राजस्थान: गुर्जर समाज की ‘महापंचायत', ट्रेन यातायात कुछ घंटे के लिए बाधित रहा, अब यातायात बहाल
राजकुमार
- 08 Jun 2025, 11:48 PM
- Updated: 11:48 PM
जयपुर, आठ जून (भाषा) राजस्थान के भरतपुर जिले में रविवार को आरक्षण समेत विभिन्न मांगों को लेकर गुर्जर समाज की ‘महापंचायत’ हुई जो राज्य सरकार द्वारा उनकी मांगों पर सकारात्मक जवाब दिये जाने पर समाप्त हो गई।
हालांकि समाज के कुछ लोगों ने सरकार के जवाब पर कथित तौर पर असंतोष जताया। प्रदर्शनकारियों ने वहां से गुजरने वाली एक यात्री ट्रेन को रोक दिया जिससे डेढ़ घंटे से अधिक समय तक रेल सेवाएं बाधित रहीं।
इससे पहले समाज के नेता विजय बैंसला ने महापंचायत में राज्य सरकार का जवाब पढ़ा। इसमें अति पिछड़े वर्ग (एमबीसी) को पांच प्रतिशत आरक्षण को संविधान की नौवीं अनुसूची में शामिल करने के लिए राज्य मंत्रिमंडल से मंजूरी दिलाने, गुर्जर आंदोलन के दौरान दर्ज किये गये पुलिस मामलों के निपटान के लिए हर जिले में एक नोडल अधिकारी की नियुक्ति शामिल है।
बैंसला ने दावा किया कि देवनारायण बोर्ड के तहत योजनाओं और कार्यों की मासिक समीक्षा बैठक करने, एक सप्ताह में संबंधित विभाग को सूचित करके लंबित भर्तियों का निपटारा करने आदि पर भी सहमति बनी है।
गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति ने बयाना के पीलूपुरा क्षेत्र में कारबारी शहीद स्मारक पर महापंचायत का आयोजन किया गया था। महापंचायत समाप्त होने के बाद समाज के कुछ लोग रेल लाइनों पर इकट्ठे हो गए और बयाना कस्बे के पास फतेहसिंहपुरा में 54794 मथुरा-सवाई माधोपुर यात्री रेल को रोक दिया तथा पटरियों पर लगे क्लिप हटा दिए।
उनके इस विरोध प्रदर्शन के कारण दिल्ली-मुंबई मार्ग पर ट्रेनों का आवागमन प्रभावित रहा। बाद में अधिकारियों से बातचीत के बाद परिचालन बहाल हुआ।
पश्चिमी मध्य रेलवे के कोटा मंडल में अब फतेह सिंहपुरा और डुंगेरिया स्टेशनों के बीच रेल यातायात बहाल हो गया।
पश्चिम मध्य रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी (सीपीआरओ) ने बताया, ‘‘ट्रेनों का आवागमन डेढ़ घंटे से अधिक समय तक रुका रहा। रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ), स्थानीय पुलिस तथा रेलवे और प्रशासनिक अधिकारियों ने प्रदर्शनकारियों से बातचीत की, जिसके बाद परिचालन सुचारू रूप से बहाल हुआ।’’
कोटा (पश्चिम मध्य रेलवे) के वरिष्ठ मंडल वाणिज्यिक प्रबंधक सौरभ जैन ने बताया कि ट्रैक पर परिचालन पूरी तरह बहाल हो गया।
भरतपुर के जिला कलेक्टर अमित यादव ने संवाददाताओं को बताया कि बातचीत के बाद रेल पटरियों को प्रदर्शनकारी युवाओं ने खाली कर दिया।
भरतपुर के पुलिस महानिरीक्षक राहुल प्रकाश ने कहा कि युवाओं को समझाया गया कि उनकी मांगों को कैसे सुना जाएगा और प्रक्रिया क्या होगी।
विजय बैंसला ने कहा कि पूरा समुदाय मांगों पर सरकार के मसौदा जवाब से खुश है। विजय कई गुर्जर आंदोलन का नेतृत्व कर चुके दिवंगत किरोड़ी सिंह के बेटे हैं।
विजय बैंसला ने कहा कि हो सकता है कुछ लोग पटरियों पर गए हों लेकिन वह इस बारे में ज्यादा नहीं बता सकते।
बैंसला ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, “अति पिछड़े वर्ग (एमबीसी) को पांच प्रतिशत आरक्षण को संविधान की नौवीं अनुसूची में शामिल करवाने के लिए राज्य मंत्रिमंडल द्वारा प्रस्ताव की सिफारिश की जाएगी और केंद्र से (इसे पारित करवाने के लिए) आग्रह किया जाएगा। पूरा समुदाय यही चाहता था। यह एक विधायी मुद्दा है। हम सभी खुश हैं।”
नौवीं अनुसूची में संघ और राज्य कानूनों की सूची है, जिन्हें अदालत में चुनौती नहीं दी जा सकती।
बैंसला ने कहा कि एक और मांग यह है कि गुर्जर आंदोलन के दौरान समुदाय के सदस्यों के खिलाफ दर्ज किये गये पुलिस मामलों का निपटान करने के लिए हर जिले में एक नोडल अधिकारी नियुक्त किया जाना चाहिए।
उन्होंने दावा किया,‘‘सरकार इस पर सहमत हो गई है।’’
इससे पहले दिन में समिति ने भाजपा सरकार को रविवार दोपहर तक अपनी मांगों पर जवाब देने का अल्टीमेटम दिया था।
राजस्थान के गृह राज्य मंत्री जवाहर सिंह बेढ़म ने गुर्जर नेताओं से आंदोलन से बचने की अपील करते हुए कहा, “लोकतंत्र में हर किसी को अपनी बात रखने का अधिकार है। लेकिन, जब सरकार बिना किसी महापंचायत और आंदोलन के बात करने के लिए तैयार है तो महापंचायत क्यों?”
उन्होंने व्यक्तिगत रूप से विजय बैंसला से भी अपील की।
इस महापंचायत के कारण बयाना (भरतपुर) और हिंडौन सिटी (करौली) के बीच यातायात का मार्ग बदला गया। कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए इलाके में अतिरिक्त पुलिस बल तैनात किया गया।
किरोड़ी सिंह बैंसला ने 2006 से आरक्षण मुद्दे पर कई आंदोलन किए हैं।
भाषा पृथ्वी