हिमाचल में बारिश का कहर: कुल्लू जिले में भूस्खलन से एक व्यक्ति की मौत
देवेंद्र नरेश
- 04 Sep 2025, 03:14 PM
- Updated: 03:14 PM
शिमला, चार सितंबर (भाषा) हिमाचल प्रदेश के कुल्लू जिले में बृहस्पतिवार को भूस्खलन के बाद दो मकान ढह गए, जिससे एक व्यक्ति की मौत हो गई और छह अन्य मलबे में दब गए। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।
उन्होंने बताया कि यह घटना सुबह लगभग छह बजे अखाड़ा बाजार इलाके में हुई।
अधिकारियों ने बताया कि राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) की एक टीम ने एक महिला समेत तीन लोगों को बचाया और एक शव बरामद किया।
एनडीआरएफ के सहायक कमांडेंट संतोष ने कहा, ‘‘तीन लोगों को बचा लिया गया और उन्हें अस्पताल ले जाया गया, जबकि मलबे में दबे छह अन्य लोगों की तलाश जारी है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘हम पहले से ही पास के एक स्थल पर काम कर रहे थे और 10 मिनट में घटनास्थल पर पहुंच गए तथा समय रहते तीन लोगों को बचा लिया।’’
इससे पहले, मंगलवार रात अखाड़ा बाजार में दो मकान ढहने से एनडीआरएफ के एक जवान समेत दो लोगों की मौत हो गई थी और दबे लोगों को निकालने के लिए बचाव अभियान पहले से ही जारी था।
कुल्लू के उपायुक्त तोरुल एस रवीश ने बताया कि पिछले तीन-चार दिन से लगातार हो रही बारिश के कारण कई स्थानों पर भूस्खलन हुआ है और तीन लोगों को बचा लिया गया है, एक शव बरामद किया गया है जबकि अखाड़ा बाजार में मकान के मलबे में दबे छह लोगों की तलाश जारी है। उन्होंने बताया कि बारिश के कारण बचाव कार्य में बाधा आ रही है।
एनडीआरएफ के दल द्वारा निकाले गए घायलों में से एक राधिका सांख्यान ने कहा कि जब भूस्खलन उनके घर पर हुआ, तब वह अपनी रसोई में चाय बना रही थीं।
उन्होंने कहा, ‘‘मैं बर्तनों और मलबे के नीचे दब गई थी, क्योंकि रसोई का दरवाजा भी गिर गया था।’’
अधिकारियों ने बताया कि श्योथल गांव के निकट एक सड़क धंस गई, जिसके बाद सोलन शहर के बाहरी इलाके में स्थित शामती बाईपास को यातायात के लिए बंद कर दिया गया है।
लोक निर्माण विभाग के कार्यकारी अभियंता रवि कपूर ने बताया कि सड़क में दरारें आने के कारण इसे बंद कर दिया गया है और इस पर आवागमन असुरक्षित हो गया है।
खराब मौसम को देखते हुए राज्य में सभी सरकारी और निजी कॉलेज, स्कूल, आंगनवाड़ी और कोचिंग सेंटर सात सितंबर तक बंद रहेंगे।
राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र (एसईओसी) के अनुसार, राज्य में कुल 1292 सड़क बंद हैं। इनमें से 294 सड़क मंडी में, 226 कुल्लू में, 216 शिमला में, 204 चंबा में और 91 सिरमौर जिले में अवरुद्ध हैं।
राष्ट्रीय राजमार्ग (एनएच)-3 (मंडी-धरमपुर रोड), एनएच-5 (पुराना हिंदुस्तान-तिब्बत रोड), एनएच-21 (चंडीगढ़-मनाली रोड), एनएच-205 (खरड़ से स्वारघाट), एनएच-305 (ऑट-सैंज रोड) और एनएच-505 (खाब से ग्राम्फू) बंद हैं।
एसईओसी ने बृहस्पतिवार की सुबह बताया कि बारिश के कारण राज्यभर में बिजली के 2,809 ट्रांसफार्मर और 1,081 जलापूर्ति योजनाएं भी बाधित हुई हैं।
शिमला-कालका रेल लाइन पर भूस्खलन के बाद इस पर चलने वाली रेलगाड़ियां शुक्रवार तक रद्द कर दी गई हैं।
राज्य के कुछ हिस्सों में मध्यम से भारी बारिश हुई और बुधवार शाम से धर्मपुर में 74.6 मिमी बारिश हुई, जबकि करसोग में 69 मिमी, कसौली में 67 मिमी, नैना देवी में 58.6 मिमी, भुंतर में 55.6 मिमी और बिलासपुर में 50.8 मिमी बारिश हुई।
स्थानीय मौसम कार्यालय ने शुक्रवार और शनिवार को राज्य के कुछ स्थानों पर बारिश के लिए ‘येलो अलर्ट’ जारी किया है।
हिमाचल प्रदेश में 20 जून को मानसून के आगमन के बाद से राज्य में 95 बार अचानक बाढ़, 45 बार बादल फटने और भूस्खलन की 127 बड़ी घटनाएं हुई हैं।
मानसून शुरू होने के बाद से वर्षाजनित घटनाओं और सड़क दुर्घटनाओं में कम से कम 343 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 43 लोग लापता हैं।
आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, मानसून के दौरान अब तक राज्य को 3,690 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है।
भाषा
देवेंद्र