उत्तराखंड: देहरादून में भारी बारिश से तबाही, राज्य में छह लोगों की मौत, कई लापता
नोमान पवनेश
- 16 Sep 2025, 10:31 PM
- Updated: 10:31 PM
(तस्वीरों के साथ)
देहरादून, 16 सितंबर (भाषा) उत्तराखंड की राजधानी देहरादून और राज्य के कई अन्य हिस्सों में मंगलवार को बादल फटने और रात भर हुई मूसलाधार बारिश से भारी तबाही मची। उफनती नदियों ने इमारतों, सड़कों और पुलों को बहा दिया, जिससे छह लोगों की मौत हो गई, सात लोग लापता हो गए और पहाड़ी राज्य के विभिन्न स्थानों पर 600 से अधिक लोग फंस गए।
राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र (एसईओसी) ने यहां बताया कि खराब मौसम के बीच लापता लोगों की तलाश जारी रही, जबकि राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ), राज्य आपदा प्रतिवादन दल (एसडीआरएफ) और अग्निशमन कर्मियों ने फंसे हुए अधिकांश लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचा दिया।
बारिश के बाद ज़्यादातर नदियां उफान पर हैं। तमसा नदी जिसे टोंस नदी भी कहा जाता है ने अपने तट पर स्थित प्रसिद्ध टपकेश्वर मंदिर को जलमग्न कर दिया, जिससे उसके प्रवेश द्वार के पास लगी विशाल हनुमान प्रतिमा कंधों तक डूब गई।
मंदिर के पुजारी बिपिन जोशी ने बताया कि उन्होंने पिछले 25-30 सालों में नदी का इतना जलस्तर नहीं देखा।
उन्होंने कहा कि सौभाग्य से सुबह के समय जब बाढ़ आई, उस समय मंदिर परिसर में बहुत कम श्रद्धालु थे। उन्होंने कहा कि मंदिर में रहने वाले पुजारी सुरक्षित हैं। देहरादून जिले में सड़कें टूट गईं और कई पुल बह गए।
उफनती नदियों का पानी सड़कों पर बह रहा है, ऐसे में लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाना एक बड़ी चुनौती थी। सोशल मीडिया पर साझा किए गए वीडियो में एसडीआरएफ के जवान बाढ़ग्रस्त नदियों की तेज़ धाराओं में फंसे लोगों को निकालने में मदद करते दिख रहे हैं, जहां कारें और ट्रक समेत कई गाड़ियां फंसी हुई हैं।
सूचना महानिदेशक बंशीधर तिवारी ने बताया कि देहरादून के पौंधा क्षेत्र में देवभूमि संस्थान परिसर में जलभराव में फंसे लगभग 400-500 छात्रों एसडीआरएफ की टीम ने निकाला।
एक लड़का पानी के तेज़ बहाव से बचने के लिए बिजली के खंभे पर चढ़ गया था और वहां मुश्किल से टिका रहा। उसे एसडीआरएफ के एक जवान ने अपनी जान जोखिम में डालकर रस्सी की मदद से सुरक्षित निकाल लिया।
देहरादून में बारिश से संबंधित तीन मौतें हुईं, जिनमें झड़ीपानी, मसूरी डायवर्जन और कालसी में एक-एक मौत हुई। नैनीताल में दो मौतें हुईं - गरुड़ी स्ट्रीम और भवाली में एक-एक, जबकि पिथौरागढ़ में एक मौत हुई।
अकेले देहरादून जिले में अलग-अलग घटनाओं में सात लोग बह गए। उनकी तलाश जारी है।
जिला आपदा प्रबंधन कार्यालय के अनुसार, सहस्त्रधारा, मालदेवता, संतला देवी और डालनवाला आपदा से सबसे ज़्यादा प्रभावित हुए हैं। सहस्त्रधारा में 192 मिमी, मालदेवता में 141.5 मिमी, हाथी बरकला और जॉली ग्रांट में 92.5 मिमी और कालसी में 83.5 मिमी बारिश हुई।
कई सड़कें, घर और दुकानें क्षतिग्रस्त हो गईं और पुल बह गए। अधिकारियों ने बताया कि शहर के अलग-अलग हिस्सों में सात लोग मूसलाधार पानी में बह गए और 601 लोग फंसे हुए हैं।
उन्होंने बताया कि उनमें से अधिकतर को बचा लिया गया है, केवल छह से आठ लोग प्रेमनगर के झाझरा इलाके में फंसे हुए हैं और उन्हें बचाने के प्रयास जारी हैं।
देहरादून-मसूरी मार्ग भी कई स्थानों पर टूट गया, जिसके कारण पुलिस ने पर्यटकों और आगंतुकों से अपील की कि वे अपनी सुरक्षा के लिए जहां भी हों, वहीं रहें।
आपदा प्रबंधन सचिव विनोद कुमार सुमन ने कहा कि प्रभावित क्षेत्रों में राहत एवं बचाव कार्य में कई टीमें लगी हुई हैं।
तिवारी ने बताया कि टिहरी में जलभराव के कारण गीता भवन में लोग फंस गए थे, जिन्हें बाद में निकाल लिया गया।
उन्होंने बताया कि भारी बारिश के कारण हुए भूस्खलन से आए मलबे के कारण नैनीताल में एक सड़क अवरुद्ध हो गई है।
मझारा गांव के निवासियों को सड़क पर शरण लेने के लिए मजबूर होना पड़ा, क्योंकि सुबह-सुबह उनके घरों पर भूस्खलन हुआ था। उन्होंने दावा किया कि कुछ लोग लापता हो गए हैं।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने देहरादून जिले के बारिश प्रभावित इलाकों का दौरा कर जमीनी हालात का जायजा लिया। स्थानीय विधायक और वरिष्ठ अधिकारी उनके साथ मौजूद रहे।
बारिश से प्रभावित मालदेवता क्षेत्र में पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने कहा, ‘‘ भारी बारिश के कारण सभी नदियां उफान पर हैं। 25 से 30 स्थानों पर सड़कें टूट गई हैं और संपर्क मार्ग कट गए हैं। मकान और सरकारी संपत्तियां क्षतिग्रस्त हुई हैं तथा सामान्य जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ है। राहत टीम युद्धस्तर पर काम कर रही हैं ताकि स्थिति को सामान्य किया जा सके।’’
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘ राज्य सरकार हर प्रभावित परिवार के साथ है। प्रशासन पहले से ही अलर्ट पर है और एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, पुलिस और स्थानीय प्रशासन लगातार सक्रिय है।’’
मुख्यमंत्री कार्यालय ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा कि धामी ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को उत्तराखंड में भारी बारिश के बाद की स्थिति से अवगत कराया है।
मुख्यमंत्री कार्यालय के अनुसार, उन्होंने राज्य को हर संभव मदद का आश्वासन दिया और कहा कि केंद्र सरकार संकट की इस घड़ी में उत्तराखंड के लोगों के साथ मजबूती से खड़ी है।
भारी बारिश के कारण सोंग नदी उफान पर है जिससे आस-पास के इलाकों में बाढ़ आ गई। इस कारण मालदेवता में एक पुल खतरे में पड़ गया।
देहरादून के आईटी पार्क इलाके में भी जलभराव की सूचना है और कई कार्यालयों में पानी घुस गया है जिससे लोग फंस गए हैं।
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों से कहा कि अवरुद्ध मार्गों को जल्द से जल्द खोला जाना चाहिए और सुरक्षित पेयजल और बिजली की आपूर्ति तुरंत सुनिश्चित की जानी चाहिए।
भाषा नोमान