हरियाणा सरकार बाढ़ प्रभावित किसानों के लिए क्षतिपूर्ति पैकेज घोषित करे: कांग्रेस सांसद कुमारी शैलजा
राजकुमार माधव
- 19 Sep 2025, 06:17 PM
- Updated: 06:17 PM
(फाइल फोटो के साथ)
चंडीगढ़, 19 सितंबर (भाषा) कांग्रेस महासचिव और सिरसा से सांसद कुमारी शैलजा ने मांग की है कि हरियाणा सरकार हाल में आई बाढ़, जलप्लावन और जलभराव से प्रभावित किसानों की मदद के लिए मुआवजा पैकेज की घोषणा करे।
शैलजा ने कहा कि राज्य सरकार को उचित कदम उठाना चाहिए और प्रभावित किसानों की मदद के लिए अलग से मुआवज़ा पैकेज की घोषणा करनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि इस बार बाढ़ और भारी बारिश से फसलों, खासकर धान को भारी नुकसान हुआ है।
पूर्व केंद्रीय मंत्री शैलजा ने कहा कि हरियाणा में धान की खेती मुख्य रूप से करनाल, कुरुक्षेत्र, कैथल, अंबाला, जींद, यमुनानगर, पानीपत, सिरसा और सोनीपत जैसे जिलों में की जाती है।
उन्होंने एक बयान में कहा कि इनमें से करनाल, कैथल, कुरुक्षेत्र और जींद को धान का कटोरा कहा जाता है तथा विशेष रूप से करनाल बासमती चावल उत्पादन के लिए प्रसिद्ध है।
कुरुक्षेत्र धान की खेती में अग्रणी जिलों में से एक है। कैथल को भी धान का कटोरा कहा जाता है तथा वह धान की खेती के लिए महत्वपूर्ण है।
शैलजा का कहना है कि अंबाला धान की खेती के लिए एक महत्वपूर्ण क्षेत्र है। यमुनानगर में भी धान की खेती बड़े पैमाने पर होती है।
उन्होंने बताया कि सिरसा में भी धान की खेती बड़े पैमाने पर होती है, जहां सीधी बुवाई तकनीक पर ज़ोर दिया जाता है।
शैलजा ने बताया कि इस साल मानसून की मार से किसान बेहद परेशान हैं - खेत जलमग्न हो गए और लंबे समय तक पानी भरा रहा, जिससे धान की फसल को भारी नुकसान हुआ।
उन्होंने कहा कि एक तरफ, चावल के दाने छोटे हैं, तो दूसरी तरफ, वे काले पड़ गए हैं, जिससे चावल की गुणवत्ता प्रभावित हो रही है। उन्होंने कहा किसान पूसा बासमती किस्म 1509 की कीमत और पैदावार को लेकर बेहद चिंतित हैं।
पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि उत्पादन लागत भी वसूल होने की संभावना नहीं दिख रही है, क्योंकि इस सीजन में बाजार में धान की कीमतें पिछले साल के मुकाबले कम हैं।
उन्होंने कहा कि धान की पैदावार भी पिछले साल के मुकाबले काफी कम है, पहले यह 30 क्विंटल प्रति एकड़ तक होती थी, लेकिन अब यह घटकर 20-25 क्विंटल रह गई है और कुछ जिलों में तो यह 15 क्विंटल प्रति एकड़ तक रह गई है।
शैलजा ने हाल में हिसार-ड्रेन के किनारे बसे गांवों का दौरा किया और पानी से भरे खेतों और किसानों की तबाही देखी।
स्थिति पर गहरी चिंता व्यक्त करते हुए, उन्होंने 15 सितंबर को हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी को एक पत्र लिखकर स्थायी समाधान की मांग की।
शैलजा ने शुक्रवार को एक बयान में कहा कि हिसार-घग्गर नाले के टूटने और हाल में हुई भारी बारिश के कारण हिसार, फतेहाबाद और सिरसा में हजारों एकड़ फसलें, मुख्य रूप से धान, कपास और बाजरा, नष्ट हो गई हैं।
उन्होंने कहा कि कई बस्तियों को खाली कराना पड़ा और कुछ जगहों पर घरों को भी नुकसान पहुंचा है।
भाषा
राजकुमार