तमिलनाडु के मुख्यमंत्री ने ‘दिल्ली के प्रभुत्व’ की आलोचना की
राजकुमार सुरेश
- 17 Sep 2025, 11:18 PM
- Updated: 11:18 PM
करूर (तमिलनाडु), 17 सितंबर (भाषा) तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम के स्टालिन ने बुधवार को ‘‘दिल्ली के प्रभुत्व’’ की आलोचना करते हुए कहा कि ‘संघीय सरकार’ शब्द का प्रयोग यह दर्शाने के लिए किया जाता है कि राज्य, राष्ट्र की मजबूत नींव का निर्माण करते हैं।
अपनी पार्टी द्रविड़ मुनेत्र कषगम (द्रमुक) के ‘‘मुप्पेरुम विझा’’ कार्यक्रम में अपने संबोधन के दौरान स्टालिन ने ‘हिंदी थोपे जाने’, केंद्र द्वारा तमिलनाडु को नीट से छूट देने से ‘इनकार’ किये जाने, राज्य को शिक्षा निधि जारी न किये जाने, कीलाडी निष्कर्षों की प्राचीनता को ‘छिपाये जाने’ और मतदाता सूची संशोधन के नाम पर मताधिकार का 'हरण' जैसे मुद्दे गिनाये।
उन्होंने घोषणा की कि इसलिए, तमिलनाडु में "दमनकारी उपायों, प्रभुत्वकारी रूख और चीजें थोपने" को लेकर भाजपा का हर समय प्रवेश निषेध है।
उन्होंने कहा कि ऐसा इसलिए है, क्योंकि तमिलनाडु एक ऐसा राज्य है, जिसे सुधारवादी नेता 'पेरियार' ईवी रामासामी, द्रविड़ नेता सी एन अन्नादुरई और दिवंगत द्रमुक संरक्षक एम करुणानिधि ने गढ़ा है।
स्टालिन ने कहा कि वैसे तो भाजपा केंद्र में तीसरी बार सत्ता में है, लेकिन तमिलनाडु में उसकी राजनीतिक बाजीगरी कामयाब नहीं हुई। उन्होंने पूछा, ‘‘क्या आप अब भी हमें नहीं समझते?’’
उन्होंने कहा कि द्रमुक भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार की 'जनविरोधी' गतिविधियों का साहसपूर्वक और सीधे तौर पर विरोध करती है। उन्होंने सवालिये लहजे में कहा, ‘‘क्या द्रमुक धमकी से डरने वाली पार्टी है?"
स्टालिन ने कहा कि द्रमुक शासन को 'राज्यपाल का इस्तेमाल करके' विफल करने की कोशिशों का कानूनी तौर पर विरोध किया जाएगा।
उन्होंने युवाओं का आह्वान करते हुए पूछा, ‘‘क्या बलिदानों के बाद हासिल किए गए अधिकारों को यूं ही छिनने दिया जा सकता है। अगर भाजपा को तुरंत नहीं रोका गया, तो वे राज्यों के अस्तित्व को ही समाप्त करने की ओर बढ़ेंगे और उसने इस संबंध में कश्मीर में एक 'परीक्षण' भी किया।’’
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘यह संघर्ष किसी पार्टी या सत्ता के लिए नहीं है, बल्कि यह तमिलनाडु के लिए है और पूरे राज्य को एकजुट होना चाहिए।’’
उन्होंने कहा, ‘‘लोग अच्छी तरह जानते हैं कि तमिलनाडु के विकास में बाधा डालने वाली विचारधारा ‘भगवा विचारधारा’ है और इसका राजनीतिक चेहरा भाजपा है और हम भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार से लगातार लड़ रहे हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘राज्य, राष्ट्र की मजबूत नींव का निर्माण करते हैं। इसलिए हम इस बात पर जोर देते हैं कि हम संघीय सरकार शब्द का प्रयोग करते हैं।’’
रैली में, स्टालिन ने 2026 के चुनाव में बड़ी जीत और 'द्रविड़ मॉडल 2.0' की शुरुआत का विश्वास व्यक्त किया।
उन्होंने पूर्व मंत्री सेंथिल बालाजी की भी प्रशंसा की और कहा कि उनकी उपस्थिति तमिलनाडु के पश्चिमी क्षेत्र में प्रतिद्वंद्वियों के लिए "शेर की दहाड़" है।
उन्होंने कहा कि 1972 में जब अखिल भारतीय अन्ना द्रविड़ मुनेत्र कषगम (अन्नाद्रमुक) की स्थापना हुई थी, तब इसकी विचारधारा के बारे में पूछे जाने पर, पार्टी ने कहा था कि ‘‘अन्नावाद’’ (द्रविड़ नेता सीएन अन्नादुरई के सिद्धांत) इसकी विचारधारा है।
द्रमुक अध्यक्ष ने कहा कि लेकिन पलानीस्वामी के समय में यह ‘आदिमयवाद’ (दासता) बन गया और पलानीस्वामी अब केंद्रीय मंत्री अमित शाह के सामने पूरी तरह से ‘‘आत्मसमर्पण’’ कर चुके हैं।
मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि खुद को 'छापे' से बचाने के लिए पलानीस्वामी ने अन्नाद्रमुक को भाजपा के पास गिरवी रख दिया।
भाषा राजकुमार