मोदी की कोलकाता यात्रा के दौरान केंद्रीय मंत्री को वीवीआईपी क्षेत्र में प्रवेश न देने पर विवाद
नोमान अविनाश
- 15 Sep 2025, 10:35 PM
- Updated: 10:35 PM
कोलकाता, 15 सितंबर (भाषा) केंद्रीय शिक्षा राज्य मंत्री सुकांत मजूमदार को सोमवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को विदाई देने के लिए कोलकाता हवाई अड्डे के वीवीआईपी क्षेत्र में प्रवेश नहीं करने दिया गया, जिससे पश्चिम बंगाल में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के बीच नया विवाद पैदा हो गया।
यह घटना दोपहर बाद प्रधानमंत्री मोदी के बिहार के लिए रवाना होने से कुछ समय पहले घटित हुई। उन्हें विजय दुर्ग (पूर्व में फोर्ट विलियम) स्थित सेना के पूर्वी कमान मुख्यालय में 16वें संयुक्त कमांडर सम्मेलन (सीसीसी) का उद्घाटन करने के बाद रवाना होना था।
तृणमूल कांग्रेस ने मजूमदार का मजाक उड़ाकर विवाद को और हवा दे दी और कहा कि केंद्र सरकार भी उन्हें महत्वपूर्ण नहीं मानती।
पश्चिम बंगाल के अग्निशमन एवं आपातकालीन सेवा मंत्री सुजीत बोस को प्रोटोकॉल के अनुसार उच्च-सुरक्षा वाले वीवीआईपी क्षेत्र में गाड़ी लेकर जाने की अनुमति दी गई, जबकि मजूमदार को पुलिसकर्मियों ने रोक दिया और उन्हें काफ़ी दूरी तक पैदल चलने के लिए मजबूर होना पड़ा।
मजूमदार ने घटना के बाद नाराज़गी जताते हुए कहा, “मैंने अधिकारी से पूछा कि मेरी गाड़ी को अंदर क्यों नहीं जाने दिया गया। उन्होंने बस इतना कहा, ‘मैडम ने निर्देश दिया है।’ जब मैंने पूछा कि यह ‘मैडम’ कौन हैं, तो उन्होंने बताया कि वह डीसी (उपायुक्त) हैं। मैं जानना चाहता हूं कि किस अधिकार से एक राज्य पुलिस अधिकारी केंद्र के मंत्री को रोक सकती हैं, जबकि राज्य के मंत्री को अंदर जाने दिया जाता है।”
भाजपा ने इस घटना को टीएमसी द्वारा राजनीतिक प्रतिशोध का एक और उदाहरण बताया तथा राज्य प्रशासन पर "प्रोटोकॉल को चुनिंदा तरीके से लागू करने" का आरोप लगाया।
इस बीच टीएमसी ने भाजपा नेता पर तंज कसने का मौका नहीं छोड़ा।
टीएमसी के वरिष्ठ नेता अरुप चक्रवर्ती ने कहा, “मोदी उन्हें अहमियत ही नहीं देते। वह तो बस ‘आधे मंत्री’ हैं। इसलिए उनका नाम अनुमोदित सूची में नहीं था। प्रधानमंत्री का स्वागत करने वालों के बारे में पहले से जानकारी देनी होती है। यह कोई भाजपा कार्यालय का कार्यक्रम नहीं है।”
टीएमसी का कहना है कि प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) की सुरक्षा सूची में जिनके नाम पहले से अनुमोदित थे, केवल उन्हें ही प्रवेश की अनुमति दी गई थी, और संभव है कि मजूमदार का नाम उस सूची में शामिल न रहा हो।
हालांकि, भाजपा ने पलटवार करते हुए आश्चर्य जताया कि राज्य के एक मंत्री का नाम सूची में कैसे शामिल हो गया, जबकि केंद्रीय मंत्री का नाम इसमें शामिल नहीं है।
भाषा
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