रूसी सेना में भारतीयों की भर्ती बंद की जाए: भारत ने रूस से कहा
देवेंद्र माधव
- 11 Sep 2025, 09:11 PM
- Updated: 09:11 PM
नयी दिल्ली, 11 सितंबर (भाषा) भारत ने बृहस्पतिवार को अपने नागरिकों से रूसी सेना में शामिल होने के प्रस्तावों को स्वीकार न करने का आग्रह किया और मॉस्को से मांग की कि वह रूसी सेना में भारतीय नागरिकों को सहायक कर्मचारियों के रूप में भर्ती करना बंद करे।
विदेश मंत्रालय ने कहा कि उसने इस मामले को दिल्ली और मॉस्को दोनों स्थानों पर रूसी अधिकारियों के समक्ष उठाया है।
नयी दिल्ली का यह कदम उन खबरों के बाद आया है कि छात्र और व्यावसायिक वीजा पर आये कुछ भारतीयों को यूक्रेन में युद्ध के अग्रिम मोर्चे पर तैनात रूसी सैन्य इकाइयों में शामिल होने के लिए मजबूर किया गया था।
मंत्रालय ने अपने भारतीय नागरिकों को आगाह किया है कि वे रूसी सेना में शामिल होने के प्रस्तावों को स्वीकार न करें, क्योंकि इसमें ‘‘जोखिम और खतरे’’ निहित हैं।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा, ‘‘हमने हाल में रूसी सेना में भारतीय नागरिकों की भर्ती की खबरें देखी हैं। सरकार ने पिछले एक साल में कई मौकों पर इस तरह की कार्रवाई में निहित जोखिमों और खतरों को रेखांकित किया है और भारतीय नागरिकों को तदनुसार आगाह किया है।’’
जायसवाल इस मुद्दे पर मीडिया के सवालों का जवाब दे रहे थे।
उन्होंने कहा, ‘‘हमने दिल्ली और मॉस्को दोनों जगहों पर रूसी अधिकारियों के समक्ष भी इस मामले को उठाया है और अनुरोध किया कि इसे समाप्त किया जाए और हमारे नागरिकों को कार्यमुक्त किया जाए। हम प्रभावित भारतीय नागरिकों के परिवारों के संपर्क में भी हैं।’’
जायसवाल ने कहा, ‘‘हम एक बार फिर सभी भारतीय नागरिकों से रूसी सेना में शामिल होने के किसी भी प्रस्ताव से दूर रहने का पुरजोर आग्रह करते हैं क्योंकि यह खतरों से भरा रास्ता है।’’
हाल के महीनों में रूसी सेना द्वारा भर्ती किए गए भारतीय नागरिकों की संख्या अभी तक ज्ञात नहीं है।
आधिकारिक विवरण के अनुसार, अतीत में 126 भारतीयों को रूसी सेना में भर्ती किया गया था तथा 12 मारे गये थे।
रूसी अधिकारियों ने 96 भारतीयों को कार्यमुक्त कर दिया था तथा 16 को लापता घोषित कर दिया गया था।
भारत बार-बार रूस से रूसी सैन्य इकाइयों में रसोइये और सहायक जैसे कर्मचारियों के रूप में कार्यरत सभी भारतीयों को कार्यमुक्त करने का अनुरोध करता रहा है।
पिछले साल प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी रूस की अपनी यात्रा के दौरान यह मुद्दा उठाया था।
भाषा
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