बदायूं में शम्सी जामा मस्जिद बनाम नीलकंठ मंदिर मामले की अगली सुनवाई 25 अक्टूबर को
सं आनन्द खारी
- 30 Aug 2025, 03:05 PM
- Updated: 03:05 PM
बदायूं (उप्र), 30 अगस्त (भाषा) बदायूं की एक विशेष त्वरित अदालत ने शम्सी जामा मस्जिद बनाम नीलकंठ मंदिर के मुकदमे में अगली सुनवाई की तारीख 25 अक्टूबर तय की है। शनिवार को एक अधिवक्ता ने यह जानकारी दी।
हिंदू पक्ष ने जामा मस्जिद पर नीलकंठ मंदिर होने का दावा किया है।
शम्सी जामा मस्जिद बनाम नीलकंठ महादेव मंदिर मामले में मंदिर पक्ष के वादी एवं अधिवक्ता अरविंद सिंह परमार ने बताया कि बदायूं में नीलकंठ महादेव मंदिर बनाम शम्सी जामा मस्जिद के मुकदमे में दीवानी अदालत (सीनियर डिविजन) त्वरित अदालत के न्यायाधीश पुष्पेंद्र चौधरी ने फाइल का अवलोकन करने के बाद मामले की अगली सुनवाई के लिए 25 अक्टूबर की तारीख नियत की है।
उन्होंने बताया कि चौधरी ने आज किसी भी पक्ष की सुनवाई नहीं की और अपने चेंबर से ही फाइल पर 25 अक्टूबर की तारीख तय कर दी है और अब 25 अक्टूबर को सुनवाई के दौरान न्यायाधीश यह निर्णय देंगे कि यह याचिका सुनवाई योग्य है अथवा नहीं।
इससे पहले नीलकंठ महादेव मंदिर पक्ष के अधिवक्ता वेद प्रकाश साहू ने कहा कि मुकदमे में बार-बार अदालत बदलने के कारण कोई निर्णय नहीं हो पा रहा है।
उन्होंने बताया कि पहले यह मामला त्वरित अदालत में था, इसके बाद दीवानी न्यायाधीश (सीनियर डिविजन) की अदालत में स्थानांतरित कर दिया गया। अब दीवानी न्यायाधीश (सीनियर डिविजन) सुमन तिवारी के अवकाश पर जाने के कारण फाइल को फिर से त्वरित अदालत में स्थानांतरित कर दिया गया, जहां फिर से 25 अक्टूबर की तारीख तय की गई है।
फिलहाल सुनवाई में अदालत को यह निर्णय देना है कि अधीनस्थ अदालत में यह वाद पोषणीय (सुनवाई योग्य) है या नहीं।
पिछली तारीखों पर अदालत ने शम्सी जामा मस्जिद इंतजामिया कमेटी के अधिवक्ता अनवार आलम का पक्ष सुना था।
उन्होंने दलील दी थी कि उच्चतम न्यायालय के निर्देशों के अनुसार, अधीनस्थ अदालतें इस तरह के धार्मिक ढांचों के विवाद पर सुनवाई के लिए अधिकृत नहीं हैं और इस वाद को खारिज किया जाना चाहिए।
मंदिर पक्ष के अन्य वकील विवेक कुमार रेंडर की दलील कि उच्चतम न्यायालय के आदेश में पहले से जारी वाद में सुनवाई पर कोई रोक नहीं है।
वकीलों के अनुपस्थित रहने, अदालत में अवकाश और न्यायाधीश के तबादले की वजह से फरवरी से ही इस मामले में सुनवाई टल रही है। हिंदू पक्ष ने जामा मस्जिद पर नीलकंठ मंदिर होने का दावा किया है।
भाषा सं आनन्द