हैंडशेक मामला: पीसीबी की पायक्रॉफ्ट को हटाने की मांग, फाइनल जीतने पर क्या नकवी से ट्रॉफी लेगा भारत?
मोना नमिता
- 15 Sep 2025, 10:29 PM
- Updated: 10:29 PM
(कुशान सरकार)
दुबई, 15 सितंबर (भाषा) भारतीय टीम के एशिया कप मैच के बाद पाकिस्तानी टीम से हाथ नहीं मिलाने के फैसले को लेकर बड़ा विवाद खड़ा हो गया और पीसीबी ने खीझकर मैच रैफरी एंडी पायक्रॉफ्ट को इसके लिये जिम्मेदार ठहराते हुए हटाने की मांग की ।
भारतीय कप्तान सूर्यकुमार यादव ने रविवार को सात विकेट से मिली जीत के बाद टीम के फैसले का बचाव करते हुए कहा था कि यह पहलगाम आतंकवादी हमले से पीड़ित परिवारों के प्रति एकजुटता दिखाने के लिये था । पाकिस्तान स्थित आतंकवादियों ने इस हमले में 26 पर्यटकों की हत्या कर दी थी ।
पाकिस्तान के खिलाफ खेलने के लेकर भारतीय क्रिकेट टीम को कड़ी आलोचनाओं का सामना करना पड़ा था । पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड ने समूचे घटनाक्रम पर नाराजगी जताते हुए एशियाई क्रिकेट परिषद (एसीसी) से शिकायत की और अब आईसीसी के दखल की मांग की है ।
पाकिस्तानी मीडिया में आई खबरों के अनुसार पायक्रॉफ्ट को नहीं हटाया गया तो पाकिस्तान ने टूर्नामेंट से हटने की धमकी दी है। पीसीबी प्रमुख मोहसिन नकवी के एसीसी के वर्तमान प्रमुख होने के कारण ऐसा होना असंभव लगता है। दूसरी ओर आईसीसी का नेतृत्व भारत के जय शाह करते हैं। हालाकि एशिया कप आईसीसी का टूर्नामेंट नहीं है और इसका प्रबंधन एसीसी करता है।
नकवी ने एक्स पर लिखा ,‘‘ पीसीबी ने क्रिकेट की भावना से जुड़े एमसीसी के नियम और आईसीसी आचार संहिता के उल्लंघन को लेकर मैच रैफरी के खिलाफ शिकायत दर्ज करा दी है । पीसीबी ने मैच रैफरी को एशिया कप से तुरंत हटाने की मांग की है ।’’
पीसीबी ने पहले कहा था कि पायक्रॉफ्ट ने पाकिस्तानी कप्तान सलमान अली आगा से टॉस के समय कहा था कि भारतीय कप्तान से हाथ नहीं मिलाये ।
एसीसी जिस बीच के रास्ते पर विचार कर रहा है, वह पायक्रॉफ्ट को पाकिस्तान से जुड़े मैचों से हटाना है। जिम्बाब्वे के 69 वर्षीय पायक्रॉफ्ट को बुधवार को यूएई के खिलाफ टीम के आखिरी ग्रुप चरण मैच में अंपायरिंग करनी थी।
पीसीबी के घटनाक्रम से वाकिफ एक सूत्र ने पीटीआई को बताया, ‘‘एक सम्मानजनक समाधान पायक्रॉफ्ट को पाकिस्तान के मैचों से हटाना हो सकता है। ऐसे में रिची रिचर्डसन पीसीबी के लिए एक स्वीकार्य नाम हैं। ’’
पाकिस्तानी टीम के मैनेजर नवीद चीमा ने एसीसी के समक्ष शिकायत दर्ज करके आरोप लगाया है कि पायक्रॉफ्ट के कहने पर दोनों कप्तानों ने टीमशीट का आदान प्रदान नहीं किया ।
बीसीसीआई ने अभी तक पीसीबी के बयान का जवाब नहीं दिया है लेकिन समझा जाता है कि अगर भारत 28 सितंबर को फाइनल में पहुंचता है तो खिलाड़ी नकवी के साथ मंच साझा नहीं करेंगे । नकवी एसीसी प्रमुख होने के नाते विजयी टीम को ट्रॉफी दे सकते हैं ।
दोनों टीमों ने टॉस और वॉर्मअप के समय भी एक दूसरे से बात नहीं की । दोनों कप्तानों ने टीमशीट मैच रैफरी को सौंपी ।
पीसीबी ने इससे पहले बयान में कहा ,‘‘ टीम मैनेजर नवीद चीमा ने मैच के बाद हाथ नहीं मिलाने वाले भारतीय खिलाड़ियों के बर्ताव का कड़ा विरोध किया है । यह खेल भावना और खेल के विपरीत आचरण है । विरोध के तौर पर हमने अपने कप्तान को मैच के बाद समारोह में नहीं भेजा ।’’
सूर्यकुमार ने जीत के बाद कहा था ,‘‘हमने मिलकर यह फैसला लिया था । हम यहां सिर्फ मैच खेलने आये थे और मुझे लगता है कि हमने माकूल जवाब दिया ।’’
एक पाकिस्तानी पत्रकार ने जब पूछा कि जीत के बाद विरोधी टीम से हाथ नहीं मिलाने का फैसला क्या राजनीति से प्रेरित था, इस पर कप्तान ने कहा ,‘‘ मेरा मानना है कि जीवन में कुछ चीजें खेल भावना से ऊपर भी होती है ।हम पहलगाम आतंकवादी हमले के पीड़ितों के साथ हैं और यह जीत अपने सशस्त्र बलों को समर्पित करते हैं ।’’
भारतीय कोच गौतम गंभीर ने भी टूर्नामेंट के प्रसारक से बातचीत में यही कहा था ।
समझा जाता है कि बीसीसीआई और टीम प्रबंधन ने अपने रूख को लेकर आपस में बातचीत की थी क्योंकि मैच खेलने के खिलाफ भारत में विपक्षी दलों से लेकर सोशल मीडिया तक काफी विरोध हो रहा था । मैच खेलने के फैसले का विरोध करते हुए कहा जा रहा था कि पहलगाम आतंकवादी हमले में परिजनों को खोने वाले परिवारों के जज्बात से ऊपर पैसे को रखा जा रहा है ।
यह भी समझा जा रहा है कि हाथ नहीं मिलाने का फैसला नीतिगत है और अगले रविवार को अगर पाकिस्तान से सुपर 4 चरण में फिर मुकाबला होता है तो इसे दोहराया जायेगा । दोनों टीमें 28 सितंबर को फाइनल में भी भिड़ सकती हैं ।
बीसीसीआई के एक वरिष्ठ अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर पीटीआई को बताया, ‘‘देखिए, अगर आप नियम पुस्तिका पढ़ेंगे तो पाएंगे कि विरोधी टीम से हाथ मिलाने के बारे में कोई विशेष निर्देश नहीं है। यह सद्भावनापूर्ण कदम है और एक तरह की परंपरा है, न कि कानून, जिसका पालन खेल जगत में वैश्विक स्तर पर किया जाता है।‘‘
उन्होंने कहा, ‘‘यदि कोई कानून नहीं है तो भारतीय क्रिकेट टीम उस विपक्षी टीम से हाथ मिलाने के लिए बाध्य नहीं है जिसके साथ तनावपूर्ण संबंधों का इतिहास रहा है।’’
अगर इतिहास को देखें तो राजनीतिक कारणों से खिलाड़ियों का एक दूसरे से हाथ नहीं मिलाना कोई नयी बात नहीं है ।
विम्बलडन 2023 में महिला एकल मैच के बाद यूक्रेन की एलिना स्वितोलिना ने बेलारूस की विक्टोरिया अजारेंका से हाथ नहीं मिलाया था ।
स्वितोलिना ने कहा था कि वह रूस या बेलारूस के किसी खिलाड़ी से हाथ नहीं मिलायेंगी क्योंकि इन देशों ने उनके देश पर हमला किया है ।
विम्बलडन अधिकारियों ने स्वितोलिना और अजारेंका पर इस घटना के लिये कोई दंड नहीं लगाया ।
वैसे भू राजनीतिक तनाव के बावजूद कई बार खेलों के मैदान पर टीमें नियमित शिष्टाचार नहीं छोड़ती । मसलन अमेरिका और ईरान की एक दूसरे से राजनयिक लड़ाई के बावजूद उनकी फुटबॉल टीमों ने विश्व कप मैचों के दौरान एक दूसरे से हाथ मिलाया ।
भाषा
मोना