आयुष्मान योजना के तहत गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवा सुनिश्चित करने के प्रयास तेज किये गए
संजीव अमित
- 17 Sep 2025, 12:04 AM
- Updated: 12:04 AM
रायपुर, 16 सितंबर (भाषा) छत्तीसगढ़ में स्वास्थ्य विभाग आयुष्मान भारत योजना के तहत फर्जी दावों और मरीजों से अधिक शुल्क लेने जैसी गैरकानूनी गतिविधियों पर अंकुश लगाने के लिए अस्पतालों की लगातार निगरानी कर रहा है, जिससे यह सुनिश्चित हो कि इस प्रमुख सरकारी पहल का लाभ आम नागरिकों तक पहुंचे और उन्हें गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवा मिले। अधिकारियों ने मंगलवार को यह जानकारी दी।
अधिकारियों ने बताया कि दावों की प्रक्रिया से संबंधित नवीनतम परिशिष्ट से सभी हितधारकों को परिचित कराने और फर्जी दावों की रोकथाम के लिए सामान्य त्रुटियों के बारे में उन्हें जागरूक करने के लिए, सोमवार को आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (एबी-पीएमजेएवाई) – शहीद वीर नारायण सिंह आयुष्मान स्वास्थ्य योजना के तहत उनके लिए एक कार्यशाला आयोजित की गई।
उन्होंने बताया कि योजना के अंतर्गत जनवरी 2025 में राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण, भारत सरकार द्वारा नयी दिल्ली में आयोजित बैठक में जानकारी दी गई कि छत्तीसगढ़ में देश में सबसे अधिक ‘फ्रॉड क्लेम’ (फर्जी दावे) पाए गए हैं और ऐसे अस्पतालों की संख्या के मामले में छत्तीसगढ़ चौथे स्थान पर है।
कार्यशाला में अस्पतालों को जानकारी दी गई कि ‘ट्रिगर क्लेम’ को कैसे कम किया जा सकता है।
कार्यशाला में अपने संबोधन में, राज्य के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग के सचिव अमित कटारिया ने बताया कि आयुष्मान योजना गरीब एवं मध्यम वर्ग के नागरिकों के लिए बहुत सहायक है। इस योजना से उन्हें अपने उपचार के लिए अस्पताल का चुनाव करने का विकल्प मिला है।
कटारिया ने बताया कि गलत दावा करने से एक दुविधा की शुरुआत हो जाती है, इससे योजना की छवि धूमिल होती है और जनता व अस्पताल का विश्वास डगमगाता है। उन्होंने कहा कि इससे वास्तविक मरीज जिसे उपचार मिलना चाहिए, अक्सर वंचित रह जाता है। उन्होंने कहा कि साथ ही अस्पतालों के सही भुगतान में देरी होती है और ईमानदारी से काम करने वाले संस्थान भी प्रभावित होते हैं। उन्होंने कहा कि इसका सबसे बड़ा नुकसान गरीब और वंचित परिवार को उठाना पड़ता है, जिनके लिए यह योजना जीवनरेखा है।
उन्होंने कहा कि योजना में अस्पतालों का सही पंजीयन किया जाए और समय-समय पर उनका निरीक्षण किया जाए।
वहीं राज्य में स्वास्थ्य सेवा आयुक्त डॉक्टर प्रियंका शुक्ला ने इस बात पर ज़ोर दिया कि आयुष्मान भारत का उद्देश्य प्रत्येक पात्र नागरिक को सुलभ और गुणवत्तापूर्ण स्वास्थ्य सेवा प्रदान करना है।
उन्होंने कहा कि प्रत्येक परिवार सूचीबद्ध सरकारी और निजी अस्पतालों में प्रति वर्ष पांच लाख रुपये तक के कैशलेस उपचार का हकदार है। उन्होंने कहा कि यह योजना राज्य के ग्रामीण और दूरदराज के क्षेत्रों में आधुनिक चिकित्सा सुविधाओं का विस्तार करके स्वास्थ्य सेवा की कमियों को दूर कर रही है।
अधिकारियों ने बताया कि कार्यशाला में योजना के बारे में सामान्य जानकारी, आयुष्मान कार्ड बनाने की प्रक्रिया, दावा प्रस्तुत करने की प्रक्रिया, सही दस्तावेज़ीकरण प्रक्रियाएं और लिपिकीय त्रुटियों की रोकथाम सहित कई विषयों पर चर्चा की गई।
भाषा संजीव