जीएसटी युक्तिसंगत से हरित ऊर्जा को मिलेगी गति, 1.5 लाख करोड़ रुपये तक की हो सकती बचत
रमण अजय
- 17 Sep 2025, 03:37 PM
- Updated: 03:37 PM
नयी दिल्ली, 17 सितंबर (भाषा) नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय ने बुधवार को कहा कि जीएसटी को युक्तिसंगत बनाये जाने से देश में स्वच्छ ऊर्जा बदलाव को गति मिलेगी और लक्ष्य के मुताबिक 2030 तक 300 गीगावाट क्षमता और जोड़ने पर 1.5 लाख करोड़ रुपये तक की बचत हो सकती है।
यह भारत के 2030 तक 500 गीगावाट नवीकरणीय ऊर्जा प्राप्त करने के महत्वाकांक्षी लक्ष्य को देखते हुए महत्वपूर्ण है। 31 अगस्त, 2025 तक बड़े जलविद्युत संयंत्रों को छोड़कर लगभग 193 गीगावाट स्थापित नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता थी। इसमें 123 गीगावाट सौर ऊर्जा और लगभग 53 गीगावाट पवन ऊर्जा शामिल है।
नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय (एमएनआरई) ने बयान में कहा कि भारत की 2030 तक लगभग 300 गीगावाट नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता जोड़ने की योजना है, ऐसे में लागत में दो से तीन प्रतिशत की मामूली कमी से भी 1.0 से 1.5 लाख करोड़ रुपये की बचत हो सकती है।
बयान के अनुसार, नवीकरणीय ऊर्जा मूल्य श्रृंखला में जीएसटी दरों को 12 प्रतिशत से घटाकर पांच प्रतिशत करने से स्वच्छ ऊर्जा परियोजनाओं की लागत कम होगी। इससे बिजली अधिक किफायती होगी और घरों, किसानों, उद्योगों तथा परियोजनाएं विकसित करने वाली कंपनियों को सीधा लाभ होगा।
उदाहरण के लिए, ग्रिड से जुड़ी सौर परियोजना की पूंजीगत लागत आमतौर पर लगभग 3.5-4 करोड़ रुपये प्रति मेगावाट होती है। अब इसमें 20 से 25 लाख रुपये प्रति मेगावाट की बचत होगी।
पांच सौ मेगावाट के सौर पार्क के पैमाने पर, परियोजना लागत में 100 करोड़ रुपये से अधिक की कमी आएगी, जिससे शुल्क प्रतिस्पर्धा में उल्लेखनीय सुधार होगा।
जीएसटी में कमी से नवीकरणीय ऊर्जा शुल्कों में कमी आने की उम्मीद है। इससे वितरण कंपनियों (डिस्कॉम) पर बिजली खरीद का वित्तीय बोझ कम होगा। इससे देश भर में बिजली खरीद लागत में सालाना 2,000-3,000 करोड़ रुपये की बचत हो सकती है।
अंतिम उपभोक्ताओं को सस्ती स्वच्छ बिजली तक बेहतर पहुंच का लाभ मिलेगा, जिससे भारत के पर्यावरण अनुकूल बिजली क्षेत्र को बल मिलेगा।
यह सुधार घरों के लिए रूफटॉप यानी छतों पर लगने वाली सौर प्रणाली को और अधिक किफायती बनाएगा।
एक सामान्य तीन किलोवाट रूफटॉप प्रणाली अब 9,000-10,500 रुपये सस्ती हो जाएगी, जिससे लाखों परिवारों के लिए सौर ऊर्जा अपनाना आसान हो जाएगा और पीएम सूर्य घर: मुफ्त बिजली योजना के क्रियान्वयन में तेजी आएगी।
पीएम-कुसुम योजना के तहत किसानों को भी काफी लाभ होगा।
लगभग 2.5 लाख रुपये की लागत वाला पांच एचपी का सौर पंप अब लगभग 17,500 रुपये सस्ता हो जाएगा। 10 लाख सौर पंपों के पैमाने पर, किसानों को सामूहिक रूप से 1,750 करोड़ रुपये की बचत होगी, जिससे सिंचाई अधिक सस्ती और हरित हो जाएगी।
एमएनआरई ने कहा कि कम जीएसटी, मॉड्यूल और कलपुर्जों की लागत में तीन से चार प्रतिशत की कमी लाकर, देश में विनिर्मित नवीकरणीय ऊर्जा उपकरणों की प्रतिस्पर्धी क्षमता को बढ़ाएगा और ‘मेक इन इंडिया’ तथा आत्मनिर्भर भारत पहलों को समर्थन प्रदान करेगा।
भारत ने 2030 तक 100 गीगावाट सौर विनिर्माण क्षमता का लक्ष्य निर्धारित किया है। यह सुधार घरेलू विनिर्माण केंद्रों में नए निवेश को प्रोत्साहित करेगा।
चूंकि प्रत्येक गीगावाट (एक गीगावाट बराबर 1,000 मेगावाट) विनिर्माण लगभग 5,000 रोजगार सृजित करता है, यह सुधार अगले दशक में पांच से सात लाख प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार को बढ़ावा दे सकता है, जिससे भारत का स्वच्छ ऊर्जा औद्योगिक परिवेश मजबूत होगा।
संशोधित जीएसटी दरें 22 सितंबर, 2025 से लागू होंगी।
इस ऐतिहासिक निर्णय से लाखों उपभोक्ताओं, किसानों, कंपनियों और विनिर्माताओं को सीधा लाभ होगा। साथ ही यह हरित वृद्धि के साथ ऊर्जा स्वतंत्रता के दोहरे लक्ष्यों में भी योगदान देगा।
भाषा रमण