केदारनाथ के पास हेलीकॉप्टर के दुर्घटनाग्रस्त होने से सात लोगों की मौत
दीप्ति खारी खारी
- 15 Jun 2025, 10:34 AM
- Updated: 10:34 AM
(तस्वीरों सहित)
देहरादून/रुद्रप्रयाग, 15 जून (भाषा) उत्तराखंड में केदारनाथ के पास रविवार को एक निजी कंपनी का हेलीकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त हो गया जिससे उसमें सवार छह श्रद्धालुओं समेत सात लोगों की मौत हो गयी।
रुद्रप्रयाग के जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी नंदन सिंह रजवार ने 'पीटीआई-भाषा' को बताया कि यह दुर्घटना गौरीकुंड के जंगलों के ऊपर हुई। इस दुर्घटना में मरने वालों में पायलट और एक शिशु भी शामिल है।
उन्होंने बताया कि सुबह लगभग साढ़े पांच बजे ‘आर्यन एविएशन’ के हेलीकॉप्टर ने केदारनाथ से गुप्तकाशी के लिए उड़ान भरी और अचानक यह दुर्घटनाग्रस्त हो गया। रजवान ने बताया कि माना जा रहा है कि खराब मौसम के कारण दृश्यता कम होने की वजह से यह हादसा हुआ।
रुद्रप्रयाग के जिला पर्यटन विकास अधिकारी एवं हेली सेवा के नोडल अधिकारी राहुल चौबे ने बताया कि हेलीकॉप्टर से संपर्क टूटने पर उसकी खोजबीन शुरू की गयी जिसके बाद दुर्घटना का पता चला।
उन्होंने बताया कि राष्ट्रीय आपदा मोचन बल, राज्य आपदा प्रतिवादन बल, पुलिस सहित अन्य एजेंसियां मौके पर पहुंचकर स्थानीय लोगों की मदद से राहत एवं बचाव कार्यों में जुटी हैं।
घटनास्थल का एक वीडियो स्थानीय लोगों को प्राप्त हुआ है जिसमें दुर्घटनाग्रस्त हेलीकॉप्टर से उठती आग की लपटें देखी जा सकती हैं।
रुद्रप्रयाग जिले की पुलिस ने बताया कि मृतकों की पहचान महाराष्ट्र निवासी राजकुमार सुरेश जायसवाल (41), उनकी पत्नी श्रद्धा जायसवाल (35) और बेटी काशी (दो), उत्तर प्रदेश निवासी विनोद देवी (66) तथा तुसथी सिंह (19) और केदारनाथ निवासी विक्रम एवं पायलट राजवीर सिंह चौहान के रूप में हुई है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सोशल मीडिया पर एक संदेश में कहा कि हेलीकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त होने का अत्यंत दुखद समाचार मिला है और राज्य आपदा प्रतिवादन बल सहित अन्य एजेंसियां राहत एवं बचाव कार्यों में लगी हैं।
इससे पहले, आठ मई को उत्तरकाशी जिले में गंगोत्री धाम जा रहा एक हेलीकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त हो गया था जिसमें छह लोगों की मौत हो गयी थी । सात जून को भी केदारनाथ जा रहे एक हेलीकॉप्टर को उड़ान भरते ही तकनीकी खराबी आ जाने के कारण सड़क पर आपात लैंडिंग करनी पड़ी थी जिसमें पायलट को चोटें आयीं थी लेकिन उसमें सवार पांच श्रद्धालु सुरक्षित बच गए थे।
भाषा दीप्ति खारी