क्या ‘न्यू नॉर्मल’ चीनी आक्रामकता एवं हमारी सरकार की कायरता से परिभाषित किया जाना चाहिए: कांग्रेस
आशीष दिलीप
- 31 Aug 2025, 10:32 PM
- Updated: 10:32 PM
नयी दिल्ली, 31 अगस्त (भाषा) प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग के बीच रविवार को मुलाकात के बाद कांग्रेस ने केंद्र पर निशाना साधते हुए सवाल किया कि क्या ‘‘न्यू नॉर्मल’’ (नयी सामान्य स्थिति) चीन की आक्रामकता और ‘‘सरकार की कायरता’’ से परिभाषित किया जाना चाहिए।
कांग्रेस ने सवाल किया कि क्या प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार का चीन के साथ सुलह पर जोर देना वास्तव में उसकी क्षेत्रीय आक्रामकता को वैध ठहरा रहा है।
कांग्रेस ने यह भी कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) को राष्ट्र को जवाब देना चाहिए कि क्या प्रधानमंत्री मोदी ने जरूरी मुद्दे उठाए और क्या उन्होंने चीन को ‘‘लाल आंखें’’ दिखाईं। विपक्षी दल ने कहा कि द्विपक्षीय संबंधों को फोटो खिंचवाने की कूटनीति से नहीं, बल्कि राष्ट्रीय हित से संचालित किया जाना चाहिए।
मोदी ने तियानजिन में चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग के साथ अपनी बैठक में कहा कि भारत आपसी विश्वास, सम्मान और संवेदनशीलता के आधार पर चीन के साथ अपने संबंधों को आगे बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध है।
कांग्रेस महासचिव एवं संचार प्रभारी जयराम रमेश ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर लिखा, ‘‘आज प्रधानमंत्री मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग के बीच हुई मुलाकात का आकलन निम्नलिखित संदर्भों में किया जाना चाहिए- जून 2020 में गलवान घाटी में चीनी आक्रामकता के चलते हमारे 20 सबसे बहादुर जवानों ने अपनी जान की कुर्बानी दी। इसके बावजूद, 19 जून 2020 को प्रधानमंत्री मोदी ने चीन को कायराना तरीके से (कुख्यात) क्लीन चिट दे दी।’’
उन्होंने कहा कि सेना प्रमुख ने लद्दाख में चीन के साथ सीमा पर यथास्थिति की पूर्ण बहाली की मांग की थी।
रमेश ने कहा, ‘‘लेकिन इसे हासिल करने में विफल रहने के बावजूद मोदी सरकार ने चीन के साथ सुलह की दिशा में कदम बढ़ाए जिससे चीन की उस क्षेत्र में आक्रामकता को अप्रत्यक्ष रूप से वैधता मिल गई।’’
उन्होंने कहा कि चार जुलाई, 2025 को उप-सेना प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल राहुल सिंह ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के दौरान पाकिस्तान के साथ चीन की ‘जुगलबंदी’ पर जोरदार और स्पष्ट रूप से बात की थी।
रमेश ने कहा, ‘‘मगर इस अशुभ गठजोड़ पर ठोस प्रतिक्रिया देने के बजाय मोदी सरकार ने इसे नियति मानकर चुपचाप स्वीकार कर लिया और अब चीन को राजकीय दौरों से पुरस्कृत कर रही है।’’
उन्होंने कहा कि चीन ने यारलुंग सांगपो पर एक विशाल जलविद्युत परियोजना की घोषणा की है, जिसके ‘‘हमारे उत्तर-पूर्वी राज्यों पर बेहद गंभीर प्रभाव पड़ेंगे, लेकिन मोदी सरकार की तरफ से इस मुद्दे पर एक शब्द भी नहीं बोला गया।’’
रमेश ने दावा किया कि चीन से आयात की अनियंत्रित ‘डंपिंग’ जारी है, जिसने हमारी एमएसएमई (सूक्ष्म, लघु, मध्यम उद्यम) इकाइयों को बुरी तरह प्रभावित किया है।
‘डंपिंग’ का अर्थ होता है कि निर्माता द्वारा किसी उत्पाद को सामान्य मूल्य से कम कीमत पर दूसरे देश को निर्यात करना जिससे उस देश को नुकसान होता है।
रमेश ने कहा, ‘‘अन्य देशों की तरह सख्त कदम उठाने के बजाय भारत ने चीनी आयातकों को लगभग खुली छूट दे दी है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘क्या ‘न्यू नॉर्मल’ चीनी आक्रामकता और हमारी सरकार की कायरता से परिभाषित किया जाना चाहिए?’’
कांग्रेस महासचिव रणदीप सुरजेवाला ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में प्रधानमंत्री मोदी की राष्ट्रपति शी चिनफिंग के साथ बैठक को महज फोटो खिंचवाने का अवसर बताया, जिसमें कोई ठोस तथ्य या मजबूत विदेश नीति नहीं है।
उन्होंने पूछा, "तो फिर, भारत-चीन के रिश्ते "आपसी विश्वास, सम्मान और संवेदनशीलता" पर कैसे आधारित हो सकते हैं, जैसा कि मोदी कहते हैं।"
सुरजेवाला ने कहा, "प्रधानमंत्री मोदी यह स्पष्ट रूप से कहना भूल गए कि चीन के साथ रिश्ते समानता, भारत की क्षेत्रीय अखंडता के प्रति निष्ठा और पाकिस्तान को भारत के खिलाफ चीनी ‘प्रॉक्सी’ के रूप में इस्तेमाल करने से रोकने पर आधारित होने चाहिए।"
उन्होंने पूछा कि क्या प्रधानमंत्री मोदी ने चीन और राष्ट्रपति शी चिनफिंग को सच बताने की हिम्मत दिखाई?
यह दावा करते हुए कि चीन लद्दाख में 1,000 वर्ग किलोमीटर से ज़्यादा भारतीय ज़मीन पर कब्ज़ा जमाए हुए है, उन्होंने पूछा, "क्या प्रधानमंत्री मोदी ने 'अप्रैल 2020 की यथास्थिति' पर ज़ोर दिया?"
उन्होंने दावा किया कि सैनिकों के पीछे हटने की सुर्खियों के बावजूद, चीन अभी भी देपसांग, डेमचोक और हॉट स्प्रिंग्स में अपनी पकड़ बनाए हुए है। उन्होंने कहा कि अप्रैल 2020 से पहले की स्थिति बहाल नहीं हुई है।
उन्होंने कहा, "गलवान में 20 भारतीय सैन्यकर्मियों ने अपनी जान कुर्बान कर दी, फिर भी बीजिंग उदासीन बना हुआ है और भाजपा सरकार मूकदर्शक बनी हुई है।"
सुरजेवाला ने कहा, "आतंकवाद और ऑपरेशन सिंदूर: अप्रैल 2025 में पहलगाम हमले में 26 नागरिक मारे गए थे। इसके बाद, पाकिस्तान की जवाबी कार्रवाई चीनी लड़ाकू विमानों, मिसाइलों और उपग्रह खुफिया जानकारी पर निर्भर थी। इस तथ्य की पुष्टि हमारे जनरलों ने की थी।"
उन्होंने पूछा, "क्या प्रधानमंत्री ने चीन से पूछा कि पाकिस्तान को लाभ पहुंचाने के लिए ऑपरेशन सिंदूर में हस्तक्षेप क्यों किया गया या फिर उन्होंने चीन से भविष्य में ऐसा करने से बचने को कहा?"
अरुणाचल प्रदेश और मानचित्र में जगहों को गलत तरीके से दिखाने के बारे में सुरजेवाला ने कहा कि बीजिंग ने अरुणाचल प्रदेश में 30 स्थानों का नाम बदल दिया और विवादित क्षेत्र के अंदर 100 घरों वाला एक गांव बना दिया।
उन्होंने कहा कि चीन सैकड़ों सीमावर्ती गांवों का भी निर्माण कर रहा है। उन्होंने पूछा, "क्या प्रधानमंत्री मोदी ने राष्ट्रपति शी से भारत की क्षेत्रीय अखंडता पर सवाल उठाने या उसे बदलने का प्रयास करने के कारण पूछे या चीन को ऐसे भयावह प्रयास करने के खिलाफ चेताया?"
व्यापार असंतुलन और सांकेतिक प्रतिबंधों के बारे में बात करते हुए, कांग्रेस नेता ने कहा कि वित्त वर्ष 2024-25 में चीन के साथ भारत का व्यापार घाटा रिकॉर्ड 99.2 अरब अमेरिकी डॉलर तक पहुंच गया।
उन्होंने कहा, "...गलवान, टिकटॉक और अन्य ऐप पर चरणबद्ध तरीके से प्रतिबंध लगाए गए, लेकिन विशेषज्ञों ने इसे प्रतीकात्मक और पारदर्शिता की कमी वाला बताया, जबकि चीनी आयात पर निर्भरता बढ़ती गई।’’
सुरजेवाला ने पूछा, "क्या प्रधानमंत्री मोदी ने चीन के साथ व्यापार असंतुलन के मुद्दे और इसे दूर करने की समयसीमा पर कोई बात कही?"
भाषा आशीष