्य रूप से बड़ी संख्या में ऑनलाइन आवेदन प्राप्त हुए थे।
उन्होंने बताया कि किसी औपचारिक शिकायत का इंतज़ार किये बिना, अधिकारियों ने सत्यापन शुरू किया और कई विसंगतियां पाईं।
माने ने एक बयान में कहा, ‘‘2024 में एक से 17 अक्टूबर तक प्रस्तुत 7,592 आवेदनों में से 6,861 को अस्वीकार कर दिया गया, क्योंकि यह पाया गया कि आवेदक या तो दिए गए पते पर नहीं रह रहे थे, या अस्तित्व में नहीं थे, या उन्होंने अधूरे दस्तावेज और तस्वीरें प्रस्तुत की थीं।’’
राजुरा के सहायक निर्वाचन पंजीयन अधिकारी और तहसीलदार द्वारा बूथ स्तरीय अधिकारियों (बीएलओ) के माध्यम से सत्यापन किया गया। बयान में कहा गया है कि जांच के बाद, अस्वीकृति का एक विस्तृत प्रस्ताव 17 अक्टूबर, 2024 को जिला कार्यालय को सौंपा गया।
महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव 20 नवंबर, 2024 को हुए थे और वोटों की गिनती तीन दिन बाद हुई थी।
माने का यह स्पष्टीकरण लोकसभा में विपक्ष के नेता गांधी द्वारा राजुरा में मतदाता सूची में अनियमितताओं के लगाए गए आरोपों के बाद आया है।
मामले की गंभीरता को देखते हुए, जिला निर्वाचन अधिकारी ने सभी आवेदनों की गहन जांच के निर्देश दिए। बयान में कहा गया है कि जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1950 और सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000 के प्रावधानों के तहत आपराधिक कार्यवाही शुरू करने के भी निर्देश दिए गए।
इन निर्देशों के आधार पर, ईआरओ ने औपचारिक रूप से आवेदनों को खारिज कर दिया और राजुरा थाने में मामला दर्ज किया गया। अधिकारियों ने पुष्टि की है कि पुलिस ने जांच शुरू कर दी है।
भाषा
राजकुमार