कांग्रेस की असम इकाई का प्रचार कर रहे इस्लामिक देशों के 5,000 सोशल मीडिया अकाउंट: हिमंत
सिम्मी मनीषा
- 20 Jun 2025, 03:20 PM
- Updated: 03:20 PM
गुवाहाटी, 20 जून (भाषा) असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने शुक्रवार को आरोप लगाया कि 5,000 से अधिक ‘सोशल मीडिया अकाउंट’ कांग्रेस की असम इकाई का प्रचार एवं समर्थन करने के लिए सक्रिय हो गए हैं तथा इनमें से ज्यादातर ‘अकाउंट’ इस्लामिक देशों से संचालित होते हैं।
शर्मा ने एक संवाददाता सम्मेलन में आरोप लगाया कि ये ‘अकाउंट’ 47 देशों में सक्रिय है और इनमें से सबसे अधिक संख्या में सक्रिय ‘अकाउंट’ बांग्लादेश और पाकिस्तान में हैं।
उन्होंने दावा किया कि ये ‘अकाउंट’ पिछले एक महीने से कांग्रेस की असम इकाई के एक विशेष नेता और पार्टी की राज्य इकाई के पेज की गतिविधियों पर खासतौर पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं।
शर्मा ने कहा, ‘‘यह आश्चर्यजनक है कि वे राहुल गांधी या यहां तक कि भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के पोस्ट पर भी टिप्पणी या ‘लाइक’ नहीं करते। वे केवल एक विशेष नेता और कांग्रेस की असम इकाई पर ध्यान केंद्रित करते हैं।’’
उन्होंने कहा कि असम के अलावा वे इस्लामी कट्टरपंथी सामग्री पोस्ट करते हैं जिसमें फलस्तीन, ईरान और बांग्लादेश के मुख्य सलाहकार प्रोफेसर मोहम्मद यूनुस संबंधी पोस्ट शामिल हैं।
हालांकि मुख्यमंत्री ने किसी नेता का नाम नहीं लिया लेकिन ऐसा प्रतीत होता है कि वे गौरव गोगोई का जिक्र कर रहे थे जिन्हें पिछले सप्ताह मई में असम प्रदेश कांग्रेस कमेटी का अध्यक्ष नियुक्त किया गया था।
शर्मा ने कहा, ‘‘हमें राज्य में पार्टी नेतृत्व में बदलाव से कोई लेना देना नहीं है लेकिन यह घटनाक्रम पिछले महीने हुआ है और इसका कुछ संबंध अवश्य है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘2026 के विधानसभा चुनावों से पहले असम की राजनीति में बहुत अधिक विदेशी हस्तक्षेप है और ऐसा पहली बार हो रहा है।’’
मुख्यमंत्री ने इसे ‘‘राष्ट्रीय सुरक्षा’’ का मुद्दा बताते हुए कहा कि केंद्र सरकार को इससे अवगत करा दिया गया है।
उन्होंने कहा कि 5,000 ‘अकाउंट’ में से कुछ ने अपना स्थान गुवाहाटी बताया है और ‘‘हम इस बात से इनकार नहीं कर रहे हैं कि कुछ ‘अकाउंट’ राज्य के भीतर के हो सकते हैं।’’
शर्मा ने कहा, ‘‘ ‘अकाउंट’ में स्थानों का खुलासा किया गया है और हमने उन अकाउंट का ‘फोरेंसिक ऑडिट’ किया है जो पिछले महीने बनाए गए हैं।’’
उन्होंने कहा कि यह पाया गया कि 700 ‘अकाउंट’ बांग्लादेश से, 350 पाकिस्तान से, 246 सऊदी अरब से, 86 कुवैत से और 35 अफगानिस्तान से हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘कुछ ‘अकाउंट’ निजी हैं और उनकी गहन जांच की आवश्यकता है। यह सुरक्षा के लिए एक गंभीर चिंता का विषय है कि एक महीने में 5,000 से अधिक सोशल मीडिया अकाउंट खोले गए और वे असम से संबंधित पोस्ट पर टिप्पणियां और ‘लाइक’ कर रहे हैं।’’
मुख्यमंत्री ने कहा कि इसके अलावा ऐसी जानकारी है कि बाहर से आए कुछ लोगों ने गुवाहाटी के दो इलाकों में मकान किराए पर लिए हैं और वे इस उद्देश्य के लिए कई यूट्यूबर और सोशल मीडिया ‘इन्फ्लुएंसर’ से जुड़े हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘उन पर नजर रखी जा रही है। कट्टरपंथी तत्व असम में घुस आए हैं और चुनाव से पहले सक्रिय हैं।’’
शर्मा ने यह भी आरोप लगाया कि उन्होंने राज्य के कुछ डिजिटल मीडिया संगठनों में भी पैठ बना ली है।
उन्होंने दावा किया कि ऐसी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए कोलकाता में एक ‘कॉल सेंटर’ स्थापित करने की भी योजना है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह भी संभव है कि ये लोग व्हाट्सऐप और अन्य ‘मैसेजिंग ऐप’ के माध्यम से जुड़े हों क्योंकि वे अलग-अलग समय क्षेत्रों वाले देशों से हैं और जब कोई कट्टरपंथी सामग्री ‘पोस्ट’ की जाती है तो उन्हें सतर्क कर दिया जाता है।
उन्होंने दावा किया कि असम के मुसलमान, चाहे वे मूल निवासी हों या यहां बसे प्रवासी हो, ऐसी सामग्री पोस्ट नहीं करेंगे।
शर्मा ने कहा कि अगले चरण में वे फर्जी हिंदू नाम रख सकते हैं जैसा ‘‘कई लोग हिंदू महिलाओं से शादी करने के लिए करते हैं।’’ उन्होंने कहा कि असम और पूर्वोत्तर राज्य अंतरराष्ट्रीय कट्टरपंथियों के रडार पर हमेशा रहे हैं और बांग्लादेश का हिस्सा बनाने के लिए ‘चिकन नेक’ को काटना कट्टरपंथियों का एक ‘अधूरा एजेंडा’ रहा है।
‘चिकन नेक’ या ‘सिलीगुड़ी कॉरिडोर’ पश्चिम बंगाल के उत्तरी हिस्से में स्थित एक पतली सी पट्टी है जो भारत के अन्य भूभाग को उसके पूर्वोत्तर राज्यों से जोड़ती है। यह भौगोलिक संरचना मुर्गी की गर्दन जैसी लगती है इसलिए इसे आम बोलचाल में ‘चिकन नेक’ कहा जाता है। इस गलियारे की विशेषता यह है कि यह नेपाल, भूटान और बांग्लादेश की सीमाओं के बिल्कुल करीब है।
शर्मा ने कहा, ‘‘हम बहुत ही गंभीर स्थिति में हैं और पूरे मामले को राष्ट्रीय सुरक्षा के नजरिए से देखा जा रहा है।’’
भाषा सिम्मी