झारखंड में कुर्मी आंदोलन के कारण रेल मार्ग अवरुद्ध, बड़ी संख्या में यात्री फंसे
पारुल प्रशांत
- 20 Sep 2025, 07:05 PM
- Updated: 07:05 PM
(तस्वीरों के साथ)
रांची, 20 सितंबर (भाषा) झारखंड में कुर्मी समुदाय के सदस्यों ने अपने रेल रोको आंदोलन के दौरान पूर्वी सिंहभूम जिले के घाटशिला रेलवे स्टेशन पर हावड़ा-पुणे दुरंतो एक्सप्रेस को शनिवार को रोक दिया, जिससे सैकड़ों यात्री वहां फंस गए।
निषेधाज्ञा का उल्लंघन करते हुए प्रदर्शनकारी कुर्मी समुदाय को अनुसूचित जनजाति (एसटी) श्रेणी में शामिल करने की मांग को लेकर झारखंड के विभिन्न रेलवे स्टेशन पर ट्रेन परिचालन अवरुद्ध कर रहे हैं।
प्रदर्शन के कारण अपनी बीमार बेटी से मिलने के लिए पुणे जा रही 61 वर्षीय मालती घोष नाम की एक यात्री रास्ते में फंस गयीं।
मालती ने कहा, “मेरी बेटी, जो पुणे में काम करती है, बीमार है। मुझे किसी भी तरह वहां पहुंचना है, क्योंकि उसके दोनों बच्चों को परेशानी हो रही है। अधिकारी सिर्फ रेल परिचालन जल्द बहाल होने का आश्वासन दे रहे हैं, लेकिन इस बारे में कोई जानकारी नहीं है कि ट्रेन कब चलेगी।”
एक अन्य महिला यात्री शैलजा सिंह (56) ने कहा कि वह अपने पोते से मिलने रायपुर जा रही हैं, जो अस्पताल में भर्ती है।
बिहार के भागलपुर की रहने वाली शैलजा भागलपुर और रायपुर के बीच सीधी रेल सेवा न होने के कारण कोलकाता से ट्रेन में सवार हुई थीं।
उन्होंने कहा, “केवल हम ही परेशान नहीं हो रहे हैं। इस विरोध-प्रदर्शन के कारण हजारों यात्री विभिन्न स्टेशन पर फंसे हुए हैं।”
आदिवासी कुर्मी समाज (एकेएस) के तत्वावधान में प्रदर्शनकारियों को रांची के मुरी और राय, पूर्वी सिंहभूम के घाटशिला, गिरिडीह के पारसनाथ और बोकारो के चंद्रपुरा रेलवे स्टेशन पर पटरियों पर बैठकर ट्रेन की आवाजाही बाधित करते हुए देखा गया।
रांची के मुरी स्टेशन पर, टाटा-पटना वंदे भारत एक्सप्रेस प्रदर्शन के कारण घंटों खड़ी रही, जिसके बाद उसे रद्द कर दिया गया।
रविवार को पितृ तर्पण अनुष्ठान के लिए गयाजी जा रहे समीर दास (40) मुरी स्टेशन पर फंस गए हैं।
दास ने बताया कि उन्होंने गयाजी में होटल बुक करने समेत सभी इंतजाम कर लिए थे।
उन्होंने कहा, “ट्रेन सुबह करीब सवा सात बजे मुरी स्टेशन पर पहुंची। हालांकि, विरोध-प्रदर्शन के कारण यह आगे नहीं बढ़ सकी। अब मैं यहां फस गया हूं, क्योंकि ट्रेन रद्द कर दी गई है।”
ट्रेन को रद्द किए जाने की घोषणा के बाद कई यात्रियों ने स्टेशन पर हंगामा किया।
सेवानिवृत्त दूरसंचार कर्मचारी बिपिन बिहारी द्विवेदी (65) ने अपनी निराशा व्यक्त की।
उन्होंने कहा, “इतने बड़े पैमाने पर विरोध-प्रदर्शन के बारे में हमें पहले से कोई जानकारी नहीं थी। अगर रेलवे को पता था, तो उसने वंदे भारत जैसी ट्रेन को चलने की अनुमति क्यों दी? मेरे लिए पटना पहुंचना जरूरी था।”
वरिष्ठ मंडल वाणिज्य प्रबंधक सुचि सिंह ने बताया कि प्रदर्शन के कारण टाटा-पटना वंदे भारत एक्सप्रेस को मुरी स्टेशन पर रद्द कर दिया गया।
उन्होंने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, “यात्रियों को उनके मूल स्टेशन पर ले जाने के लिए वैकल्पिक व्यवस्था की जा रही है।”
सिंह के मुताबिक, उन्होंने ट्रेन की रवानगी सुनिश्चित करने के लिए कई प्रयास किए, लेकिन प्रदर्शनकारी पटरी पर डटे रहे।
रेलवे की ओर से सुबह जारी बयान के अनुसार, आदिवासी कुर्मी समाज के आंदोलन के कारण दक्षिण पूर्व रेलवे (एसईआर) और पूर्व मध्य रेलवे (ईसीआर) के धनबाद मंडल के अधिकार क्षेत्र में ट्रेन सेवाएं आंशिक रूप से प्रभावित हुई हैं।
बयान में कहा गया, “हटिया-बर्धमान मेमू और टाटानगर-गुआ-टाटानगर मेमू सहित कम से कम तीन ट्रेन को रद्द कर दिया गया है, जबकि एक की यात्रा बीच में ही समाप्त कर दी गई है और चार अन्य को रोक दिया गया है।”
भाषा पारुल