नियामकीय उपायों से नवोन्मेषण को बढ़ावा मिलना चाहिए: सीतारमण
पाण्डेय अजय
- 15 Sep 2025, 04:15 PM
- Updated: 04:15 PM
नयी दिल्ली, 15 सितंबर (भाषा) वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को ऐसे नियामकीय उपायों की जरूरत पर जोर दिया, जो तकनीकी नवोन्मेषण, विशेष रूप से कृत्रिम मेधा (एआई) को जिम्मेदारी के साथ बढ़ावा दें, न कि उसे हतोत्साहित करें।
उन्होंने नीति आयोग की रिपोर्ट ‘विकसित भारत के लिए एआई: तेज आर्थिक वृद्धि के अवसर’ जारी करते हुए यह बात कही।
वित्त मंत्री ने कहा कि सरकार न केवल एआई प्रौद्योगिकी को अपनाने के लिए, बल्कि विभिन्न क्षेत्रों में उनका जिम्मेदारीपूर्ण इस्तेमाल सुनिश्चित करने के लिए भी प्रतिबद्ध है।
उन्होंने कहा, ‘‘हम ऐसे नियामकीय उपाय नहीं चाहते हैं, जो सचमुच तकनीक को ही खत्म कर दें। हम ऐसे नियमन चाहते हैं जो जिम्मेदार अनुप्रयोग को बढ़ावा दें।’’
उन्होंने कहा, ‘‘एआई तेजी से बढ़ रही हमारे वक्त की सच्चाई है। इसलिए हम सभी को सचेत रहना होगा कि हम नैतिकता से पीछे न हटें, क्योंकि एआई की अपनी चुनौतियां भी हो सकती हैं।’’
सीतारमण ने आगे कहा कि चुनौतियां सिर्फ नौकरियों में ही नहीं हैं, बल्कि इस बात को लेकर भी हैं कि इनका दुरुपयोग कैसे रोका जाए।
रिपोर्ट के अनुसार, जहां एक ओर एआई कई नई भूमिकाएं तैयार करेगा, वहीं दूसरी ओर यह कई मौजूदा नौकरियों को भी विस्थापित भी करेगा। विशेष रूप से लिपिकीय और निम्न कौशल वाले क्षेत्रों में ऐसा होगा।
उन्होंने एक संतुलित दृष्टिकोण पर जोर देते हुए कहा कि आवश्यक निगरानी सुनिश्चित करते हुए नवाचार को बढ़ावा देना है। इससे बहुत अधिक नियमन को रोकने में मदद मिलती है।
उन्होंने कहा, ‘‘भारत एक ऐसा देश है, जो किसी भी आने वाली अच्छी चीज को समझ सकता है, लेकिन कोई भी अच्छाई पूरी तरह अच्छी नहीं होती। कोई भी अच्छाई बिना शर्त नहीं होती। हमें इसका इस तरह इस्तेमाल करना चाहिए कि यह आम आदमी के हित में हो।’’
उन्होंने कहा कि एआई एक ऐसी चीज है, जिसे हमें अपने काबू में रखना आना चाहिए और इसे आम आदमी की भलाई के लिए काम करना चाहिए।
वित्त मंत्री ने कहा कि एआई तेजी से प्रगति कर रहा है और इसलिए हम सभी को सचेत रहना होगा कि हम नैतिकता से पीछे न हटें।
उन्होंने कहा कि अगर प्रौद्योगिकी तेजी से आगे बढ़ रही है, तो नियमन भी तेजी से होना चाहिए।
सीतारमण ने कहा कि एआई मौजूदा शहरी क्षेत्रों को बेहतर बनाने और नए शहरी केंद्रों की योजना बनाने के लिए समाधान खोजने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।
भारत के सभी जिलों में एआई-समर्थित प्रौद्योगिकी को अपनाने पर जोर देते हुए उन्होंने कहा, ‘‘मैं चाहूंगी कि सभी जिले नवाचार और वृद्धि की कहानी बनकर उभरें।’’
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मार्गदर्शन में एआई और इससे जुड़े मामलों में तेजी आई है और नीति आयोग इस संबंध में मजबूती से आगे बढ़ रहा है।
भाषा पाण्डेय