साउथ कलकत्ता कॉलेज की उप-प्राचार्य ने शासी निकाय के अनुरोध के बाद इस्तीफा वापस लिया
तान्या तान्या पवनेश
- 19 Sep 2025, 04:49 PM
- Updated: 04:49 PM
कोलकाता, 19 सितंबर (भाषा) तनाव संबंधी कारणों का हवाला देते हुए दो दिन पहले इस्तीफा देने वाली साउथ कलकत्ता लॉ कॉलेज की उप-प्राचार्य नोयना चटर्जी ने शुक्रवार को शासी निकाय के अनुरोध के बाद अपना त्यागपत्र वापस ले लिया है।
चटर्जी ने बुधवार को इस्तीफा दिया था। इससे तीन महीने पहले परिसर में एक पूर्व छात्र सहित तीन लोगों द्वारा एक छात्रा के साथ कथित सामूहिक बलात्कार किया था।
नोयना चटर्जी ने कहा," हां, मैंने इस्तीफा दे दिया था, लेकिन कॉलेज के शासी निकाय द्वारा कल किए गए अनुरोध कि नये प्राचार्य की नियुक्ति से पूर्व इस चरण में मेरा जाना संस्थान के शैक्षणिक और प्रशासनिक कार्यों को प्रभावित करेगा, मैंने अपना इस्तीफा वापस ले लिया। एक अन्य पत्र में आधिकारिक तौर पर मैने इस संबंध में सूचना दे दी है।”
उन्होंने कहा, "शासी निकाय चाहता था कि मैं पूर्णकालिक प्रिंसिपल के कार्यभार संभालने तक पद पर बनी रहूं और कहा कि इस समय मेरे इस्तीफे से कर्मचारियों के वेतन वितरण और वित्तीय तथा अन्य प्रशासनिक कार्यों पर असर पड़ेगा।"
अपने पहले पत्र में, चटर्जी ने कहा था कि उन्होंने उप-प्राचार्य पद से इस्तीफा दे दिया है, लेकिन सहायक प्रोफेसर के रूप में काम करना चाहती हैं।
काफी समय से किसी प्राचार्य की अनुपस्थिति में चटर्जी राज्य द्वारा संचालित लॉ कॉलेज की प्रशासनिक जिम्मेदारियों का निर्वहन कर रही थीं।
इससे पहले मुख्य आरोपी और पूर्व छात्र मोनोजीत मिश्रा को परिसर में खुलेआम घूमने देने और बाद में उसे संविदा कर्मचारी के रूप में नियुक्त करने के लिए उनकी आलोचना हुई थी। मिश्रा को 25 जून को गिरफ्तारी के बाद बर्खास्त कर दिया गया था।
मिश्रा को दो निष्कासित छात्रों, जैब अहमद और प्रमित मुखर्जी के साथ, एक प्रथम वर्ष की लॉ छात्रा के साथ बलात्कार के आरोप में गिरफ्तार किया गया था, जो परीक्षा फॉर्म भरने के लिए परिसर में आई थी।
एक सुरक्षा गार्ड पिनाकी बनर्जी को भी अपराध में सहायता करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था, जो कथित तौर पर उसके कमरे में हुआ था।
चटर्जी ने "कुछ प्रशासनिक जिम्मेदारियों से उत्पन्न लगातार दबाव और दिन-प्रतिदिन के कामकाज में सीमित सहयोग" का हवाला देते हुए इस्तीफे की घोषणा की थी।
उच्च शिक्षा विभाग को भेजे गए अपने इस्तीफे में उन्होंने लिखा कि उनका निर्णय इस चिंता से प्रेरित था कि "निर्बाध कामकाज के लिए पद की गरिमा से समझौता नहीं किया जाना चाहिए।"
चटर्जी ने कहा कि विभाग को भेजे गए नए मेल में उन्होंने पद पर बने रहने के अपने फैसले की जानकारी दी है।
शासी निकाय के एक सदस्य ने बताया कि बृहस्पतिवार को हुई बैठक में चटर्जी से अनुरोध किया गया कि वे कोई कठोर कदम न उठाएं और कॉलेज के व्यापक हित में अपने पद पर बनी रहें।
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