थोक मुद्रास्फीति अगस्त में बढ़कर चार महीने के उच्चतम स्तर 0.52 प्रतिशत पर
पाण्डेय अजय
- 15 Sep 2025, 03:24 PM
- Updated: 03:24 PM
नयी दिल्ली, 15 सितंबर (भाषा) खाद्य पदार्थों और विनिर्मित वस्तुओं के दाम में मामूली वृद्धि के कारण थोक मूल्य सूचकांक आधारित मुद्रास्फीति (डब्ल्यूपीआई) अगस्त में चार महीने के उच्चतम स्तर 0.52 प्रतिशत पर रही।
सोमवार को जारी सरकारी आंकड़ों में यह जानकारी दी गई।
मुद्रास्फीति दो महीने बाद एक बार फिर सकारात्मक क्षेत्र में लौट आई है। हालांकि, इस दौरान ईंधन और बिजली क्षेत्र में नरमी देखी गई।
डब्ल्यूपीआई आधारित मुद्रास्फीति जुलाई और जून में क्रमशः शून्य से 0.58 प्रतिशत नीचे और शून्य से 0.19 प्रतिशत नीचे रही थी। पिछले साल अगस्त में यह 1.25 प्रतिशत के स्तर पर थी।
उद्योग मंत्रालय ने एक बयान में कहा, ‘‘अगस्त, 2025 में मुद्रास्फीति की सकारात्मक दर मुख्य रूप से खाद्य उत्पादों, गैर-खाद्य पदार्थों, विनिर्माण क्षेत्र, गैर-धात्विक खनिज उत्पादों और परिवहन उपकरणों की कीमतों में वृद्धि के चलते हुई।’’
डब्ल्यूपीआई आंकड़ों के अनुसार, अगस्त में खाद्य पदार्थों की महंगाई में 3.06 प्रतिशत की कमी आई, जबकि जुलाई में इसके दाम 6.29 प्रतिशत घटे थे। इस दौरान सब्जियों की कीमतों में तेजी देखी गई।
विनिर्मित उत्पादों के मामले में मुद्रास्फीति अगस्त में 2.55 प्रतिशत रही, जबकि पिछले महीने यह 2.05 प्रतिशत थी।
ईंधन और बिजली क्षेत्र में अगस्त में महंगाई में 3.17 प्रतिशत की कमी आई, जबकि जुलाई में यह 2.43 प्रतिशत थी।
आलू और प्याज के दाम अगस्त में 44.11 प्रतिशत और 50.46 प्रतिशत घटे, जबकि जुलाई में इनकी कीमतों में क्रमशः 41.26 प्रतिशत और 44.38 प्रतिशत की गिरावट आई थी।
बार्कलेज ने कहा कि खाद्य थोक मूल्य सूचकांक में कम महंगाई और उच्च मुख्य मुद्रास्फीति ने अगस्त में ईंधन कीमतों में आई गिरावट की भरपाई कर दी है।
वित्त सेवा फर्म ने आने वाले महीनों में थोक मूल्य सूचकांक में मामूली वृद्धि का अनुमान जताया है।
उद्योग मंडल पीएचडीसीसीआई के अध्यक्ष हेमंत जैन ने कहा कि विनिर्मित उत्पादों में वनस्पति और पशु तेल एवं वसा, वस्त्र, तथा रबड़ एवं प्लास्टिक उत्पाद महंगे हुए, जिसका प्रभाव उत्पादन लागत पर कुछ समय बाद दिखाई दे सकता है।
इक्रा के वरिष्ठ अर्थशास्त्री राहुल अग्रवाल ने कहा कि ईंधन और बिजली को छोड़कर, सभी क्षेत्रों में कीमतों में व्यापक वृद्धि देखी गई है।
इक्रा को उम्मीद है कि सितंबर, 2025 में मुख्य थोक मूल्य सूचकांक (डब्ल्यूपीआई) छह महीने के उच्चतम स्तर 0.9 प्रतिशत तक बढ़ जाएगा।
भाषा पाण्डेय