आदिवासियों को वनवासी बताकर भाजपा उनकी अस्मिता मिटाने की कोशिश में : दिग्विजय
अमित
- 16 Sep 2025, 11:43 PM
- Updated: 11:43 PM
बैतूल (मध्यप्रदेश), 16 सितंबर (भाषा) कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने मंगलवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर आरोप लगाया कि वह आदिवासियों को वनवासी बताकर उनकी अस्मिता को मिटाने की कोशिश कर रही है।
जिले के भैंसदेही में आदिवासी कांग्रेस की ओर से आयोजित तीन दिवसीय आदिवासी अधिकार और सशक्तीकरण शिविर में शामिल होने पहुंचे को मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि सच यह है कि भारत की सबसे पुरानी आबादी आदिवासियों की रही है।
उन्होंने पत्रकारों से बातचीत में कहा, "हम सब तो सेंट्रल एशिया से आए हैं। असली हक और पहला अधिकार तो आदिवासियों का ही है। वे प्रकृति के पूजक हैं और संविधान उन्हें अपनी आस्था के अनुरूप धर्म पालन का पूरा अधिकार देता है तो फिर आलोचना किस बात की।"
राज्यसभा सदस्य सिंह ने भाजपा पर 'धर्मांतरण की राजनीति' करने का आरोप भी लगाया और कहा कि उसकी विचारधारा पूरी तरह 'संकुचित' है।
उन्होंने कहा, "यह पार्टी न तो संविधान समझती है और न ही भारत की असली परंपरा को। भाजपा आदिवासियों को वनवासी बताकर उनकी अस्मिता मिटाना चाहती है।"
सिंह ने स्पष्ट किया कि धर्म परिवर्तन अगर आस्था और स्वप्रेरणा से होता है तो अपराध नहीं है। उन्होंने कहा, "लेकिन जबरदस्ती या प्रलोभन से धर्मांतरण स्वीकार्य नहीं। भाजपा इस मुद्दे को सिर्फ राजनीतिक लाभ के लिए उठाती है।"
एक प्रश्न के जवाब में उन्होंने कहा कि गौवंश के नाम पर भाजपा केवल राजनीति करती है जबकि कांग्रेस की सरकार में गौवंश आयोग बना था। उन्होंने कहा, "भाजपा केवल राजनीतिक रोटी सेकती है।"
इस अवसर पर आदिवासी कांग्रेस के अध्यक्ष विक्रांत भूरिया ने कहा कि लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने आदिवासी कांग्रेस को पूरे देश में युवा आदिवासी नेतृत्व तैयार करने की जिम्मेदारी दी है।
उन्होंने कहा, "हम हर जिले में आदिवासी अधिकार और सशक्तीकरण शिविर लगाते हैं। इसका उद्देश्य यही है कि युवा पीढ़ी को पता रहे कि कांग्रेस ने देश के लिए क्या किया? आदिवासी के क्या अधिकार हैं? किस तरह से देश में उनका शोषण हो रहा है।"
सिंह ने शिविर में भाग लेने वाले आदिवासी युवाओं को संबोधित भी किया। इस दौरान वह साधारण कार्यकर्ता की तरह मंच के नीचे बैठे नजर आए। उन्होंने कांग्रेस में नए नेता सामने लाने के लिए ऐसे आयोजन को महत्वपूर्ण बताया।
भाषा सं ब्रजेन्द्र