डूसू चुनाव के प्रचार के आखिरी दिन केएमसी में अभाविप और एनएसयूआई के सदस्यों के बीच हुई झड़प
प्रीति माधव
- 16 Sep 2025, 09:52 PM
- Updated: 09:52 PM
नयी दिल्ली, 16 सितंबर (भाषा) दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ (डूसू) चुनाव के प्रचार के आखिरी दिन मंगलवार को किरोड़ीमल कॉलेज (केएमसी) में भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन (एनएसयूआई) और अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (अभाविप) के सदस्यों के बीच झड़प हुई।
कांग्रेस की उत्तर प्रदेश इकाई के अध्यक्ष अजय राय के दिल्ली विश्वविद्यालय परिसर में पहुंचने से कुछ देर पहले यह घटना घटी। राय का एनएसयूआई प्रत्याशियों के पक्ष में प्रचार करने विश्वविद्यालय परिसर पहुंचने का कार्यक्रम था।
एनएसयूआई ने एक बयान में आरोप लगाया कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की छात्र शाखा अभाविप के सदस्यों ने कार्यक्रम को बाधित करने के लिए उसके पूर्वांचल छात्र समर्थकों पर हमला किया।
कांग्रेस की छात्र शाखा एनएसयूआई ने कहा, ‘‘यह पूर्वांचल के छात्रों के प्रति अभाविप की गहरी नफरत और एनएसयूआई को मिल रहे भारी समर्थन से उनकी हताशा को साफ़ तौर पर उजागर करता है।’’
परिसर जाते समय अजय राय ने एक वीडियो संदेश जारी कर छात्रों के प्रति अपनी एकजुटता का आश्वासन दिया।
उन्होंने कहा, ‘‘एनएसयूआई को मिल रहे भारी समर्थन से अभाविप घबरा गयी है। केएमसी में हुई हिंसा उनके डर का सबूत है। मैं आपके साथ खड़ा हूं।’’
एनएसयूआई ने इस घटना की निंदा करते हुए इसे ‘‘गुंडागर्दी’’ करार दिया । उसने कहा कि छात्र “अपने वोट की ताकत से” इस धमकी का जवाब देंगे।
अभाविप ने आरोपों पर प्रतिक्रिया देते हुए कांग्रेस नेताओं और एनएसयूआई पर चुनाव प्रचार के दौरान बाहरी लोगों को विश्वविद्यालय में लाकर ‘परिसर का माहौल खराब करने’ का आरोप लगाया।
अभाविप दिल्ली के प्रदेश सचिव सार्थक शर्मा ने एक बयान में कहा, “यह बेहद निंदनीय है कि कांग्रेस और एनएसयूआई हिंसा और अराजकता फैलाने के लिए बाहरी लोगों को विश्वविद्यालय में ला रहे हैं। डीयू परिसर शिक्षा और सकारात्मक छात्र राजनीति का केंद्र होना चाहिए, लेकिन कांग्रेस नेताओं के हस्तक्षेप ने इसे असुरक्षित बना दिया है। अभाविप छात्रों की सुरक्षा और हितों की रक्षा के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है।’’
अभाविप ने आरोप लगाया कि सचिन पायलट और दीपेंद्र सिंह हुड्डा सहित कांग्रेस नेताओं के बार-बार आने से छात्रों (विशेषकर छात्राओं में असुविधा और भय पैदा हो गया है) और बाहरी लोगों के प्रवेश को रोकने के लिए पुलिस कार्रवाई की मांग की।
डूसू चुनाव के लिए प्रचार 17 सितंबर को सुबह 8 बजे समाप्त होगा। इस साल प्रचार के दौरान सख्त पोस्टर रोधी नियमों के कारण परिसर साफ-सुथरा नजर आया। डूसू चुनाव के लिए मतदान 18 सितंबर को होगा और मतगणना अगले दिन की जाएगी।
पिछले वर्षों में नॉर्थ कैंपस की दीवारें पोस्टर और दीवार लेखन से भरी रहती थीं, लेकिन इस बार के चुनाव में साफ़ बदलाव देखने को मिला है। विश्वविद्यालय प्रशासन ने लिंगदोह कमेटी के दिशानिर्देशों को सख्ती से लागू करते हुए परिसर को पोस्टरबाजी और दीवारों के खराब होने से बचाए रखा है।
डूसू के मुख्य निर्वाटन अधिकारी राज किशोर शर्मा ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, “हमें खुशी है कि इस साल परिसरों में कोई विकृति नहीं दिखी, जो हमारी प्रमुख समस्या हुआ करती थी।’’
डूसू के मुख्य निर्वाचन अधिकारी राज किशोर शर्मा ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, “हमें खुशी है कि इस साल परिसर में कहीं भी दीवारें खराब नहीं की गईं जबकि यह पहले हमारे लिए एक बड़ी समस्या होती थी।”
निर्वाचन समिति को 25 से ज़्यादा शिकायतें मिली हैं और सात केंद्रीय पैनल के उम्मीदवारों को नौ कारण बताओ नोटिस जारी किए गए हैं।
अभाविप और एनएसयूआई संगठनों के सदस्यों के बीच झड़प के बाद विश्वविद्यालय परिसर में पुलिस को तैनात कर दिया गया।
डूसू चुनाव 18 सितंबर को होंगे और मतगणना अगले दिन होगी।
भाषा
प्रीति