पार्टी से निलंबन के बाद पहली बार विधानसभा पहुंचे राहुल ममकूटाथिल
सुमित नरेश
- 15 Sep 2025, 03:57 PM
- Updated: 03:57 PM
तिरुवनंतपुरम, 15 सितंबर (भाषा) पार्टी से निलंबन के बाद पहली बार सार्वजनिक रूप से सामने आए कांग्रेस विधायक राहुल ममकूटाथिल ने सोमवार को केरल विधानसभा सत्र में भाग लिया और दावा किया कि उनका यह कदम संगठन के खिलाफ नहीं था।
यौन दुराचार के कई आरोपों के बाद पलक्कड़ विधायक को पार्टी से निलंबित कर दिया गया है।
युवा कांग्रेस के जिलाध्यक्ष नेमॉम शाजीर और कुछ अन्य साथियों के साथ विधायक सत्र शुरू होने के कुछ मिनटों बाद विधानसभा पहुंचे थे।
विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष वी डी सतीशन द्वारा सदन में उनकी उपस्थिति को लेकर कथित तौर पर आपत्ति जताए जाने के बावजूद ममकूटाथिल को कांग्रेस पार्टी के एक बड़े वर्ग का समर्थन प्राप्त है।
कांग्रेस पार्टी के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दोहराते हुए ममकूटाथिल ने मीडिया की उन रिपोर्टों को खारिज कर दिया जिसमें कहा गया था कि उन्होंने पार्टी के कुछ वरिष्ठ नेताओं से मिलने की कोशिश की लेकिन इसके लिए उन्हें अनुमति नहीं दी गई।
उन्होंने संवाददाताओं से कहा, "भले ही मैं फिलहाल निलंबित हूं लेकिन मैं अंत तक कांग्रेस का कार्यकर्ता रहूंगा। मैं ऐसा व्यक्ति नहीं हूं जो अपनी पार्टी के फैसलों का उल्लंघन करता हो।"
ममकूटाथिल ने दावा किया कि मीडिया जो दिखा रहा है वो गलत है और आरोप लगने के तुरंत बाद ही उन्होंने अपनी स्थिति स्पष्ट कर दी थी।
हालांकि, मीडिया द्वारा बार-बार पूछे जाने के बावजूद विधायक अपने खिलाफ लगे आरोपों या उससे संबंधित कथित ऑडियो क्लिप के बारे में कुछ भी कहने को तैयार नहीं थे।
उन्होंने कहा कि इस संबंध में जांच पिनाराई विजयन सरकार द्वारा की जा रही है, जिसके खिलाफ उन्होंने कांग्रेस कार्यकर्ता के रूप में सबसे अधिक आंदोलन किए थे।
राहुल ने कहा कि उनके खिलाफ कार्रवाई करने का हर संभव प्रयास करने वाली वामपंथी सरकार ने जांच का जिम्मा अपनी सबसे विश्वनीय एजेंसी राज्य पुलिस को सौंपा है।
ममकूटाथिल ने कहा, "जांच जारी रहने दीजिए। इसे आगे बढ़ने दीजिए।" उन्होंने आगे कहा कि वे जांच एजेंसी के दायरे में आने वाली किसी भी चीज पर टिप्पणी नहीं कर सकते।
वह यह स्पष्ट करने में भी हिचकिचा रहे थे कि क्या वह आने वाले दिनों में विधानसभा सत्र में सहभागी होंगे?
राहुल ने सोमवार को जब सदन में प्रवेश किया तब किसी ने कोई खास प्रतिक्रिया नहीं दी। उस समय सभी सदस्य पूर्व मुख्यमंत्री वी एस अच्युतानंदन समेत दो अन्य नेताओं को श्रद्धांजलि दे रहे थे।
उस दौरान उन्हें एक कागज पर कुछ लिखते देखा गया। ऐसा माना जा रहा है कि वो विपक्ष से मिले एक नोट का जवाब दे रहे थे, जिसके बाद वह सदन से बाहर चले गए।
स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (एसएफआई) के कार्यकर्ताओं ने विरोध प्रदर्शन करते हुए उनके वाहन को थोड़े समय के लिए अवरुद्ध किया।
प्रदर्शनकारियों द्वारा उनके वाहन के सामने सड़क पर बैठ कर नारे लगाए जाने के बाद भी ममकूटाथिल बाहर नहीं आए लेकिन उन्होंने कहा कि वह किसी भी लोकतांत्रिक आंदोलन के खिलाफ नहीं हैं।
पुलिस ने छात्रों को वहां से खदेड़ दिया।
इस बीच, न तो पालक्कड के विधायक ने और न ही पार्टी नेतृत्व ने यह स्पष्ट किया कि वे आने वाले दिनों में सत्र में भाग लेना जारी रखेंगे या नहीं।
इस बीच कांग्रेस नेता इस मामले से दूरी बनाए हुए हैं और उनका कहना है कि ममकूटाथिल अब पार्टी के विधायक दल के सदस्य नहीं हैं इसलिए पार्टी को उनके विधानसभा आने पर कोई प्रतिक्रिया देने की जरूरत नहीं है।
लोकसभा सांसद कोडुकुन्निल सुरेश ने कहा, "वह अब कांग्रेस विधायक दल के सदस्य नहीं हैं। इसलिए उनके बारे में सवालों का जवाब देना हमारी जिम्मेदारी नहीं है। उनका विधानसभा में आना पार्टी के लिए कोई मुद्दा नहीं है।"
उन्होंने कहा कि ऐसे सवाल तभी प्रासंगिक होते हैं जब वह कांग्रेस पार्टी के सदस्य हों।
ममकूटाथिल के करीबी और वडकारा से सांसद शफी परमबिल ने त्रिशूर में कहा कि केरल प्रदेश कांग्रेस समिति (केपीसीसी) अध्यक्ष ने जो कहा है उसके अलावा उन्हें इस मामले पर और कुछ नहीं कहना है।
हालांकि, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के वरिष्ठ नेता ई पी जयराजन ने ममकूटाथिल की विधानसभा में उपस्थिति की कड़ी आलोचना की।
उन्होंने कहा कि उनकी उपस्थिति सदन में जानबूझकर विवाद पैदा करने की कोशिश थी। यह जनता और विधानसभा का अपमान है।
जयराजन ने यह भी कहा कि राज्य के लोग इस तरह की गलत प्रथाओं को समझेंगे।
केरल के पूर्व मुख्यमंत्री के करुणाकरण की बेटी और भाजपा नेता पद्मजा वेणुगोपाल, जिन्होंने नेतृत्व के साथ मतभेदों के कारण कांग्रेस छोड़ दी थी, ने घटनाक्रम को लेकर विपक्ष के नेता सतीशन पर कटाक्ष किया और कहा कि उन्हें इस पद पर बने रहने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है।
फेसबुक पोस्ट में उन्होंने कहा कि यदि कांग्रेस नेता पार्टी में भी महिलाओं के लिए सुरक्षा और न्याय सुनिश्चित करने में विफल रहे तो वह विपक्ष के नेता के पद के लिए उपयुक्त नहीं हैं।
आरोपों लगने और पार्टी द्वारा कार्रवाई किए जाने के बाद ममकूटाथिल सार्वजनिक जीवन से दूर होकर अडूर स्थित अपने घर पर रह रहे थे।
कांग्रेस ने ममकूटाथिल को अगस्त में निलंबित कर दिया था।
पलक्कड़ विधायक की उपस्थिति कई दिनों से चल रही अटकलों के बाद आई है कि क्या वह सत्र में भाग लेंगे? क्योंकि विपक्ष के नेता सतीशन ने कथित तौर पर उनकी उपस्थिति पर आपत्ति जताई थी।
ममकूटाथिल ने हाल ही में युवा कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था, जब मलयालम अभिनेत्री रिनी एन जॉर्ज ने एक प्रसिद्ध राजनीतिक दल के ‘युवा नेता’ पर दुर्व्यवहार का आरोप लगाया था। इसके बाद भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) तथा माकपा की युवा शाखा ‘डेमोक्रेटिक यूथ फेडरेशन ऑफ इंडिया’ (डीवाईएफआई) ने विरोध प्रदर्शन किया था।
इसके बाद कुछ महिलाओं और एक ‘ट्रांसजेंडर’ व्यक्ति ने भी उन पर इसी तरह के आरोप लगाए थे। उन्हें इन आरोपों के कारण कांग्रेस पार्टी से निलंबित कर दिया गया था।
भाषा सुमित