एसएससी ने भर्ती परीक्षाओं में अंकों के सामान्यीकरण की नयी पद्धति अपनाई
नेत्रपाल अविनाश
- 11 Sep 2025, 09:19 PM
- Updated: 09:19 PM
नयी दिल्ली, 11 सितंबर (भाषा) कर्मचारी चयन आयोग (एसएससी) ने अपने द्वारा आयोजित विभिन्न भर्ती परीक्षाओं में अंकों के सामान्यीकरण की एक नयी पद्धति अपनाई है।
इस संबंध में एक व्याख्यात्मक नोट में कहा गया है कि जब अभ्यर्थी कई पालियों में परीक्षा देते हैं, तो प्रत्येक पाली का कठिनाई स्तर भिन्न हो सकता है - कुछ पाली अन्य की तुलना में कठिन या आसान हो सकती हैं।
इसने कहा, ‘‘यह सुनिश्चित करने के लिए कि सभी के साथ निष्पक्ष व्यवहार हो, आयोग ने अंकों का सामान्यीकरण किया है। इसका मतलब है कि अंकों को इस तरह समायोजित किया जाए कि विभिन्न पालियों के अभ्यर्थियों की समान पैमाने पर निष्पक्ष तुलना की जा सके।’’
एसएससी ने कहा कि सामान्यीकरण की पिछली पद्धति के अनुसार, यह सभी पालियों के शीर्ष अंकों और औसत अंकों के साथ-साथ प्रत्येक पाली में अंकों में कितना अंतर है, इस पर विचार करके किया जाता था।
इसने कहा, ‘‘इस जानकारी का उपयोग करते हुए, प्रत्येक अभ्यर्थी के लिए एक नयी, समायोजित अंक गणना की गई। यह नयी गणना दर्शाती है कि किसी अभ्यर्थी ने न केवल अपनी पाली के अभ्यर्थियों की तुलना में, बल्कि बाकी सभी की तुलना में कितना अच्छा प्रदर्शन किया। सामान्यीकरण की यह प्रक्रिया यह सुनिश्चित करने में प्रभावी है कि कठिन पाली में बैठने वाले अभ्यर्थियों को अनुचित रूप से नुकसान न हो, और सभी के अंकों की निष्पक्ष रूप से तुलना की जा सके, चाहे वे किसी भी पाली में उपस्थित हुए हों।’’
सामान्यीकरण के प्रभाव का मूल्यांकन करने के बाद एसएससी ने सम-प्रतिशत विधि पर आधारित सामान्यीकरण की एक नयी प्रक्रिया अपनाई है।
इस पद्धति का विवरण आयोग की वेबसाइट पर दो जून के नोटिस के माध्यम से प्रकाशित किया गया है।
इस प्रणाली के अनुसार, किसी अभ्यर्थी के प्रदर्शन का सबसे महत्वपूर्ण निर्धारक उसकी अपनी पाली में रैंकिंग है, जो प्रतिशत स्कोर से परिलक्षित होती है।
उदाहरण के लिए, आयोग ने कहा कि एक पाली में 80 प्रतिशत से अधिक अंक प्राप्त करने वाले अभ्यर्थी का मिलान दूसरी पाली में 80 प्रतिशत से अधिक अंक प्राप्त करने वाले अभ्यर्थी से किया जाएगा।
एसएससी ने कहा, ‘‘इस प्रकार, नयी पद्धति यह सुनिश्चित करती है कि जिन अभ्यर्थियों को एक पाली में विषय-वस्तु से संबंधित कुछ समस्याओं का सामना करना पड़ा, उन्हें अन्य पाली के अभ्यर्थियों की तुलना में अनुचित रूप से रैंक नहीं दी जाएगी, जिन्हें समान समस्याओं का सामना नहीं करना पड़ा।’’
आयोग ने कहा कि वह अपने द्वारा आयोजित परीक्षाओं की शुचिता सुनिश्चित करने के लिए प्रणालियों में सुधार की दिशा में काम करना जारी रखेगा।
भाषा नेत्रपाल