चुनौतियों का सामना करना पसंद है कोच लालचंद राजपूत को
मोना सुधीर
- 09 Sep 2025, 05:08 PM
- Updated: 05:08 PM
(अंकित श्रेष्ठ)
दुबई, नौ सितंबर (भाषा) लालचंद राजपूत ऐसे कोच हैं जिन्हें कमजोर मानी जाने वाली टीमों की कोचिंग करने की चुनौती हमेशा से पसंद आती रही है ।
खुद को ‘खड़ूस ’ मुंबईकर बताने वाले राजपूत कुछ साल पहले जिम्बाब्वे के कोच रहे और अब एशिया कप में यूएई के कोच हैं जिसे पहले मैच में बुधवार को भारत से खेलना है ।
राजपूत ने मंगलवार को यूएई के अभ्यास सत्र से इतर पीटीआई वीडियो से कहा ,‘‘ मैं मुंबई से आया हूं और वह खड़ूस रवैया तो रहेगा ही । यह कभी भी मेरे भीतर से जायेगा नहीं ।’’
उन्होंने कहा ,‘‘ मैं खिलाड़ियों में यह भरना चाहता हूं और सबसे बड़ी बात खुद पर यह विश्वास होना जरूरी है कि आप कर सकते हैं । यही सबसे अहम है क्योंकि टी20 क्रिकेट में आप किसी भी टीम को हरा सकते हैं ।’’
राजपूत ने कहा ,‘‘ इसलिये सकारात्मक रवैया होना जरूरी है कि आखिरी गेंद तक , आखिरी रन तक और आखिरी विकेट लेने तक जुझारूपन नहीं छोड़ना है । ’
टी20 विश्व कप 2007 विजेता भारतीय टीम के मैनेजर रहे 63 वर्ष के राजपूत को बीसीसीआई द्वारा किसी राष्ट्रीय टीम में कोई भूमिका नहीं दिये जाने का मलाल नहीं है । वह भारत ए के कोच भी रहे हैं ।
उन्होंने कहा ,‘‘ मुझे चुनौतियां पसंद है । इन छोटी टीमों के साथ काम करके और उनके विकास में मदद करके मुझे अच्छा लगता है । किसी को पता नहीं था कि अफगानिस्तान कैसी टीम है और जब मैं वहां था तब उसे टेस्ट दर्जा मिला ।’
राजपूत ने कहा ,‘‘ इसके बाद मैं जिम्बाब्वे गया जिसने 2022 विश्व कप के लिये क्वालीफाई किया । अब मेरे सामने यूएई की चुनौती है क्योंकि वह भी काफी समय बाद एशिया कप खेल रही है ।’’
उन्होंने कहा ,‘‘ मेरा लक्ष्य उसे टी20 विश्व कप के लिये क्वालीफाई कराना है जो अगले साल भारत में होने वाला है । मुझे चुनौतियां और इन टीमों के साथ कड़ी मेहनत करना पसंद है ।’’
यूएई की टीम में भारत और पाकिस्तान के खिलाड़ी हैं लेकिन कोच ने कहा कि इसके बावजूद आपसी सद्भाव बना हुआ है हालांकि यह भी एक चुनौती है ।
उन्होंने कहा ,‘‘ यह एक चुनौती है लेकिन मुझे लगता है कि अच्छा आपसी सद्भाव भी है ।ड्रेसिंग रूम का माहौल बहुत अच्छा है और लगता ही नहीं कि हम अलग अलग देशों से है । हमें लगता है कि हम एक ही टीम हैं , यूएई की टीम ।’’
भाषा मोना