वाहन कंपनियों के बही-खातों में संचित क्षतिपूर्ति उपकर 22 सितंबर को समाप्त हो जाएगाः अधिकारी
रमण प्रेम
- 09 Sep 2025, 06:40 PM
- Updated: 06:40 PM
नयी दिल्ली, नौ सितंबर (भाषा) वाहन कंपनियों के खातों में अनुमानित 2,500 करोड़ रुपये का संचित क्षतिपूर्ति उपकर 22 सितंबर को नई जीएसटी दरें लागू होने के साथ ही समाप्त हो जाएगा। एक वरिष्ठ अधिकारी ने मंगलवार को यह जानकारी दी।
फिलहाल वाहनों पर 28 प्रतिशत जीएसटी लगता है जो माल एवं सेवा कर (जीएसटी) की सबसे ऊंची दर है। इसके ऊपर, वाहन की किस्म के आधार पर एक प्रतिशत से लेकर 22 प्रतिशत तक का क्षतिपूर्ति उपकर भी लगाया जाता है।
इंजन क्षमता और लंबाई के आधार पर छोटी पेट्रोल कारों पर 29 प्रतिशत का कुल कर लगता है जबकि एसयूवी के मामले में यह 50 प्रतिशत तक पहुंच जाता है।
इस महीने की 22 तारीख से 1,200 सीसी पेट्रोल और 1,500 सीसी डीजल क्षमता वाली कारों पर 18 प्रतिशत जीएसटी लगेगा। इससे अधिक क्षमता वाली कारों पर सबसे अधिक 40 प्रतिशत जीएसटी लगेगा।
वाहनों पर लगने वाले क्षतिपूर्ति उपकर की व्यवस्था 22 सितंबर से समाप्त हो जाएगी।
वाहन कंपनियों ने अपने खातों में संचित उपकर से संबंधित चिंताएं व्यक्त की हैं और या तो इसे अपनी कर देनदारी के साथ समायोजित करने या रिफंड की मांग की है।
रिपोर्टों के मुताबिक, संचित उपकर लगभग 2,500 करोड़ रुपये है। अगर इसके समायोजन की मंजूरी नहीं दी गई तो कंपनियों के लेखा बहीखातों में इसे हटाना होगा।
केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा-शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) के चेयरमैन संजय कुमार अग्रवाल ने कहा कि विभिन्न प्रतिवेदनों में उपकर के संचय को लेकर उद्योग की तरफ से चिंताएं जताई गई हैं।
अग्रवाल ने 'एनडीटीवी प्रॉफिट जीएसटी कॉन्क्लेव 2025' को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘क्षतिपूर्ति उपकर एक खास मकसद से लगाया गया था। एक बार उपकर खत्म हो जाने के बाद जो भी क्रेडिट बचा है, वह कंपनियों के खातों में ही पड़ा रहेगा।’’
उन्होंने कहा, ‘‘पहले भी उपकर बंद किए गए हैं। उन मामलों में क्या हुआ? उन मामलों में भी, जो उपकर खातों में पड़ा था, उसका इस्तेमाल नहीं हो सका क्योंकि उपकर ही खत्म हो गया था।’’
अग्रवाल ने कहा, ‘‘वाहनों के मामले में भी यही हुआ है या शायद जहां भी उपकर बंद किया गया है। यह केवल वाहन ही नहीं, बल्कि एयरेटेड वॉटर और कोयले के मामले में भी लागू है।’’
जीएसटी कानून के तहत कंपनियां केवल संचित उपकर का ही समायोजन अपनी उपकर देनदारी के साथ कर सकती हैं। जिस तरह कच्चे माल पर चुकाए गए कर को केवल उत्पादन कर देनदारी के मामले में समायोजित किया जा सकता है।
सीबीआईसी प्रमुख ने कहा कि क्षतिपूर्ति उपकर शुरू में जीएसटी लागू होने के पांच साल (22 जून तक) के लिए राज्यों को राजस्व हानि की भरपाई के लिए लगाया गया था।
हालांकि, कोविड के दौरान राजस्व में हुई कमी की भरपाई के लिए उपकर को 2.69 लाख करोड़ रुपये के ऋण को चुकाने के लिए बढ़ा दिया गया था। केंद्र ने यह राज्यों को हुए राजस्व नुकसान की भरपाई के लिए लिया था।
भाषा रमण