जम्मू कश्मीर: मुख्यमंत्री ने जोखिम संभावित क्षेत्रों से लोगों की सुरक्षित निकासी का निर्देश दिया
राजकुमार नेत्रपाल
- 30 Aug 2025, 03:06 PM
- Updated: 03:06 PM
(फाइल फोटो के साथ)
श्रीनगर, 30 अगस्त (भाषा) जम्मू कश्मीर में खराब मौसम के चलते मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने शनिवार को अधिकारियों को जोखिम संभावित क्षेत्रों में चौबीसों घंटे निगरानी करने और वहां से लोगों की सुरक्षित निकासी का निर्देश दिया।
इस बीच, पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती ने शनिवार को केंद्र सरकार से जम्मू-कश्मीर में वर्षाजनित आपदाओं के मद्देनजर राहत पैकेज की घोषणा करने की अपील की।
मुख्यमंत्री का बयान रामबन और रियासी जिलों में बादल फटने एवं भूस्खलन होने की घटनाओं के बाद आया है, जिसमें एक ही परिवार के सात सदस्यों समेत 11 लोगों की मौत हो गई और एक व्यक्ति लापता हो गया।
अब्दुल्ला ने इन मौतों पर दुख व्यक्त किया। रामबन के राजगढ़ में एक ही परिवार के चार लोगों की मौत हो गई और एक व्यक्ति लापता हो गया, जबकि रियासी जिले में माहौर इलाके के बद्दर गांव में भूस्खलन से एक दंपति और उनके पांच बच्चे जिंदा दफन हो गए।
लगातार हो रही भारी बारिश को देखते हुए मुख्यमंत्री ने लोगों से सतर्क रहने, संवेदनशील क्षेत्रों से बचने और सुरक्षा परामर्श का सख्ती से पालन करने की अपील की।
मुख्यमंत्री कार्यालय द्वारा ‘एक्स’ पर किए गए पोस्ट में कहा गया, ‘‘उन्होंने (मुख्यमंत्री ने) जिला प्रशासन और आपदा प्रबंधन अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे जमीनी स्तर पर मौजूद रहें, चौबीसों घंटे निगरानी सुनिश्चित करें, जोखिम संभावित क्षेत्रों से समय पर लोगों की सुरक्षित निकासी करें और प्रभावित परिवारों को तत्काल राहत एवं हरसंभव सहायता प्रदान करें।’’
रामबन की घटना पर मुख्यमंत्री ने प्रशासन को तत्काल बचाव और राहत अभियान चलाने का निर्देश दिया है।
महबूबा ने ‘एक्स’ पर लिखा, ‘‘हाल में बाढ़, बादल फटने और भूस्खलन ने जम्मू-कश्मीर में व्यापक तबाही मचाई है, जिसमें जम्मू सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ है। इन घटनाओं में जानें गई हैं, घर तबाह हुए हैं, बुनियादी ढांचे को नुकसान पहुंचा है और कई परिवारों में कुछ भी नहीं बचा है।’’
उन्होंने कहा कि भारत सरकार को 2014 की बाढ़ के बाद दिए गए राहत पैकेज के समान राहत पैकेज की तत्काल घोषणा करनी चाहिए।
मुफ्ती ने केंद्र और जम्मू-कश्मीर सरकार के बीच समन्वित प्रयास का आह्वान करते हुए कहा कि यह सुनिश्चित करना जरूरी है कि मौजूदा संकट के दौरान प्रभावित लोग खुद के भरोसे न रह जाएं।
भाषा
राजकुमार