कोई भी कानूनी प्रावधान सीसीटीवी फुटेज को आरोपियों के साथ साझा करने की अनुमति नहीं देता: अदालत
देवेंद्र माधव
- 18 Sep 2025, 10:35 PM
- Updated: 10:35 PM
नयी दिल्ली, 18 सितंबर (भाषा) दिल्ली की एक अदालत ने बृहस्पतिवार को कहा कि किसी आपराधिक मामले में आरोपी के साथ सीसीटीवी फुटेज साझा करने की अनुमति देने का कोई कानूनी प्रावधान नहीं है।
न्यायिक मजिस्ट्रेट अंकित गर्ग 38 वर्षीय गगनप्रीत कौर द्वारा सीसीटीवी फुटेज को संरक्षित करने के लिए दायर याचिका पर सुनवाई कर रहे थे।
गगनप्रीत कथित तौर पर बीएमडब्ल्यू चला रही थी, जिसने राजधानी के धौला कुआं इलाके में वित्त मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी के दोपहिया वाहन को टक्कर मार दी थी, जिससे उनकी मौत हो गई थी और उनकी पत्नी गंभीर रूप से घायल हो गईं।
कौर की ओर से पेश हुए वकील गगन भटनागर ने घटना के क्रम के बारे में प्राथमिकी के कुछ हिस्से का हवाला दिया और दलील दी कि पूरा मामला सीसीटीवी फुटेज पर आधारित है।
भटनागर ने कहा कि धौला कुआं मेट्रो के खंभे 65 और 67 के फुटेज की जांच की जानी चाहिए, जिससे कुछ और खुलासा हो सकता है।
मजिस्ट्रेट ने हालांकि कहा कि ऐसा कोई कानूनी प्रावधान या कानून नहीं है जिसके तहत आरोपी को फुटेज उपलब्ध कराया जा सके।
कौर के वकील ने जवाब दिया, ‘‘मैं यह नहीं कह रहा कि इसे मुझे दे दो, बल्कि इसे सुरक्षित रखो और अदालत में जमा करो।’’
उन्होंने आरोप लगाया कि जांच अधिकारी (आईओ) ने याचिका पर टालमटोल वाला जवाब दिया और कहा कि संबंधित व्यक्ति को दिल्ली पुलिस को फुटेज उपलब्ध कराने के लिए नोटिस दिया गया था।
भटनागर ने दावा किया कि वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों ने फुटेज देखने का बयान दिया है, जो जांच अधिकारी के जवाब के विपरीत है।
अदालत ने जांच अधिकारी को 19 सितंबर को पेश होने का निर्देश दिया है। इसके अलावा धौला कुआं थाने के प्रभारी को भी नोटिस जारी किया है।
सुनवाई 19 सितंबर को जारी रहेगी।
कौर को 27 सितंबर तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है और उनकी जमानत याचिका पर 20 सितंबर को सुनवाई होगी।
आर्थिक मामलों के विभाग में उप सचिव एवं हरि नगर निवासी नवजोत सिंह (52) की दिल्ली छावनी मेट्रो स्टेशन के पास रिंग रोड पर रविवार दोपहर को हुई दुर्घटना में मौत हो गई थी।
वह बंगला साहिब गुरुद्वारे में मत्था टेकने के बाद घर लौट रहे थे।
इस घटना के संबंध में बीएनएस की धाराओं 281 (तेज गति से वाहन चलाना), 125बी (दूसरों के जीवन या व्यक्तिगत सुरक्षा को खतरे में डालना), 105 (गैर इरादतन हत्या) और 238 (साक्ष्यों को गायब करना) के तहत मामला दर्ज किया गया है।
भाषा
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