कैग ऑडिट प्रक्रिया को तेज करने के लिए पोर्टल पेश करेगा
प्रेम प्रेम रमण
- 17 Sep 2025, 08:12 PM
- Updated: 08:12 PM
नयी दिल्ली, 17 सितंबर (भाषा) नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (कैग) नवंबर में एक डिजिटल पोर्टल जारी करेगा। यह लगभग 10 लाख संस्थाओं को एकीकृत डिजिटल इंटरफेस प्रदान करेगा जिसकी मदद से सवालों, टिप्पणियों और निरीक्षण रिपोर्टों का सीधा जवाब दिया जा सकेगा।
केंद्रीय महालेखा परीक्षक कार्यालय प्रणाली-आधारित रणनीतिक बदलाव की तरफ कदम बढ़ा रहा है, जिसमें दूरस्थ एवं हाइब्रिड ऑडिट को अपनाया जाएगा। इसका उद्देश्य ऑडिट का दायरा बढ़ाना, संस्थाओं तक भौतिक रूप से जाकर ऑडिट करने में लगने वाले समय को घटाना और ऑडिट निष्कर्ष की गुणवत्ता को सुधारना है।
उप नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक के. एस. सुब्रमण्यम ने यहां संवाददाताओं से कहा कि यह बदलाव जोखिम आधारित योजना, सरकारी मंचों (आईएफएमएस एवं सार्वजनिक निर्माण के लिए 'वामिस' जैसे क्षेत्रीय डेटाबेस) तक सुरक्षित पहुंच और पीएम गतिशक्ति जैसे भौगोलिक उपकरणों के उपयोग पर आधारित है। इसके पीछे मकसद सभी क्षेत्रों में साक्ष्य और निष्पक्षता को मजबूत करना है।
उन्होंने कहा कि दूरस्थ ऑडिट के पायलट अध्ययन कई क्षेत्रों में पूरे हो चुके हैं और अब इन्हें सभी कार्यालयों में लागू किया जा रहा है। रसीदों के ऑडिट में दूरस्थ ऑडिट तेजी से बढ़ रहा है, क्योंकि डेटा अधिक स्वचालित, समृद्ध और मानकीकृत हैं। इसमें केंद्रीय और राज्यों के स्तर पर एक साथ जीएसटी ऑडिट भी शामिल है।
उप नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक ए. एम. बजाज ने कहा कि 'कैग-कनेक्ट' पोर्टल पूरी प्रक्रिया को पारदर्शी, प्रौद्योगिकी-सक्षम और सभी हितधारकों के लिए सुलभ बनाएगा। इससे ऑडिट टिप्पणियों पर नजर रखना और उनका त्वरित समाधान करना आसान होगा।
केंद्र सरकार कृत्रिम मेधा (एआई) के इस्तेमाल से भी स्मार्ट ऑडिट को बढ़ावा दे रही है। इसके तहत कैग-एलएलएम विकसित किया जा रहा है, जो दशकों के संस्थागत ज्ञान तक पहुंच प्रदान करेगा और ऑडिट विश्लेषण में दक्षता एवं निरंतरता बढ़ाएगा।
एआई-संचालित प्रणाली संस्थागत क्षमता को मजबूत करेगी। यह बड़े डेटासेट और आंतरिक दस्तावेजों के विश्लेषण में मदद करेगी, रुझानों एवं जोखिमों की पहचान अधिक सटीकता से कर पाएगी और ऑडिटरों को गहन ऑडिट निष्कर्ष एवं विस्तृत रिपोर्ट तैयार करने में मदद करेगी।
भाषा प्रेम प्रेम