केरल सरकार शिवगिरि मठ और मुथंगा गोलीबारी संबंधी रिपोर्ट जारी करे : एंटनी
अविनाश
- 17 Sep 2025, 10:23 PM
- Updated: 10:23 PM
तिरुवनंतपुरम, 17 सितंबर (भाषा) कांग्रेस के वरिष्ठ नेता ए. के. एंटनी ने बुधवार को केरल सरकार से शिवगिरि मठ में पुलिस कार्रवाई पर न्यायिक आयोग की रिपोर्ट और मुथंगा पुलिस गोलीबारी मामले की सीबीआई जांच रिपोर्ट जारी करने का आग्रह किया। ये दोनों विवादास्पद घटनाएं उनके मुख्यमंत्री कार्यकाल के दौरान हुई थीं।
एंटनी ने कहा कि उन्होंने लंबे अंतराल के बाद संवाददाता सम्मेलन बुलाने का फैसला किया क्योंकि उन्हें लगा कि केरल के मुख्यमंत्री के रूप में उनके कार्यकाल का हवाला देते हुए उन पर कई ‘‘एकतरफा हमले’’ किए गए हैं।
एंटनी ने कहा, ‘‘कल (मंगलवार) एलडीएफ के सदस्यों ने राज्य विधानसभा में पुलिस अत्याचारों पर चर्चा के दौरान इसी तरह के आरोप लगाए। असल में मैंने 2026 के विधानसभा चुनावों के बाद ही प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाने के बारे में सोचा था, लेकिन जब मैंने कल सदन में हमले देखे, तो मैंने इसे पहले ही बुलाने का फैसला किया।’’
शिवगिरि मठ और मुथंगा में जो हुआ, उस पर दुख और खेद व्यक्त करते हुए पूर्व रक्षा मंत्री ने केरल सरकार से दोनों रिपोर्ट जारी करने का आग्रह किया ताकि लोग सच्चाई जान सकें।
एंटनी ने 11 अक्टूबर 1995 को शिवगिरि में हुई पुलिस कार्रवाई के बारे में कहा, ‘‘मैं हमेशा श्री नारायण गुरु और शिवगिरि मठ का प्रशंसक रहा और वहां पुलिस भेजना मेरे लिए सबसे दुखद फैसलों में से एक था। प्रशासनिक प्रमुख होने के नाते, मेरे पास उच्च न्यायालय के आदेश को लागू करने के अलावा कोई विकल्प नहीं था।’’
उन्होंने कहा कि उच्च न्यायालय ने सरकार को अंतिम चेतावनी जारी की थी कि अगर वह पहले के दो असफल प्रयासों के बाद भी आदेश को लागू नहीं करती है तो उसके खिलाफ अवमानना की कार्यवाही की जाएगी।
एंटनी ने कहा, ‘‘उच्च न्यायालय ने निर्देश दिया था कि पुलिस अपनी पूरी शक्ति का इस्तेमाल यह सुनिश्चित करने के लिए करे कि स्वामी प्रकाशानंद गुट स्पष्ट बहुमत से चुनाव जीतने के बाद शिवगिरि मठ पर नियंत्रण हासिल करे।’’
ग्यारह अक्टूबर 1995 को मठ परिसर में झड़पें हुईं, जब पुलिसकर्मियों को स्वामी शाश्वतिकानंद के समर्थकों के एक बड़े समूह के प्रतिरोध का सामना करना पड़ा। इस घटना में 200 से ज्यादा लोग घायल हुए और समाज सुधारक श्री नारायण गुरु द्वारा स्थापित आश्रम को भी भारी नुकसान पहुंचा।
एंटनी ने कहा कि मुथंगा में भी इसी तरह, केंद्रीय पर्यावरण मंत्रालय के दबाव के कारण उन्हें आदिवासियों को बेदखल करने के लिए पुलिस कार्रवाई का आदेश देना पड़ा।
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘मुथंगा एक राष्ट्रीय वन्यजीव अभयारण्य है तथा हमारे पास कोई और विकल्प नहीं था। अटल बिहारी वाजपेयी उस समय प्रधानमंत्री थे, और मुथंगा पुलिस कार्रवाई की सीबीआई जांच हुई थी। सीबीआई जांच रिपोर्ट राज्य सरकार के पास है, और मैं फिर उससे इसे जारी करने का अनुरोध करता हूं।’’
मुथंगा गोलीबारी 19 फरवरी, 2003 को हुई थी, जब पुलिस ने वायनाड के मुथंगा में आदिवासी प्रदर्शनकारियों पर गोलियां चलाई थीं। आदिवासी गोत्र महासभा (एजीएमएस) के नेतृत्व में यह प्रदर्शन केरल सरकार द्वारा आदिवासी समुदाय को वादा की गई जमीन न देने के विरोध में था।
भाषा शफीक