सफाई कर्मियों की मौत पर केवल ठेकेदारों को दोष ना दें, अधिकारियों को जवाबदेह बनाएं: अदालत
संतोष नरेश
- 02 Sep 2025, 07:32 PM
- Updated: 07:32 PM
अहमदाबाद, दो सितंबर (भाषा) गुजरात उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार से कहा है कि वह सीवर और सेप्टिक टैंक की सफाई के दौरान सफाई कर्मचारियों की मौत के मामले में ठेकेदारों पर सारा दोष मढ़ने के बजाय अधिकारियों की भी जिम्मेदारी तय करे।
सफाई कर्मचारियों की मौत से जुड़ी हर घटना के बाद ठेकेदार को ‘काली सूची’ में डालने की सरकार की रवायत का हवाला देते हुए अदालत ने सोमवार को कहा कि नया ठेकेदार भी ऐसा ही करेगा क्योंकि कोई रोकथाम नहीं है।
महाधिवक्ता कमल त्रिवेदी ने उच्च न्यायालय की टिप्पणी से सहमति जताई और आश्वासन दिया कि राज्य सरकार यह देखने की कोशिश करेगी कि ऐसे मामलों में अधिकारियों की जवाबदेही कैसे तय की जा सकती है।
मुख्य न्यायाधीश सुनीता अग्रवाल और न्यायमूर्ति डीएन रे की पीठ ने यह टिप्पणी 2016 की एक जनहित याचिका (पीआईएल) पर सुनवाई के दौरान की, जिसमें हाथ से मानव मल साफ करने की कुप्रथा के कारण सफाई कर्मचारियों की मौत के मुद्दे पर चर्चा की गई थी, जिसमें उन्हें सीवर, सेप्टिक टैंक और नालियों की सफाई के लिए ‘मैनहोल’ में उतरना पड़ता है।
जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान मुख्य न्यायाधीश अग्रवाल ने कहा, ‘‘अगर ऐसी कोई दुर्घटना होती है, तो नगर पालिकाओं के मुख्य अधिकारियों (सीओ) को कार्रवाई करनी होती है। पिछली बार एक सीओ को (पहले दायर हलफनामे के बारे में) पूरी तरह से जानकारी नहीं थी। उनका जवाब बहुत ही सतही था, मानो यह उनका काम ही नहीं है। अगर आप किसी ठेकेदार को नियुक्त करते हैं, तो भी मुख्य नियोक्ता की जिम्मेदारी कभी भी समाप्त नहीं होती।’’
उच्च न्यायालय ने कहा कि यह संदेश जाना चाहिए कि हाथ से मानव मल साफ करने में जुटे कर्मचारियों की मौत के प्रति सरकार की ‘बिल्कुल बर्दाश्त नहीं करने’ की नीति है।
मुख्य न्यायाधीश ने महाधिवक्ता त्रिवेदी से कहा, ‘‘ठेकेदार की किसी भी गलती के लिए अंतिम जिम्मेदारी नियोक्ता की होनी चाहिए। अगर मुख्य कर्मचारी पर किसी तरह की जवाबदेही तय की जाती है, तभी सभी लोग इस बात के प्रति सतर्क होंगे कि यह अस्वीकार्य है। यह बताया जाना चाहिए कि इस मामले में कतई बर्दाश्त नहीं करने की नीति है।’’ उन्होंने कहा कि हर बार केवल ठेकेदार के खिलाफ कार्रवाई करना उचित नहीं है।
उच्च न्यायालय की ओर से तलब किए जाने पर महाधिवक्ता त्रिवेदी ने सफाई उपकरणों के बारे में प्रगति रिपोर्ट प्रस्तुत की, जिन्हें या तो खरीद लिया गया है या खरीदा जा रहा है।
मुख्य न्यायाधीश अग्रवाल ने कहा कि इन उपकरणों की खरीद महत्वपूर्ण है, क्योंकि हाथ से मैला साफ करने की प्रथा को तभी समाप्त किया जा सकता है, जब नगरपालिकाओं को ऐसी मशीनों से लैस किया जाए ताकि किसी भी श्रमिक को मैनहोल में प्रवेश ना करना पड़े।
भाषा संतोष