‘दागी’ शिक्षकों को ग्रुप सी, डी पदों पर नियुक्त करने के लिए कानूनी विकल्पों पर विचार कर रहे: ममता
अविनाश नरेश
- 04 Sep 2025, 08:29 PM
- Updated: 08:29 PM
कोलकाता, चार सितंबर (भाषा) पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बृहस्पतिवार को कहा कि उनकी सरकार 2016 की एसएससी परीक्षा के ‘‘दागी’’ शिक्षकों को गैर-शिक्षण पदों पर नियुक्त करने के लिए कानूनी विकल्प तलाश रही है।
उन्होंने यहां शिक्षक दिवस के उपलक्ष्य में आयोजित एक कार्यक्रम में यह भी कहा कि राज्य सरकार ने 2016 की स्कूल शिक्षक भर्ती परीक्षा के ‘‘बेदाग’’ उम्मीदवारों की भर्ती प्रक्रिया शुरू कर दी है।
बनर्जी ने कहा, ‘‘मैं ग्रुप सी और डी के पदों पर ‘दागी’ शिक्षकों की नियुक्ति के विकल्पों पर कानूनी विशेषज्ञों से परामर्श कर रही हूं। जो लोग वर्षों से पढ़ा रहे हैं लेकिन ‘अयोग्य’ चिह्नित किए गए हैं, उनके लिए मैं कानूनी समाधान खोजने की कोशिश कर रही हूं... संभव है कि उन्हें ग्रुप सी और डी के पदों पर भर्ती किया जा सके।’’
उन्होंने सरकारी ‘‘धन धान्य’’ सभागार में आयोजित कार्यक्रम के दौरान कहा, ‘‘हम चीजों को राजनीतिक चश्मे से नहीं, बल्कि मानवीय दृष्टिकोण से देखते हैं।’’
पश्चिम बंगाल स्कूल सेवा आयोग (डब्ल्यूबीएसएससी) ने पिछले सप्ताह 1,806 ‘‘दागी’’ उम्मीदवारों की सूची जारी की थी।
अप्रैल में, उच्चतम न्यायालय ने सरकारी और सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों के 25,753 शिक्षण और गैर-शिक्षण कर्मचारियों को बर्खास्त करने का आदेश दिया था और भर्ती प्रक्रिया को ‘‘विकृत और दागी’’ बताया था।
बाद में, उच्चतम न्यायालय ने अपने आदेश में संशोधन करते हुए ‘‘बेदाग’’ शिक्षकों को अपने कार्यस्थलों पर काम करते रहने और 31 दिसंबर तक वेतन लेने की अनुमति दे दी थी।
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘हमारे यहां अब भी शिक्षकों के 56,000 पद रिक्त हैं। इनमें से 35,726 पदों के लिए विज्ञापन प्रकाशित हो चुके हैं और लगभग 21,000 रिक्तियां अब भी लंबित हैं। कई बार हम कुछ करना चाहते हैं, लेकिन कुछ लोगों की वजह से कानूनी अड़चनें आ जाती हैं। हालांकि, मैं अदालत को दोष नहीं दूंगी। कुछ लोग हैं जो हर काम को अटकाने के लिए अदालत जाते हैं, और फिर लोगों का भविष्य बर्बाद हो जाता है।’’।
उन्होंने कहा कि ‘बेदाग’ उम्मीदवारों की भर्ती प्रक्रिया शुरू हो चुकी है और 10-12 साल के अनुभव वाले शिक्षकों को प्राथमिकता दी गई है। उन्होंने कहा, ‘‘हम जो भी मदद कर सकते हैं, कर रहे हैं।’’
उन्होंने कहा कि जहां तक ग्रुप सी और डी पदों का सवाल है, अदालत पहले ही कह चुकी है कि वे कहीं और काम कर सकते हैं।
केंद्र की भाजपा नीत सरकार पर निशाना साधते हुए ममता बनर्जी ने एस राधाकृष्णन की जयंती के एक दिन पहले शिक्षक दिवस कार्यक्रम आयोजित करने का कारण बताया। शिक्षक दिवस पांच सितंबर को मनाया जाता है।
उन्होंने भाजपा नीत सरकार का सीधे तौर पर जिक्र किए बिना कहा, "कल पैगंबर मोहम्मद की जयंती के कारण छुट्टी है, इसलिए हम आज यह कार्यक्रम मना रहे हैं। मुझे नहीं पता कि केंद्र ने छुट्टी घोषित की है या नहीं, लेकिन बंगाल में हमने छुट्टी घोषित की है।’’
'बंगाली अस्मिता' का जिक्र करते हुए, मुख्यमंत्री ने कहा कि ईश्वरचंद्र विद्यासागर और राममोहन राय जैसे दिग्गज और समाज सुधारक 19वीं सदी में सती और विधवा विवाह जैसी सामाजिक बुराइयों को रोकने में अग्रणी रहे थे।
उन्होंने कहा, ‘‘समाज सुधारकों से लेकर रवींद्रनाथ टैगोर और बंकिम चंद्र चट्टोपाध्याय जैसे दिग्गजों तक, जिन्होंने क्रमशः हमारे राष्ट्रगान और राष्ट्रगीत की रचना की, बंगाल ने हमेशा देश को रास्ता दिखाया है। हमें इस बात पर हमेशा गर्व रहेगा और हम अपनी बंगाली अस्मिता पर गर्व करेंगे।"
उन्होंने कहा कि सत्ता में आने के बाद से उनकी सरकार ने राज्य में 47 विश्वविद्यालय स्थापित किए हैं, जो पिछली सरकार के 12 विश्वविद्यालयों से अधिक है। उन्होंने कहा, "पांच और विश्वविद्यालयों की स्थापना का विधेयक राज्यपाल के पास लंबित है, हालांकि हमने इसे पारित कर दिया है।’’
भाषा
अविनाश