बेंगलुरु में भगदड़: पुलिस उपायुक्त ने 14 घायलों के बयान दर्ज किये
संतोष माधव
- 11 Jun 2025, 06:28 PM
- Updated: 06:28 PM
बेंगलुरु(कर्नाटक), 10 जून (भाषा) यहां चिन्नास्वामी स्टेडियम के पास हुई भगदड़ की मजिस्ट्रेट जांच का नेतृत्व कर रहे बेंगलुरु के उपायुक्त जी जगदीश ने बुधवार को घटना में घायल हुए लोगों के बयान दर्ज किए।
आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, जांच के तहत कम से कम 14 लोगों के बयान कैमरे के सामने दर्ज किए गए। इस दौरान उनसे पूछा गया कि उन्हें किन कठिनाइयों का सामना करना पड़ा, भगदड़ कैसे हुई और उनका किस अस्पताल में इलाज किया गया।
बयान दर्ज करने के बाद पीड़ितों में से एक, सैयद अबू जाफर ने कहा कि उसने उपायुक्त को बताया कि कैसे चार जून को भगदड़ मची जब वह स्टेडियम के गेट नंबर 20 पर खड़ा था।
उन्होंने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘‘मैंने उपायुक्त के समक्ष अपना बयान दर्ज करा दिया है। मैंने उन्हें बताया कि उस दिन क्या हुआ था। हालांकि उस दिन स्टेडियम में पुलिस मौजूद थी, लेकिन वे भीड़ को नियंत्रित करने में असमर्थ थे। उपायुक्त ने मेरे अस्पताल का पूरा खर्च उठाने की पेशकश की है।’’
एक अन्य पीड़ित राजेश एम जी ने भी उपायुक्त से मुलाकात की और अपना बयान दर्ज कराया। घटना को याद करते हुए उसने मीडिया से कहा, ‘‘उस दिन बहुत अधिक लोग एकत्र हुए थे। मुझे आठ टांके लगे। मैं द्वार संख्या एक पर था। वहां करीब 500 से 1,000 लोग खड़े थे। अचानक दरवाजा खुला और सभी एक-दूसरे को धक्का देते हुए अंदर घुस गए। इस दौरान मुझे धक्का लगा और मैं घेरने के लिए लगी लोहे की छड़ (फेंसिंग रॉड) पर गिर गया और इस तरह मैं घायल हो गया।’’
व्हाइटफील्ड से कार्यक्रम में शामिल होने आए राजेश ने कहा कि जब वह होश में थे, तो उन्होंने पुलिस को तीन बेहोश लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाने में मदद करते देखा।
स्टेडियम के बाहर पर्याप्त पुलिस तैनाती न होने का आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा, ‘‘पुलिस मौजूद थी, लेकिन हर द्वार पर सिर्फ दो या तीन पुलिस अधिकारी थे। वे भीड़ को नियंत्रित करने में असमर्थ थे। हम किसी व्यक्ति विशेष को दोष नहीं दे सकते, लेकिन मेरी राय में सरकार को निवारक और सुरक्षा उपाय करने चाहिए। यहां तक कि लोगों ने भी बुरा व्यवहार किया।’’
उन्होंने यह भी शिकायत की कि भगदड़ में घायल हुए लोगों को कोई मुआवजा नहीं दिया गया है।
घटना के एक दिन बाद यानी पांच जून को जगदीश ने चिन्नास्वामी स्टेडियम का निरीक्षण किया था जहां भगदड़ मची थी। उन्होंने कहा था कि जांच के बाद वे 15 दिनों के भीतर सरकार को रिपोर्ट सौंप देंगे।
भाषा संतोष