दिल्ली सरकार ने आधिकारिक कार्यों के लिए शीर्ष नौकरशाहों की वित्तीय शक्तियां बढ़ाईं
प्रशांत सुरेश
- 03 Sep 2025, 10:02 PM
- Updated: 10:02 PM
नयी दिल्ली, तीन सितंबर (भाषा) दिल्ली सरकार ने विभागाध्यक्षों (एचओडी) और प्रशासनिक सचिवों को सौंपी गई वित्तीय शक्तियों में संशोधन किया है, जिसके तहत उन्हें कार्यालय उपकरण, सरकारी कार्यक्रमों में जलपान और भोजन, वाहन किराये पर लेने और अन्य आधिकारिक उद्देश्यों के लिए ज्यादा रकम मंजूर करने का अधिकार दिया गया है।
दिल्ली सरकार के शीर्ष नौकरशाहों की वित्तीय शक्तियों को आखिरी बार 2019 में संशोधित किया गया था।
वित्त विभाग के ज्ञापन के अनुसार, संशोधित वित्तीय शक्तियों के तहत विभागाध्यक्षों और प्रशासनिक सचिवों को सीधे तौर पर आईटी से संबंधित वस्तुओं की खरीद, कार्यालय भवनों की मरम्मत, रखरखाव और किराये, उपकरण खरीदने, मानव संसाधन की भर्ती, सलाहकारों की नियुक्ति और यहां तक कि खराब हो चुके सरकारी वाहनों को बदलने के लिए भी अधिकृत किया गया है।
सरकार के विभिन्न कार्यों, परियोजनाओं और योजनाओं को मंजूरी देने के लिए विभागाध्यक्षों और प्रशासनिक सचिवों की वित्तीय शक्तियां क्रमशः 10 करोड़ रुपये और 50 करोड़ रुपये पर अपरिवर्तित बनी हुई हैं, जैसा कि 2019 के संशोधन में तय किया गया था।
प्रशासनिक सचिवों के पास अब आकस्मिक व्यय के संबंध में पूर्ण वित्तीय शक्तियां होंगी, जबकि विभागाध्यक्षों के पास 15 लाख रुपये (आवर्ती) और पांच लाख रुपये (गैर-आवर्ती व्यय) की सीमा होगी।
किसी भी प्रकार के वाहन को किराये पर लेने के लिए प्रशासनिक सचिवों के पास पूर्ण अधिकार होंगे, जबकि विभागाध्यक्षों को पांच लाख रुपये प्रति माह स्वीकृत करने के साथ-साथ प्रति व्यक्ति 4,000 रुपये प्रतिमाह वाहन शुल्क के रूप में प्रतिपूर्ति करने का अधिकार होगा।
वर्ष 2019 के संशोधन के अनुसार, विभागों द्वारा वाहन किराए पर लेने के लिए वित्त विभाग की अनुमति आवश्यक थी।
नौकरशाहों के लिए कानूनी शुल्कों के भुगतान में भी वित्तीय शक्तियां बढ़ाई जाएंगी। प्रशासनिक सचिवों को इन मामलों में विधि विभाग के नियमों और दरों के अधीन पूर्ण अधिकार प्राप्त होंगे।
प्रशासनिक सचिवों को कार्यालयों में फर्नीचर और अन्य साजो-सामान की खरीद, मरम्मत, किराये और निपटान के लिए पूर्ण वित्तीय अधिकार दिए गए हैं, जबकि विभागाध्यक्षों के मामले में प्रतिवर्ष 10 लाख रुपये की सीमा रखी गई है।
सरकारी भवनों की छोटी-मोटी मरम्मत और दिन-प्रतिदिन के रखरखाव के लिए प्रशासनिक सचिवों को 20 लाख रुपये और विभागाध्यक्षों को 10 लाख रुपये प्रतिवर्ष स्वीकृत करने का अधिकार दिया गया है।
प्रशासनिक सचिव अब सलाहकार, परामर्श सेवाएं और पेशेवर नियुक्त कर सकेंगे।
स्टेशनरी स्टोर की खरीद के लिए प्रशासनिक सचिवों के पास पूर्ण वित्तीय अधिकार होंगे, जबकि विभागाध्यक्षों के पास प्रतिवर्ष 50 लाख रुपये तक की सीमा होगी।
भाषा प्रशांत