विधानसभा उपचुनाव : पश्चिम बंगाल की कालीगंज सीट पर तृणमूल कांग्रेस को मिली जीत
धीरज मनीषा
- 23 Jun 2025, 05:14 PM
- Updated: 05:14 PM
(तस्वीरों के साथ)
कोलकाता, 23 जून (भाषा) पश्चिम बंगाल के नादिया जिले में स्थित कालीगंज विधानसभा सीट पर हुए उप चुनाव में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस की उम्मीदवार अलीफा अहमद ने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी एवं भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के उम्मीदवार आशीष घोष को 50,049 मतों के अंतर से हराया है। निर्वाचन आयोग की वेबसाइट पर सोमवार को मतगणना के आंकड़ों से यह जानकारी मिली।
अलीफा अहमद ने अपने पिता नसीरुद्दीन अहमद के 2021 के जीत के अंतर को बेहतर किया, जिनका इस साल फरवरी में निधन होने के कारण यह सीट खाली हुई थी।
निर्वाचन आयोग की वेबसाइट पर जारी आंकड़ों के मुताबिक, अंतिम 23वें चक्र की मतगणना के बाद अलीफा को 1,02,759 वोट मिले, जबकि घोष को 52,710 वोट मिले।
वाम दलों द्वारा समर्थित कांग्रेस उम्मीदवार काबिल उद्दीन शेख 28,348 मतों के साथ तीसरे स्थान पर रहे।
अलीफा अहमद को 2021 में पिता को मिले कुल 1,11,696 मतों से लगभग 9,000 मत कम मिले, लेकिन उनकी जीत का अंतर चार साल पहले नसीरुद्दीन के 46,987 वोटों के अंतर से अधिक है।
अलीफा (38) पेशे से इंजीनियर हैं और राजनीति में कदम रखने के लिए कोलकाता की एक आईटी फर्म में अपनी कॉर्पोरेट की नौकरी छोड़ दी।
मतगणना केंद्र के बाहर अलीफा ने अपनी जीत का श्रेय ‘‘लोगों के प्यार’’ को दिया और ‘‘ममता बनर्जी की विकास की राजनीति में विश्वास जताने’’ के लिए उन्हें धन्यवाद दिया।
अलीफा ने भाजपा नेता शुभेंदु अधिकारी के दावे के जवाब में कहा, ‘‘मैं इस बात से सहमत नहीं हूं कि हिंदुओं ने हमें वोट नहीं दिया है। हमें अपने निर्वाचन क्षेत्र के कुछ हिंदू बहुल इलाकों से महत्वपूर्ण बढ़त मिली है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘हमने किसी विशेष समुदाय के मतों को लक्षित नहीं किया। हमने सभी मतदाताओं से संपर्क किया और परिणाम दर्शाते हैं कि उनका स्पष्ट जनादेश बंगाल में किसी भी प्रकार के सांप्रदायिक विभाजन को बर्दाश्त नहीं करने का है।’’
निर्वाचन आयोग द्वारा आधिकारिक तौर पर परिणाम घोषित करने से पहले ही तृणमूल अध्यक्ष और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कालीगंज के लोगों को बधाई दी और उनके प्रति आभार व्यक्त किया।
बनर्जी ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘क्षेत्र के सभी धर्मों, जातियों, नस्लों और पेशे के लोगों ने कालीगंज विधानसभा क्षेत्र के उपचुनाव में अपने मताधिकार का प्रयोग करके हमें अपार आशीर्वाद दिया है। मैं विनम्रतापूर्वक उनके प्रति आभार व्यक्त करती हूं। इस जीत के मुख्य सूत्रधार ‘मां, माटी और मानुष’ हैं। कालीगंज के मेरे साथियों ने इसके लिए अथक परिश्रम किया है। मैं उन्हें भी अपनी हार्दिक बधाई देती हूं। सभी को मेरा प्रणाम और वंदन।’’
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘दिवंगत विधायक नसीरुद्दीन अहमद को याद करते हुए मैं यह जीत मातृभूमि और बंगाल की जनता को समर्पित करती हूं। सभी को मेरी बधाई और सलाम।’’
शुभेंदु अधिकारी ने कहा, ‘‘हम इस क्षेत्र में हिंदू मतों को अपनी ओर कर लाभ उठाने में सक्षम हुए हैं। यह प्रयास सफल रहा है, क्योंकि हमें पलासी जैसे हिंदू बहुल क्षेत्रों से भारी मिले हैं।’’
वाम दलों द्वारा समर्थित कांग्रेस उम्मीदवार काबिल उद्दीन शेख ने आरोप लगाया, ‘‘भाजपा ने शुभेंदु अधिकारी और सुकांत मजूमदार की कालीगंज में चार सभाएं कीं, जहां उन्होंने हिंदू मतदाताओं से स्पष्ट रूप से एकजुट होने या फिर विनाश के लिए तैयार रहने का आह्वान किया। इस आह्वान का सामना करते हुए अल्पसंख्यकों ने भी एकजुट होकर तृणमूल को वोट दिया। भाजपा और तृणमूल ने मिलकर सुनिश्चित किया कि वोट सांप्रदायिक आधार पर बंट जाएं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘जिन मतदाताओं ने मेरा समर्थन किया, वे तटस्थ मतदाता थे और सांप्रदायिकता का समर्थन नहीं करते। लोगों को जल्द ही एहसास हो जाएगा कि वे ऐसे दलों का समर्थन जारी नहीं रख सकते।’’
तृणमूल सांसद महुआ मोइत्रा ने कालीगंज की जीत पर सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर लिखा, ‘‘सत्यमेव जयते।’’
भाषा धीरज