पात्र मराठाओं को कुनबी प्रमाण पत्र देने पर सरकारी आदेश जारी किए जाने के बाद जरांगे का अनशन समाप्त
प्रशांत दिलीप
- 02 Sep 2025, 07:34 PM
- Updated: 07:34 PM
मुंबई, दो सितंबर (भाषा) कार्यकर्ता मनोज जरांगे ने मंगलवार को महाराष्ट्र सरकार द्वारा उनकी ज्यादातर मांगों को स्वीकार करने के बाद अपनी पांच दिन से चल रही भूख हड़ताल समाप्त कर दी।
सरकार ने जरांगे की जिन मांगों को स्वीकार किया है, उसमें पात्र मराठाओं को कुनबी जाति प्रमाण पत्र प्रदान करना भी शामिल है। इससे मराठा समुदाय के लोग ओबीसी को मिलने वाले आरक्षण लाभ के पात्र हो जाएंगे।
जरांगे ने भाजपा के वरिष्ठ मंत्री राधाकृष्ण विखे पाटिल, जो मराठा आरक्षण पर मंत्रिमंडलीय उप-समिति के प्रमुख हैं, तथा समिति के अन्य सदस्यों द्वारा दक्षिण मुंबई के आजाद मैदान में दिए गए फलों के रस का गिलास स्वीकार किया और इसके साथ ही उनका अनशन समाप्त हो गया। आजाद मैदान 29 अगस्त से उनका आंदोलन स्थल था।
जरांगे (43) अनशन तोड़ने के बाद रो पड़े और उनके समर्थक धरना स्थल पर ज़ोरदार जयकारे लगा रहे थे। बाद में वे मेडिकल चेकअप के लिए एम्बुलेंस में आज़ाद मैदान से चले गए।
जरांगे ने पहले मांग की थी कि मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और उनके दो उपमुख्यमंत्री - एकनाथ शिंदे और अजित पवार - उनका अनशन तुड़वाने के लिए आजाद मैदान आएं।
उन्होंने कहा, “इससे यह सुनिश्चित होगा कि मराठों के बीच कोई कटुता न रहे।” विखे पाटिल ने कार्यकर्ता से कहा कि वे तीनों मुंबई से बाहर हैं और उन्होंने उनसे अनशन तोड़ने की अपील की।
जरांगे ने पूछा, “हमने हैदराबाद गजट (मराठों को कुनबी का दर्जा देने) को लागू करवा लिया है... हमें और क्या चाहिए। अगर वे (मुख्यमंत्री और उनके उपमुख्यमंत्री) (आजाद मैदान में) नहीं आना चाहते, तो क्या आप चाहते हैं कि मैं मर जाऊं?”
कार्यकर्ता ने भाजपा नीत सरकार को अपने वादों से मुकरने के प्रति आगाह किया।
जरांगे ने चेतावनी दी, “मैं विखे पाटिल को चेतावनी देता हूं कि अगर हैदराबाद राजपत्र के क्रियान्वयन संबंधी शासनादेश (जीआर) को लागू करने पर हमें धोखा देने की कोशिश की गई, जिसमें गांव स्तर पर तीन सदस्यीय समिति गठित करने और विरोध प्रदर्शनों में जान गंवाने वाले मराठा कार्यकर्ताओं के परिजनों को नौकरी देने, प्रदर्शनकारियों पर दर्ज मुकदमे वापस लेने जैसे वादे शामिल हैं, तो हम चुप नहीं बैठेंगे। मैं विखे के घर आऊंगा और मरते दम तक वहीं बैठूंगा।”
कार्यकर्ता ने दावा किया कि मराठवाड़ा क्षेत्र में मराठा, कुनबी (एक ओबीसी समुदाय) हैं और गांव स्तर पर गठित की जाने वाली तीन सदस्यीय समिति को मराठा समुदाय के कुनबी दर्जे का पता लगाने के लिए मिले 58 लाख अभिलेखों पर विचार करना चाहिए।
जरांगे ने 29 अगस्त को भूख हड़ताल शुरू की थी, जो 2023 के बाद से उनके विरोध प्रदर्शनों की श्रृंखला में नवीनतम है। वह सरकारी नौकरियों और शिक्षा में आरक्षण का लाभ उठाने के लिए मराठों को ओबीसी श्रेणी में शामिल करने की मांग कर रहे हैं।
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