दोहा में हमास पर इजराइली हमले के जवाब में कतर ने शिखर सम्मेलन की मेजबानी की
एपी सुभाष माधव
- 15 Sep 2025, 09:31 PM
- Updated: 09:31 PM
दुबई, 15 सितंबर (एपी) कतर ने सोमवार को अरब और इस्लामी देशों के नेताओं के एक शिखर सम्मेलन की मेजबानी की, ताकि पिछले हफ्ते दोहा में हमास नेताओं पर किये गए इजराइल के हमले का एकजुटता से जवाब दिया जा सके।
हालांकि, गाजा पट्टी में युद्ध जारी रहने के कारण, इन नेताओं के पास इजराइल को नियंत्रित करने के बहुत कम विकल्प हैं।
इजराइल ने हमास के 7 अक्टूबर 2023 के हमले के जवाब में गाजा पर आक्रमण शुरू किया था, और तब से वह इस सशस्त्र समूह सहित ईरान के तथाकथित 'एक्सिस ऑफ रेजिस्टेंस’ के अन्य सदस्यों पर भी ईरान, लेबनान, सीरिया, यमन और अब कतर में जवाबी कार्रवाई कर चुका है।
इससे पश्चिम एशिया के देशों में व्यापक आक्रोश पैदा हो गया है, जो पहले से ही गाजा में युद्ध के दौरान 64,000 से अधिक फलस्तीनियों के मारे जाने से नाराज हैं। साथ ही, यह चिंता भी बढ़ रही है कि खाड़ी अरब देशों की रक्षा के लिए अमेरिका की प्रतिबद्धता पर्याप्त मजबूत नहीं हो सकती।
हालांकि, यह स्पष्ट नहीं है कि शिखर सम्मेलन क्या हासिल कर पाएगा। बैठक में शामिल देशों के बीच गंभीर तनाव सहयोग को कमजोर कर सकता है और उनके पास कुछ ही ऐसे उपाय हैं जिनका वे उपयोग कर सकेंगे।
न्यूयॉर्क स्थित सौफान सेंटर ने कहा, ‘‘खाड़ी देशों और अन्य क्षेत्रीय शक्तियों के बीच गहरे तनाव को देखते हुए, एक सप्ताह से भी कम समय में शिखर सम्मेलन का आयोजन, विशेष रूप से इसके पैमाने को देखते हुए, एक उल्लेखनीय उपलब्धि है जो इस क्षेत्र में संकट का तत्काल समाधान करने की साझा भावना को रेखांकित करता है।’’
कतर के सत्तारूढ़ अमीर ने इजराइल पर आरोप लगाया कि वह गाजा पट्टी में बंधक बनाये गए इजराइली लोगों की परवाह नहीं कर रहा है और इसके बजाय केवल यह सुनिश्चित करने के लिए काम कर रहा है कि ‘‘गाजा रहने योग्य न रहे।’’
शेख तमीम बिन हमद अल थानी ने यह टिप्पणी सोमवार को दोहा में, पिछले हफ्ते हमास नेताओं को निशाना बनाकर किये गए इजराइली हमले पर एक शिखर सम्मेलन की शुरुआत में की।
शेख तमीम बिन हमद अल थानी ने पूछा, ‘‘अगर इजराइल, हमास नेताओं की हत्या करना चाहता है, तो फिर बातचीत क्यों कर रहा है? अगर आप बंधकों की रिहाई पर जोर देना चाहते हैं, तो फिर सभी वार्ताकारों की हत्या क्यों कर रहे हैं?’’
कतर के 45 वर्षीय शासक के लिए यह भाषण असामान्य रूप से तीखा था, जिसने युद्धविराम के प्रयासों में प्रमुख मध्यस्थ की भूमिका निभाई है।
उन्होंने कहा, ‘‘जो लोग इन वार्ताओं में शामिल पक्ष की लगातार हत्या करने के लिए काम कर रहे हैं, वे निश्चित रूप से इन वार्ताओं को विफल करने के लिए हर संभव प्रयास करेंगे। जब वे बंधकों की रिहाई का दावा करते हैं, तो यह सरासर झूठ है।’’
शेख तमीम ने गाजा में इजराइल द्वारा किए जा रहे ‘‘नरसंहार’’ की भी निंदा की। इजराइल नरसंहार के आरोप से इनकार करता रहा है। उसका कहना है कि हमास आत्मसमर्पण न करके और बंधकों को रिहा न करके युद्ध को लंबा खींच रहा है।
शिखर सम्मेलन में सऊदी अरब के युवराज मोहम्मद बिन सलमान, तुर्की के राष्ट्रपति रजब तैयप एर्दोआन, मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल-फतह अल-सिसी और सीरिया के अंतरिम राष्ट्रपति अहमद अल-शरा सहित कई क्षेत्रीय नेताओं ने भाग लिया।
ईरान, जिसने जून में कतर में एक अड्डे पर हमला किया था, इस शिखर सम्मेलन में भाग ले रहा है।
ईरानी विदेश मंत्री अब्बास अराघची ने एक्स’ पर पोस्ट किया , ‘‘ईरान, कतर और असल में सभी मुस्लिम भाइयों और बहनों के साथ खड़ा है, विशेष रूप से उस संकट के खिलाफ जो इस क्षेत्र को आतंकित कर रहा है।’’
इजराइल-हमास युद्धविराम वार्ता में कतर की भूमिका महत्वपूर्ण रही है।
इस बीच, अमेरिकी विदेश मंत्रालय ने कहा है कि (अमेरिकी) विदेश मंत्री मार्को रुबियो इजराइल में प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू से मुलाकात के बाद कतर जाएंगे।
उनकी यह यात्रा ऐसे समय में हो रही है, जब अमेरिका अपने दो करीबी सहयोगियों, इजराइल और कतर के बीच तनाव कम करने की कोशिश कर रहा है।
एपी सुभाष