उप्र : भेष बदलकर पैसे ऐंठने के आरोप में पुलिसकर्मी समेत पांच लोग गिरफ्तार
सं जफर मनीषा सुरभि
- 19 May 2025, 01:33 PM
- Updated: 01:33 PM
कानपुर (उप्र), 19 मई (भाषा) वसूली रैकेट में शामिल पुलिस के एक होमगार्ड, एक पीआरडी (प्रांतीय रक्षक दल) महिला जवान और तीन अन्य को भेष बदलकर विशेष कार्य बल (एसटीएफ) का अधिकारी बनकर पैसे ऐंठने के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। पुलिस के एक अधिकारी ने सोमवार को यह जानकारी दी।
अधिकारियों ने बताया कि गिरोह का सरगना अजीत यादव एक ट्रैफिक सब-इंस्पेक्टर (टीएसआई) है, जो गिरफ्तारी से बचने के लिए फरार है और यादव को निलंबित कर दिया गया है।
सहायक पुलिस आयुक्त (कल्याणपुर) अभिषेक पांडे ने बताया कि शारदा नगर निवासी अंबिका सिंह चंदेल द्वारा शनिवार को दर्ज कराई गई प्राथमिकी के बाद गिरफ्तारी संभव हो पाई। चंदेल के घर पर आठ मई को छापा मारा गया था।
चंदेल ने अपनी प्राथमिकी में कहा था कि सात से आठ सदस्यों वाले एक गिरोह ने पुलिस की वर्दी में एसटीएफ अधिकारी बनकर उनके किराए के घर पर छापा मारा और उनकी भाभी एवं उनकी सहेली सहित उनके परिवार के सदस्यों की लाठियों से पिटाई की।
सहायक पुलिस आयुक्त ने कहा कि गिरोह ने सायरन वाले वाहनों का इस्तेमाल किया और नकली पुलिस प्रतीक चिह्न लगाए।
पुलिस उपायुक्त (पश्चिम) दिनेश त्रिपाठी ने बताया कि गिरोह ने पीड़ितों को फर्जी मामलों में फंसाने की धमकी देकर उनसे 1.40 लाख रुपये नकद और 30 हजार रुपये ऑनलाइन ऐंठ लिए।
निगरानी टीम को गिरोह के बारे में खुफिया जानकारी जुटाने में सफलता मिली और जब उन्हें पता चला कि गिरोह में एक असली पुलिसकर्मी, टीएसआई अजीत यादव, होमगार्ड राजीव दीक्षित और महिला पीआरडी जवान वर्षा चौहान शामिल हैं, तो वे हैरान रह गए।
पीआरडी शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए काम करती है।
पुलिस ने गिरोह के पांच सदस्यों को गिरफ्तार किया है, जिनमें होमगार्ड राजीव दीक्षित (46), पीआरडी जवान वर्षा चौहान (28) के अलावा अरविंद शुक्ला (42), अनिरुद्ध यादव उर्फ विनय (28) और अनुज कुमार यादव उर्फ डम्पी (28) शामिल हैं।
पूछताछ में गिरफ्तार लोगों ने बताया कि पिछले दिनों ड्यूटी पर तैनात टीएसआई, होमगार्ड और महिला पीआरडी से उनकी मुलाकात हुई थी। इसके बाद गिरोह बनाकर नापाक मंसूबे को अंजाम देने की साजिश रची गई थी।
बाद में उन्होंने अपने काम को आसान बनाने के लिए पांच अन्य लोगों को भी गिरोह में शामिल कर लिया। यह पाया गया कि गिरोह मुख्य रूप से ‘सेक्स रैकेट’ या जुआ जैसी अवैध गतिविधियों में शामिल लोगों को निशाना बनाता था।
अधिकारियों ने बताया कि उन्होंने सबसे पहले स्थानों का चयन करने के लिए निगरानी की, फिर वर्दी पहनकर, पुलिस के प्रतीक चिह्न वाले वाहनों पर सायरन बजाते हुए निकल पड़े। पुलिस ने उनके कब्जे से दो वाहन, एक मोबाइल फोन और 3,200 रुपये नकद बरामद किए हैं।
भाषा सं जफर मनीषा