उप्र सरकार आगरा, प्रयागराज में स्थापित करेगी एकीकृत विनिर्माण क्लस्टर
जफर अनुराग
- 25 Jun 2025, 05:42 PM
- Updated: 05:42 PM
लखनऊ, 25 जून (भाषा) उत्तर प्रदेश को ‘उद्यम प्रदेश’ के रूप में परिवर्तित कर रही प्रदेश सरकार राज्य को एक लाख करोड़ डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने की दिशा में तेजी से कदम बढ़ा रही है। इस कड़ी में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अगुवाई वाली सरकार प्रदेश में अमृतसर-कोलकाता औद्योगिक गलियारा (एकेआईसी) परियोजना के तहत आगरा और प्रयागराज में दो अत्याधुनिक एकीकृत विनिर्माण क्लस्टर (आईएमसी) विकसित करने जा रही है।
प्रदेश सरकार ने बयान में बताया कि यह दोनों क्लस्टर न केवल औद्योगिक उत्पादन के नए केंद्र बनेंगे, बल्कि क्षेत्रीय विकास और रोजगार सृजन को भी नई दिशा देंगे। इस परियोजना को केंद्र और राज्य सरकार की साझेदारी में विशेष प्रयोजन वाहन (एसपीवी) के तौर पर एकीकृत विनिर्माण क्लस्टर आगरा-प्रयागराज लिमिटेड के माध्यम से क्रियान्वित किया जा रहा है।
बयान के मुताबिक, प्रदेश सरकार की औद्योगिक दृष्टिकोण के अनुरूप, आगरा जिले के रहन कलां क्षेत्र में 1,058 एकड़ और प्रयागराज के करछना ब्लॉक में 351 एकड़ भूमि पर यह दो विशाल आईएमसी विकसित किए जाने की योजना है। इन क्षेत्रों में अत्याधुनिक आधारभूत ढांचे की स्थापना की जाने की योजना है जिसमें सड़कें, जलापूर्ति, ऊर्जा आपूर्ति, आईसीटी सेवाएं और हरित क्षेत्र भी शामिल हैं।
प्रदेश सरकार ने बताया कि परियोजना का उद्देश्य न केवल उत्पादन और निवेश को आकर्षित करना है, बल्कि औद्योगिक नगर की अवधारणा को भी बढ़ावा देना है। इस परियोजना में उत्तर प्रदेश राज्य औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीसीडा) राज्य की ओर से भूमि और अन्य आवश्यक संसाधन उपलब्ध करा रहा है, जबकि केंद्र सरकार की इकाई राष्ट्रीय औद्योगिक गलियारा विकास कार्यक्रम (एनआईसीडीसी) बुनियादी ढांचे के विकास के लिए वित्तपोषण और तकनीकी मार्गदर्शन देगी। इसमें केंद्र और राज्य, दोनों की 50-50 प्रतिशत हिस्सेदारी से गठित एसपीवी इस परियोजना को धरातल पर उतारने का कार्य करेगी।
बयान के अनुसार, यूपीसीडा ने परियोजना के अंतर्गत कार्यों की पूर्ति के लिए एक खाका तैयार किया है। इसके अनुसार, यह आईएमसी विभिन्न निर्माण इकाइयों के साथ ही अनुसंधान एवं विकास, तकनीकी नवाचार और कौशल विकास के केंद्र की स्थापना का भी माध्यम बनेगा। यहां परंपरागत उद्योगों को तकनीकी सहायता देने और उद्यमिता को बढ़ावा देने वाले इनक्यूबेशन सेंटर भी स्थापित हो सकेंगे। इससे स्थानीय स्तर पर रोजगार के नए अवसर सृजित होंगे और युवाओं को हुनर के साथ-साथ उद्योग जगत से जुड़ने का अवसर मिलेगा।
भाषा जफर