मुख्यमंत्री भगवंत मान के होटल का खर्च कौन उठा रहा है: रवनीत बिट्टू
राखी प्रशांत
- 08 Jun 2025, 11:46 PM
- Updated: 11:46 PM
लुधियाना, आठ जून (भाषा) लुधियाना पश्चिम विधानसभा सीट पर उपचुनाव के लिये प्रचार करते हुए मुख्यमंत्री भगवंत मान ने जहां लोगों से सत्ताधारी आम आदमी पार्टी (आप) के पक्ष में वोट देने की अपील की तो वहीं केंद्रीय केंद्रीय मंत्री एवं भाजपा नेता रवनीत सिंह बिट्टू ने मान से सवाल किया कि उपचुनाव के प्रचार के दौरान उनके (मान के) होटल का भारी बिल कौन चुका रहा है?
मान ने रविवार को मतदाताओं से आप के प्रगति और विकास के दृष्टिकोण का समर्थन करने का आग्रह किया। मान ने लुधियाना पश्चिम विधानसभा सीट पर 19 जून को होने वाले उपचुनाव के लिए पार्टी उम्मीदवार संजीव अरोड़ा के पक्ष में प्रचार किया।
मान ने दो जनसभाओं को संबोधित किया - एक जवद्दी गांव में और दूसरी वार्ड नंबर 64 में।
मान ने कहा, "दूसरी पार्टियों के विपरीत जो पैसे देकर या एहसानों के वादे करके लोगों को अपने साथ लाती हैं, हमने बस एक साधारण सा निमंत्रण दिया, जिस पर आप सभी ने बड़ी संख्या में प्रतिक्रिया दी है। यह हमारे साढ़े तीन साल के शासन में आपके भरोसे को दर्शाता है।"
बिट्टू ने यहां एक प्रेस वार्ता में दावा किया कि ‘‘एक शिक्षक का बेटा होने का दावा करने वाले मुख्यमंत्री एक ऐसे होटल के कमरे में ठहरे हैं, जिसका प्रतिदिन का किराया एक लाख रुपये है।’’
उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि मुख्यमंत्री ने होटल का एक पूरा तल अपने लिए आरक्षित कर रखा है।
भाजपा नेता ने कहा कि इससे पहले राज्य के मुख्यमंत्री या प्रधानमंत्री जब भी लुधियाना आते थे, वे पंजाब कृषि विश्वविद्यालय के सर्किट हाउस या सट्टन हाउस में ही रुकते थे।
बिट्टू ने सवाल किया, ‘‘अब जबकि राज्य में चुनाव आचार संहिता लागू है, तो यह स्पष्ट किया जाए कि होटल का यह खर्च कौन वहन रहा है।’’
उन्होंने लुधियाना पश्चिम विधानसभा सीट के उपचुनाव को अहम बताते हुए कहा कि भाजपा उम्मीदवार की जीत आवश्यक हो गई है ताकि ‘‘पंजाबियों के अपमान’’ को रोका जा सके।
बिट्टू ने दावा किया कि यदि आप उम्मीदवार की जीत होती है, तो यह पंजाब से एक और गैर-पंजाबी को राज्यसभा भेजे जाने का मार्ग प्रशस्त कर सकती है जिसे उन्होंने अस्वीकार्य बताया।
लुधियाना पश्चिम विधानसभा सीट पर उपचुनाव 19 जून को और मतगणना 23 जून को होगी।
यह सीट आप विधायक गुरप्रीत बस्सी गोगी के निधन के बाद रिक्त हुई थी।
भाषा राखी