‘आप’ विधायक की रिहाई का दबाव बनाने के लिए जम्मू-कश्मीर विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने का आग्रह
पारुल देवेंद्र
- 13 Sep 2025, 11:18 PM
- Updated: 11:18 PM
श्रीनगर, 13 सितंबर (भाषा) पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने डोडा से आम आदमी पार्टी (आप) के विधायक मेहराज मलिक को हिरासत में लिए जाने की निंदा करने के लिए जम्मू-कश्मीर विधानसभा के अध्यक्ष अब्दुल रहीम राथर से विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने का शनिवार को आग्रह किया।
महबूबा ने कहा कि विधानसभा में पारित प्रस्ताव केंद्र पर ‘आप’ विधायक को रिहा करने का दबाव डाल सकता है और भविष्य में सदस्यों को ऐसी कार्रवाइयों से बचाने में मददगार साबित हो सकता है।
पीडीपी प्रमुख ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, “मैं माननीय विधानसभा अध्यक्ष अब्दुल रहीम राथर से लोक सुरक्षा अधिनियम (पीएसए) और विधायक मेहराज मलिक की गिरफ्तारी की निंदा करने के लिए विधानसभा का विशेष सत्र बुलाने का आग्रह करती हूं। एक प्रस्ताव केंद्र सरकार पर मेहराज मलिक को रिहा करने का दबाव डाल सकता है, और सभी विधायकों को भविष्य में ऐसी कार्रवाइयों से बचा सकता है।”
‘आप’ की जम्मू-कश्मीर इकाई के प्रमुख मलिक को सार्वजनिक व्यवस्था भंग करने के आरोप में सोमवार को हिरासत में ले लिया गया। वह फिलहाल कठुआ जेल में बंद हैं। उनकी रिहाई की मांग को लेकर हिंसक विरोध-प्रदर्शन हुए, जिसके बाद अधिकारियों ने निषेधाज्ञा लागू कर दी और मोबाइल इंटरनेट तथा ब्रॉडबैंड सेवाएं बंद कर दीं।
महबूबा ने कहा कि मलिक की रिहाई के लिए विधानसभा के माध्यम से एक मजबूत राजनीतिक रुख व्यक्त किए जाने की जरूरत है।
उन्होंने कहा, “इसके अलावा, मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला को भारत की जेलों में बंद हजारों गरीब कश्मीरियों को कानूनी सहायता प्रदान करनी चाहिए। उन्हें इसकी सबसे ज्यादा जरूरत है। मेहराज मलिक अपनी कानूनी लड़ाई लड़ सकते हैं, उनके समर्थन में विधानसभा के माध्यम से एक मजबूत राजनीतिक रुख व्यक्त किए जाने की जरूरत है।”
इस बीच, उत्तर कश्मीर के कुपवाड़ा जिले में पत्रकारों से बात करते हुए महबूबा ने कहा कि पिछले कुछ दिनों में केवल निंदा की गई है और कोई कार्रवाई नहीं हुई है।
उन्होंने कहा, “विधानसभा अध्यक्ष और मुख्यमंत्री अब्दुल्ला को इस घटना का संज्ञान लेना चाहिए था। विधानसभा अध्यक्ष को विधानसभा का विशेष सत्र बुलाना चाहिए था, जहां इस बात पर चर्चा की जाती कि कैसे एक मौजूदा विधायक पर अभद्र भाषा का इस्तेमाल करने के आरोप में पीएसए के तहत मामला दर्ज किया जा सकता है।”
महबूबा ने कहा कि विधानसभा में एक प्रस्ताव पारित कर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को भेजा जाना चाहिए था। उन्होंने कहा कि इस तरह की कार्रवाई बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
पीडीपी प्रमुख ने कहा, “इससे मलिक की रिहाई के लिए दबाव बनता और भविष्य में केंद्र सरकार किसी भी विधायक के खिलाफ पीएसए लगाने से पहले 100 बार सोचती। लेकिन ऐसा नहीं हुआ।”
भाषा पारुल