मद्दुर में पथराव करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी, उनका धर्म या पार्टी कुछ भी हो : सिद्धरमैया
अविनाश पवनेश
- 09 Sep 2025, 08:07 PM
- Updated: 08:07 PM
बेंगलुरु, नौ सितंबर (भाषा) कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने मंगलवार को कहा कि भगवान गणेश प्रतिमा विसर्जन शोभायात्रा के दौरान मद्दुर में हुई पथराव की घटना के लिए ज़िम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी, चाहे वे किसी भी धर्म या पार्टी के हों।
उन्होंने भाजपा पर ‘‘शांति भंग करने की कोशिश’’ करने का आरोप लगाया।
सात सितंबर को हुई इस घटना के बाद मद्दुर और आसपास के इलाकों में तनाव बढ़ गया था और सोमवार को कई दक्षिणपंथी संगठनों ने विरोध प्रदर्शन किया था। भाजपा ने मंगलवार को मद्दुर में बंद का आह्वान किया था।
सिद्धरमैया ने भाजपा नेताओं के मद्दुर दौरे को लेकर पूछे गए एक प्रश्न के उत्तर में कहा, ‘‘उन्हें (भाजपा को) मद्दुर जाने दीजिए। भाजपा शांति भंग करना चाहती है। उन्होंने वहां बंद का आह्वान किया है। 21 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। हम दोषियों के खिलाफ उनकी जाति या धर्म पर गौर किए बिना, कानून के अनुसार कार्रवाई कर रहे हैं। चाहे वे भाजपा से हों या कांग्रेस से, चाहे वे हिंदू हों, मुसलमान हों या ईसाई, कार्रवाई की जाएगी।"
इस संबंध में मांड्या के पुलिस अधीक्षक मल्लिकार्जुन बलादंडी ने बताया कि 22 लोगों को गिरफ्तार किया गया है, जबकि चार अब भी फरार हैं।
मुख्यमंत्री ने संवाददाताओं से यह भी कहा कि पुलिस ने भाजपा और अन्य दक्षिणपंथी संगठनों को मैसूर में ‘‘चामुंडी हिल चलो’’ मार्च निकालने से रोक दिया था। उन्होंने कहा, "उन लोगों ने (भाजपा) मैसूर में चामुंडी बेट्टा (पहाड़ी) चलो की योजना बनाई थी। आरएसएस और अन्य लोग शिवमोगा, चिक्कमगलुरु, कोडागु, चामराजनगर, मांड्या आदि विभिन्न स्थानों से आए थे। उनका इरादा शांति और सौहार्द भंग करने का है। इसलिए पुलिस ने उन्हें चामुंडी पहाड़ी पर जाने की अनुमति नहीं दी।"
कर्नाटक में कानून-व्यवस्था की चिंताओं को लेकर राज्य भाजपा नेताओं द्वारा केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से संपर्क करने की खबरों पर प्रतिक्रिया देते हुए, सिद्धरमैया ने भारतीय जनता पार्टी की आलोचना की और कहा कि राज्य सरकार "कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए पूरी तरह जिम्मेदार है।"
उन्होंने कहा, "जब केंद्र के खिलाफ किसान आंदोलन में कई किसानों की जान चली गई, तब भाजपा के सदस्य कहां थे? मणिपुर में हुई हिंसा को लेकर भाजपा नेताओं ने आवाज क्यों नहीं उठाई? प्रधानमंत्री (नरेन्द्र मोदी) मणिपुर नहीं गए।’’
भाषा अविनाश