मादक पदार्थों से लदे पाकिस्तानी ड्रोन भारत की आंतरिक सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा: एनसीबी रिपोर्ट
जितेंद्र माधव
- 16 Sep 2025, 09:34 PM
- Updated: 09:34 PM
(नीलाभ श्रीवास्तव)
नयी दिल्ली, 16 सितंबर (भाषा) पंजाब में पिछले चार साल में पाकिस्तान से अंतरराष्ट्रीय सीमा पार कर भारत में आने वाले मादक पदार्थों से लदे ड्रोनों के देखे जाने और बरामद होने की घटनाओं में ‘तेज’ वृद्धि हुई है, जिससे देश की आंतरिक सुरक्षा के लिए ‘गंभीर’ खतरा उत्पन्न हो गया है। मंगलवार को जारी एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी गयी।
स्वापक नियंत्रण ब्यूरो (एनसीबी) ने 2024 की अपनी वार्षिक रिपोर्ट में बताया कि स्वापक निरोधक एजेंसियों ने 2019-24 के बीच सिंथेटिक मादक पदार्थों की जब्ती में छह गुना वृद्धि दर्ज की है।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को विभिन्न राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के स्वापक निरोधक कार्यबल (एएनटीएफ) के प्रमुखों के दूसरे राष्ट्रीय सम्मेलन के दौरान यह रिपोर्ट जारी की।
स्वापक नियंत्रण ब्यूरो, गृह मंत्रालय के अधीन एक संघीय मादक पदार्थ निरोधक एजेंसी है।
रिपोर्ट में बताया गया, “सीमा पार से मादक पदार्थों की तस्करी के लिए ड्रोन का इस्तेमाल खासकर पंजाब में पाकिस्तान सीमा पर सहित भारत की आंतरिक सुरक्षा के लिए एक बड़ा खतरा बनकर उभरा है।”
‘पीटीआई’ के पास मौजूद रिपोर्ट के मुताबिक, “इस विकसित हो रहे तरीके ने पारंपरिक तस्करी के तरीकों की जगह ले ली है और कानून प्रवर्तन व सीमा सुरक्षा एजेंसियों के लिए एक जटिल चुनौती बन रही है। ”
रिपोर्ट में बताया गया कि राज्य के सीमावर्ती जिलों जैसे अमृतसर, तरनतारन, फिरोजपुर और गुरदासपुर में ड्रोन देखे जाने और मादक पदार्थों की बरामदगी में ‘तेज’ वृद्धि हुई है।
रिपोर्ट के मुताबिक, 2024 में इस तरह की जब्ती की संख्या ‘कई गुना बढ़कर’ 179 मामलों तक पहुंच गई थी जबकि 2021 में यह संख्या केवल तीन थी।
रिपोर्ट में बताया गया कि बरामद किये गये मादक पदार्थों की खेपों में मुख्य रूप से हेरोइन और अफीम शामिल थी।
पिछले साल भारत-पाकिस्तान सीमा पर ड्रोन के जरिए मादक पदार्थों की तस्करी के 179 मामलों में से 163 पंजाब में, 15 राजस्थान में सीमा पर और एक जम्मू-कश्मीर में सामने आए थे।
रिपोर्ट के मुताबिक, मादक पदार्थों की कुल बरामदगी लगभग 236 किलोग्राम थी। रिपोर्ट में बताया गया कि देश में पिछले छह वर्ष (2019-24) में छह गुना ज्यादा सिंथेटिक मादक पदार्थों की जब्ती हुई है।
इन मादक पदार्थों में एटीएस (एम्फैटेमिन प्रकार का मादक पदार्थ), एमडीएमए, मेफेड्रोन और मेथाक्वालोन शामिल हैं, जिनका मुख्य रूप से युवा इस्तेमाल करते हैं।
मादक पदार्थों पर अखिल भारतीय आंकड़े संकलित करने वाली इस रिपोर्ट के मुताबिक, “2024 में लगभग 11,994 किलोग्राम सिंथेटिक मादक पदार्थ जब्त किए गए, जबकि 2019 में यह संख्या केवल 1,890 किलोग्राम थी। यह तीव्र वृद्धि मुख्य रूप से इन पदार्थों की उच्च लाभप्रदता और बढ़ती बाजार मांग के कारण है।”
देश में 2020 के दौरान सिंथेटिक मादक पदार्थों की जब्ती 1,989 किलोग्राम, 2021 में 657 किलोग्राम, 2022 में 4,216 किलोग्राम और 2023 में 4,209 किलोग्राम रही।
रिपोर्ट में 2020 के बाद से समुद्री सीमा से जब्त किए गए मादक पदार्थों में ‘महत्वपूर्ण’ वृद्धि पर भी चिंता व्यक्त की गई।
रिपोर्ट में बताया गया कि 2024 में समुद्र रास्तों से जब्ती 10,564 किलोग्राम तक पहुंच गई, जो 2019 की तुलना में लगभग 500 गुना वृद्धि दर्शाती है।
रिपोर्ट के मुताबिक, 2024 में देश भर की मादक पदार्थ निरोधक एजेंसियों ने 1,483 किलोग्राम कोकीन जब्त की, जो 2020 में जब्त की गई मात्रा से लगभग 78 गुना और 2023 की तुलना में लगभग पांच गुना ज्यादा है।
भाषा जितेंद्र