अरुणाचल प्रदेश में राज्यव्यापी आपदा ‘‘मॉक ड्रिल’’ का आयोजन किया गया
अविनाश
- 18 Sep 2025, 08:54 PM
- Updated: 08:54 PM
ईटानगर, 18 सितंबर (भाषा) अरुणाचल प्रदेश के प्रधान सचिव (गृह) कलिंग तायेंग ने बृहस्पतिवार को कहा कि आपदा प्रबंधन को प्रभावी बनाने के लिए दुर्घटना प्रतिक्रिया दल (आईआरटी) के सदस्यों की भूमिकाओं और जिम्मेदारियों को नियमित रूप से अद्यतन करना जरूरी है।
तायेंग जिलेवार आयोजित राज्यस्तरीय ‘मॉक ड्रिल’ के दौरान बोल रहे थे।
उन्होंने जिलों के आपदा प्रबंधन प्राधिकरणों से कहा कि वे अपने-अपने जिले की आपदा प्रबंधन योजनाओं को अद्यतन बनाएं ताकि आपदा के समय बेहतर तरीके से प्रतिक्रिया दी जा सके।
उन्होंने आपातकालीन स्थिति में संचार व्यवस्था की अहम भूमिका पर जोर दिया और दूरसंचार विभाग को आपदा प्रबंधन विभाग के साथ मिलकर जिलों में महत्वपूर्ण दूरसंचार परिसंपत्तियों की पहचान और सुरक्षा सुनिश्चित करने के निर्देश दिए।
उन्होंने कहा कि इस दौरान संचार ढांचों को लगातार बिजली आपूर्ति उपलब्ध रहनी चाहिए।
एक आधिकारिक विज्ञप्ति के अनुसार, यह ‘मॉक ड्रिल’ राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) के मार्गदर्शन और अरुणाचल प्रदेश राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एपीएसडीएमए) द्वारा आयोजित किया गया।
एनडीएमए के प्रमुख सलाहकार मेजर जनरल (सेवानिवृत्त) सुधीर बहल ने इस अभ्यास का समन्वय किया, जो राज्य आपदा प्रबंधन सचिव दानी सालू की देखरेख में आयोजित किया गया।
अभ्यास में 7.7 तीव्रता के भूकंप का परिदृश्य बनाया गया, जिसका केंद्र ईटानगर राजधानी क्षेत्र से 40 किलोमीटर उत्तर-पूर्व और 26 किलोमीटर की गहराई पर माना गया। सुबह सायरन बजाकर इस ड्रिल की शुरुआत हुई और राज्य व जिला आपातकालीन संचालन केंद्रों को सक्रिय कर 24 घंटे काम करने का निर्देश दिया गया।
दुर्घटना प्रतिक्रिया प्रणाली (आईआरएस) को भी सक्रिय कर दिया गया तथा बड़े पैमाने पर दुर्घटना प्रबंधन की तैयारी के लिए स्वास्थ्य देखभाल सुविधाओं को हाई अलर्ट पर रखा गया।
सार्वजनिक परामर्श में नागरिकों से शांत रहने और सुरक्षित स्थानों पर रहने का आग्रह किया गया तथा आपातकालीन हेल्पलाइन नंबरों का व्यापक प्रचार किया गया।
इसके साथ ही, राज्य आपदा मोचन बल (एसडीएमए) ने खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग के साथ भोजन और आवश्यक आपूर्ति की उपलब्धता की समीक्षा की, जबकि अन्य विभागों की तैयारी के स्तर का आकलन किया गया।
इस ‘मॉक ड्रिल’ में सभी जिला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण, भारतीय सेना सहित विभिन्न एजेंसियों ने भाग लिया।
भाषा राखी