वैष्णव ने बीएसएफ को ट्रेन के पुराने डिब्बे उपलब्ध कराने के मामले में चार अधिकारियों को निलंबित किया
आशीष माधव
- 11 Jun 2025, 06:31 PM
- Updated: 06:31 PM
नयी दिल्ली, 11 जून (भाषा) कश्मीर में अमरनाथ यात्रा के दौरान तैनाती के लिए त्रिपुरा से सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के जवानों को लाने के लिए जर्जर और गंदे डिब्बों वाली ट्रेन उपलब्ध कराए जाने के विवाद के बीच रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने चार अधिकारियों को निलंबित कर दिया और जांच के आदेश दिए हैं।
रेल मंत्रालय की ओर से बुधवार को जारी बयान के अनुसार, मंत्री ने कहा कि सुरक्षा बलों की गरिमा सर्वोपरि है और इस तरह की लापरवाही किसी भी स्तर पर बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
यह कार्रवाई पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे जोन द्वारा ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में आरोपों को खारिज करने के एक दिन बाद की गई, जहां सोशल मीडिया उपयोगकर्ताओं ने ऑनलाइन सामने आए ट्रेन के वीडियो पर प्रतिक्रिया देते हुए डिब्बों की स्थिति को लेकर रेलवे की आलोचना की थी।
बीएसएफ की 13 कंपनियों से लगभग 1,200 जवानों को छह जून को त्रिपुरा के उदयपुर से जम्मू तवी के लिए एक विशेष ट्रेन में सवार होना था। ट्रेन का बीच में कुछ स्थानों पर ठहराव था एवं त्रिपुरा, असम और पश्चिम बंगाल में चार स्थानों से जवान सवार होने वाले थे।
अधिकारियों ने बताया कि ट्रेन नौ जून को बीएसएफ को उपलब्ध कराई गई थी और इसकी ‘‘खराब और जर्जर’’ स्थिति देखी तो जवानों ने एक डिब्बे का निरीक्षण करते हुए वीडियो रिकॉर्ड कर लिया।
ट्रेन के डिब्बों की स्थिति को दर्शाने वाले वीडियो सोशल मीडिया पर सामने आने पर रेलवे को विभिन्न क्षेत्रों से कड़ी आलोचना का सामना करना पड़ा, जिसके बाद रेलवे के वरिष्ठ अधिकारियों ने इसका संज्ञान लिया।
कांग्रेस प्रवक्ता शमा मोहम्मद ने ‘एक्स’ पर कहा, ‘‘यह तब होता है जब सरकार का पूरा ध्यान कुछ आकर्षक ट्रेन के प्रचार पर होता है, जबकि आम जनता जानवरों की तरह यात्रा करने को मजबूर होती है।’’
उन्होंने कहा, ‘‘अमरनाथ यात्रा की तैनाती पर जा रहे हमारे बीएसएफ जवानों के लिए गंदगी, कॉकरोच और टूटी सीटों से भरी एक गंदी ट्रेन उपलब्ध कराने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव को शर्म आनी चाहिए।’’
रेल मंत्रालय की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि अलीपुरद्वार रेल डिवीजन के तीन वरिष्ठ सेक्शन इंजीनियर और एक कोचिंग डिपो अधिकारी को रेल मंत्री ने निलंबित कर दिया है।
बयान में कहा गया, ‘‘रेल मंत्री ने कहा कि सुरक्षा बलों की गरिमा सर्वोपरि है और किसी भी स्तर पर इस तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों, इसके लिए जांच के आदेश भी दिए गए हैं।’’
मंत्रालय ने कहा कि सुरक्षाकर्मियों की सुचारू और आरामदायक आवाजाही के लिए सभी सुविधाओं से युक्त एक विशेष ट्रेन की व्यवस्था की गई है। ये जवान जम्मू-कश्मीर में तीन जुलाई से शुरू होने वाली वार्षिक अमरनाथ यात्रा के लिए केंद्र सरकार द्वारा की जा रही केंद्रीय बलों की अतिरिक्त तैनाती का हिस्सा थे।
दस जून को, पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे (एनएफआर) जोन, जिसके अंतर्गत अलीपुरद्वार रेल डिवीजन आता है, ने ट्रेन का एक वीडियो दिखाने वाले सोशल मीडिया पोस्ट का जवाब देते हुए जर्जर डिब्बे उपलब्ध कराने के आरोपों को खारिज कर दिया।
एनएफआर ने पोस्ट किया था, ‘‘यह आरोप गलत है कि बीएसएफ को यात्रा के लिए इस तरह का डिब्बे मुहैया कराये गए थे। डिब्बों को आवश्यक रखरखाव, मरम्मत और सफाई के बाद ही यात्रा के लिए मुहैया कराया जाता है। यह वीडियो एक बिना निरीक्षण किए गए डिब्बे का है जिसे मरम्मत के लिए भेजा जा रहा था और यह बीएसएफ जवानों की यात्रा के लिए नहीं था।’’
अमरनाथ के लिए 38 दिवसीय यात्रा नौ अगस्त को समाप्त होगी।
केंद्र ने यात्रा के संचालन के लिए केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (सीएपीएफ) की कुल 581 कंपनियों की तैनाती का आदेश दिया है, जिसमें लगभग 42,000 कर्मी शामिल होंगे।
पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकवादी हमले के मद्देनजर विशेष सुरक्षा व्यवस्था की जा रही है क्योंकि तीर्थयात्रा को पहले भी आतंकी संगठनों ने निशाना बनाया है। पहलगाम हमले में 26 लोग मारे गए थे, जिनमें अधिकतर पर्यटक थे।
भाषा आशीष